পাতা:কাদম্বরী (হরিদাস সিদ্ধান্তবাগীশ).pdf/১৩

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प्रथ बाणभट्टस्य व शावलौ । སྐ་ཀ་ पुलइ | वात्स्य (१) I གྷ་ཤྲཱི་ | | | | षच्य्त ध्रेशान हर ཡ་ཀ་ས་། པ་ཐ་།ཌི། | | | i | | | | | * भ से शथि कवि मीदत्त धर्क जातवेदा चित्रभानु बीच अदित्त ੇ གག་༔ (प्रस्य माता राज्थदेवी) भूषणभङ (२) AAAAAASA SAAAAS AAAAAS AAAAAMAMS AAAAAS (१) खय वात्स्यस्तु पुखहात् इति ब्रष्ठाव वत्तपुराणन् । वात्खानन्तर बश्नामेव पुरुषाथ नामानि ग खभ्यन्त । (२) केषाविनाते भूषणबाण थपरेषां मते पुखिन्द तदन्यवाच मते पुजिन बाणमइतनयख चल्वारि जामानि परिलछ्यन्त ।