পাতা:গৌড়লেখমালা (প্রথম স্তবক).djvu/৬৯

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নারায়ণপালদেবের তাম্রশাসন।

लक्ष्मी-जन्मनिकेतनं समकरो वोढ़ुं क्षमः क्ष्मा-भरं
पक्षच्छेदभयादु-
पस्थितवता मेकाश्रयो भूभृतां।
मर्य्यादा-परिपालनैकनिरतः शौर्य्यालयो ऽस्मादभू-
द्दुग्धाम्भोधि-विलास-
हासि-महिमा श्रीधर्म्मपालो नृपः॥(২)
जित्वेन्ट्रराज‑प्रभृती‑नराती-
नुपार्जिता येन महोदय-श्रीः।
दत्ता पुनः
सा बलिनार्थयित्रे
चक्रायुधायानति-वामनाय॥(৩)
रामस्येव गृहीत-सत्यतपस स्तस्यानुरूपो गुणैः
सौमित्रे रुदपा-
दि तुल्य-महिमा वाक्‌पालनामानुजः।
यः श्रीमान्नय-विक्रमैक-वसति र्भ्रातुः स्थितः शासने
शून्याः शत्रु-पताकिनी-
१० भि रकरो देकातपत्रा दिशः॥(৪)
तस्मादुपेन्द्रचरितै र्ज्जगतीं पुनानः
पुत्रो बभूव विजयी जयपालनामा।
धर्म्मद्वि-
११ षां शमयिता युधि देवपाले
यः पूर्व्वजे भुवनराज्य-सुखान्यनैषीत्॥(৫)

^(২)  স্রগ্ধরা।

^(৩)  শার্দ্দূলবিক্রীড়িত।

^(৪)  ইন্দ্রবজ্রা।

^(৫)  বসন্ততিলক।

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