পাতা:আর্য্যদর্শন - তৃতীয় খণ্ড.pdf/২৯৪

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"নি ১"। প্রাপ্ত গ্রন্থের সংক্ষিগুণসমালোচনা। ૨૫-૧ ब्रकाश शत्र महैिं, कईशान्न शत्र >ाजधानीज,cव'ऋष नाहे, जिथाविऔर ख gन प्रब अtइ। शत्र ! चर्च्छिनांनई चांबांझ ज्ञकमानं कहाझ॥ चा*ि ੋ ਂੋ ਬੋਸ, ‘’ দেখলে बूनिवर्स बन টুলে—কেন હરે | क्लिव्रांद्र कांमाङ्ग चtायांह झझ कन | £बज़ बिनाiट्ज़ फयानांद्र ठड अङ्कजक हित পথের লোক স্থা করে চেন্ধে থাকবে । ऋज, ८कम श्रामि ब्रtनांनाङ्ग बटन चद्दिष्ठ डाग वनgख्य ! शव ! क"-ऋर्कडे इज । नहिंदन श्रायात्र ७ इर्वचा इ'ड मा, श्राबिहे आमा गर्सনাশের মূল !" লক্ষ্মীৰাকু নাটকালিৰ স্নায় একট| शन वहै, टैंझtत्र कांश्-मtश ब*नहिक फांश बिfनहेकान Hबन चारक। ८ण gकांब बिंबङ्ग वर्जिह. इसैंक ना कन, ऋद्माद्दा धन्द्रtनहिक झांव चंग्लिों कfद्वा झांझ द्वबंग्लिश कब्रिज्ञा बिाल, झांझाझ झ अर गर्छ षड कन ड९** श्ध आश* জা সঙ্গেৰ নাই। লম্বীৰাং গ্রন্থf t ஆர் ரி, அது சரிது इब्र। नाप्नेटकब्र विवृत्र नबूवात्र नानबढ़, fक मबांचैौ ब्रांब्रहबम, fक झाईटवत्र झ बौक्लबांकटा वङ्गवत्र प्रब क्लब्रिक गङ्गजहैं द्रविड ४ श्रधात्र कशकिफ, बां*क्कि अंtर्श बग्नशं विद्युत्र-छूमिरैनानना, किक ऋब्रव इहेtछ अग्रानदब जकावर्णैब्र कँकात्र, নাৰী.পত্তন ণীেগাছাসেৱ । গন্ধ, শেৱালিৰ মনে এীৰ श्ा ॥ झारैश्च चाचि वरैः वङ्गाग फैर्न्निङ्गैीटमांशानांझङ्क्ष-ननिषॆबृंह्रिमIE= ८चन। ছং লিঙ্ক ইন্ত্রেছে। পাঠক্ষ ষ্টমিটাদের छमा इ:बिह इहैंझा इकन क्लॉईवटक तड़ স্বার তিরস্কার ক্ষরিত্বে ইদান্ত ছয়েন। ৰ ৰাজাস্থাপনের মূলে এই স্বল্প অধর্ম্ম তাহার পরিণাম যে-কিন্ধপ झंझैप्टन डङ्ग उबिबाकहे छानन ॥ ८गहे कृशर्षक ड** नमा कविाङ्ग क्वमाई कन, कांक्कrा «Hнfн яtbгчтtнтчеч. ه». Επιπ कविङ्गा ब्लगिHद्दत्वद्ध यानाञ्चEक्रङ्ग क्लिक्क छात्र छूमिटङ झबफाब्दिक कद्भिवाश्म । ईश tफ़ फेंब्लिकैंitत्वद्र नttझङ्ग नद्भिनात्र नटह, क्लॉईट्वत्र नमृक्लिफ़ हिङ्गन्नांब्र। fबंनेि टैंiझात्र फॅम्राद्धकांद्र ¢नष्फा क्रतु gहावंन, फिनि झांख्रिश्च झनॉब्रांहल्लाज़ ब्राँझैन झटका कैंट्सद्वह कप्लिएक चिाश्वम नाहे ॥ fकाशाळात्र ब*ईu gg DD uS uC S BBS কৌশলে শঙ্ক শঙ্ক কার্য সম্পাদিত স্থা गजांकन £मद्ध इहैंrठाइ । याद्र ब्रांमब्रl 4 जबांtगांEनl dतंदूक TS B KS KZBBS ZB S kkk कौंकfन्न कfब्रेब [ण 4 नत्वपूँक बांनिम्न झांबा बड़ि फेंकिञ्चन धबई नfफ्रैंकौब बाकिञ्चम्बद्ध কথোপকথনে জীৰিক্ত ভাৰ বিদ্যমান দেখা बाज़ I * गिरजांनग्न-***ाशै७र्क मात्राग बानिक नक छ जबांtजांझन। ,♚हिब्रध्ना ॥ মুখোপাধারকত্বৰ,সম্পাঞ্চি। প্রাক, कञ्च बिछ।’ यूना v। अब बाज। आविन बानरश्रड युनिट । **ावर