পাতা:আমার জীবন (চতুর্থ ভাগ) - নবীনচন্দ্র সেন.djvu/১৪৮

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*द्रदडक कांव । ויכיני MBB BBB BBBB BDS KDDD DS aaHH g HBDB DDD चाबूद कtइ गा#ाइग्र त्रि। कदिवद्र cश्मनांबू ‘ब्रवठक' फेनशद्र गाश्या ভাষার এবং কৰিখের খুব প্রশংসা করিা লিখিয়াছিলেন—“তোমার এ काएवा अभिजाकद्र झमा ठूमि ८वक्र" प्रtनद्र मठ कागाहेबाइ,श्राभाद्र विचाग ८य ७ठ fनtन ना** टिभिवाद्र उाया रहे इरेंग । ठबना श्रामि८ठrमां८क DD DD DSBB BBBBB BBBB S DD DD DDBB B DDD BB BBBBSB BB BBB B BBB DHHHGB BBSDD D D DD tCCB BBD DBBB S BBB BB BBS BB SBBB S DDS निथिाश डाग श्रेँ ठ।" श्। अहो ! श्ञ्जा श्:१८गथा ८र :ादठ:का' BSBB BBB BB B BDDBB BBBB BSS BDD DDD DD BBBB LLL BBBBBBS BBBBS BBB BBB BBB BBB প্রশংসা কংিস্থা পত্র লিখিলেন। সাহিত্যে ঠাৱা অসাধারণ জঙ্কিার ছিল। কিছু দিন পরে প্রকাশকের পত্র পাইরা ৰিস্থিত ইলাম। তিনি BSBGGDD SDDDS SS0B BBBSBBB S BBBB BBBBBB DDB পর্যাৰ কমিসেরিয়েট ডিপার্টমেন্টের একজন রৈবতক চাহিয়া পাঠাইবা cझ्न । श्राद्र७ किङ्ग दिन "प्द्र "गाथाद्रगै८ठ" दह दब८क रेशद्र अरू बौर्ष S BBHH DDHHHBB BDD DDBS BBBBB BBB BBDDD DDG BBBB BBBB BBB BBB BBD DDS DD DDD DDD BtS DDBBS BBB BB BSBBB D DD DDD DBB DD S विनि ब्रक्रमा क*ि॥ां८झ्न ठिनि छैशद्र ५कब्रन कठौ निश u***नकैौन ব্লগে টলটলায়মান। " यकत्रिम दछ त्रेनाप्नद्र ७क "ज गाहेगाम । ठांशtठ cगचा चांtइ"नारवान, फूमि ‘डाब्रडौrरू' 'tश्रडक' ठेगशद्र निख ना 1 cन रिन द्रवि ठाकूरब्रद्र नरिङ चामाद्र नाचग९ हरेब्राझिग । cन ८ठमाद्र **बरठरकब्र'