পাতা:কাদম্বরী (হরিদাস সিদ্ধান্তবাগীশ).pdf/৪৫১

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8 Y 8 वादब्बरो पूर्वभागे कण्ठभागाम परिवेश () परिगत चन्ट्रमण्डलामिव यौण मार्सेोनिशाम , (२) (र) श्रधामुख हर शिर कपाल-मण्ड़लाकारेण मीच पुर द्वार कलस (२) कान्तिना स्तनयुगलैन, एक-इ स मि , न (g) सनाथामिव गङ्गाम, (५) (ल) गौरोसिंहसटा मयेनैव चामर रुचिराक्कतिना (.) स्तनयुगलमध्यनिबडग्रन्थिना करूपतरु लताबरुकलेन छातीतरीयछात्याम , (ब) प्रयुग्मनोचनसकाशात् प्रसादलब्ध न चूडामणि चन्द्र-मयूख जालेनेव मण्डलोक्कतेन ब्रह्मसूत्रग पवित्रोछतकायाम , (e) (श) w परिवटित चन्द्रमण्डल यस्या ता पौण मासीनिशामिब यिताम्। धत्व प्रथमाश्तखी जात्युत्ग्रेचा आमलकीति शुप्तापमा पटाथछैतृक काव्य लब्रम् तथा परिक्शन सह मुक्तामालाया चन्द्रमण्डलैन। तनुखख पौण मासौ निगया च तना त्त साट्टश्यमिति औत्यपमा चैत्र्थतासामङ्गा स्वभावैन सङ्कर ! (ख) अध *fो ! भधीमुख इरस्य शिवस्य शिरसि यन् कपाल नरशिरी; रथ तइन्कण्डखाकारेण व* ला छतिना तया मीथल यन् पृर ब्रद्वाभवन तस्य दारवलसवत् हारस्थापितकुन्भवत् कातिय ख तेन ताइीन खनपुगख नीपलक्षिनामित्वथ अतएव एकैन इसीमि धनेन युगलैन सनाथ सयुक्रा त गङ्गानिव ह्यिताम्। अत्र शुमीपमा ६यम् पठाथ हतृक काब्यणि इम् तथा त्त्सयुगलन त युगलख गङ्गया च कन्याया सादृश्ल्लमिति बौलुपमा चंतासा महाद्विभ वेन सदर । कपालय उन्मुवाच त६प रभागस्य उच्चावच चान्मगुएलाकारी न स्यात् कपाक्षस्याधीमुखत्व तु तत्पृष्ठभागस्य दृष्टिगोचरस्य मण्डलाकार स्यादित्य तत्प्रतिपादनायाधीमुखपदमिति बीध्यम् । (व) गौरी'त । गौरीसि इस्य दुर्गाया वाहनीभूत स इस्य सटामयनेव जटानिमितेनेव चामरवत् रुचिरा भाष्ठतिय स्य तैन तथा स्तनयुगलस्य मध्ये निबड्डी यथिय य तेन कल्यतरुलतावरकलेन क्कतम् उत्तरौयस्य छात्य कार्य वस्याक्षाम् । भत्र क्रिोत्चालुमीपमयोमिथो निरपैद्यतया ससृष्टि । (ग) अयुग्मेत । अयुग्मली वनख विीचनख ण्विस्य मकाशात् प्रसादलब्धन अनुयहात् प्राप्त ग च जामी शिवखव च डामणैभूतस्य चन्द्रख मय खजालनेव किरणवलापेनेव खितेव शधत्वादिति भाव मण्डलौहातेन BS BB BB BBBB BBBB BBBBBB BBB BB BB BBS BBD BBBBB আগত সপ্তর্ষিগণের ন্যায় সেই মুক্তাগুলিকে দেখা যাইতেছিল এবং ঐক্লপ মুক্তামাশায় বণ্ঠদে পৰিবেষ্টিত ছিল বলিয়া পরিবে দ্বাৰা চন্দ্রমণ্ডল পবিবেষ্টিত হইলে পূর্ণিমার রাত্রির স্বায়ু সেই বস্ত টী ক দেখা যাইতেছিল, (গ) মহাদেবের মস্তকস্থিত অধোমুখ নরমুণ্ডেব ন্যায় BBBBB BBS BB BBBB BBBB BBBBB BB BBBBB BB BBS BB BBBB বক্ষ স্থলে বিরাজ করিতেছিল , স্থতয়া কেবল দু ট - সস যুক্ত গঙ্গাব স্বায় তাহাকে দেখা যাশন্তেছিল (ব) চ মবের স্থায় সুন্দর আকৃতি একখানা কল্পতরুব বন্ধ ল তাঁহার স্তনযুগলের BBB BB BBB BS BB BBBB BBB BYS BBBBBS BBB BB BBB BSBB BBBBS BBS BBB BB SBBB S BB BB BBBBB BB BBBB তা বি দেহ পবিত্র করিয়াছিল মহাদেবেব নিকট হষ্টতে অনুগ্রহে লব্ধ তাঁহারই চূড়ামণি (१) परिवंष ! (२) पौण मासौम् । (३) मीचद्वारकलश नीचच्चारनियुक्तकलम । (४) एकगतरु स । (५) श्र तगङ्गाम् । (६) चौराकृतिना । (७) पवित्रतरौष्ठातकावाम् ।