পাতা:বিশ্বকোষ অষ্টাদশ খণ্ড.djvu/৩০৫

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श्रेच्न ! cरूक्ण यूरु पनिद्रा मार, छैशब्र गहनारबद्र श्षबइ निtफ्फरन पनिइ वांछक्रशत्र इक्यूब भग ७ चब्रक्छिरनs जांननषेिभरक चांनषमा कतिबा फूनिरङम । भtरंश नरश्छिांद्र ४s१२s-७० मयब दूकश्यूजिइ रूष श्रांप्इ । *olरे दांड डक ब्ररक् क्बिश्वांक्नांकाशैौ अष cननांविरभङ्ग वणवईनकईौ हिण । 4हे इकूछि नफ्ण कडिम्ब निरूछे ८षावना कहिबाट अछ निबड खेछद्रव कब्रिहीं थांtक ॥* 4हे णकण केखि खरेरउ बरन श्छ, थांर्षण१ इयूडिबांरच्द्र भक्नोइड ज्वरू कविद जड डे९स्त श्रेय उडिन। ज्ङ श्रृंक छांशंरक्ङ्गवृण4ाशांन कब्रिफ । हेंश८उ भ८म कब्रां षांत्र cष, cनहे थांछैौन रक्किपूरणब्र आर्ष** नाछनशैtउद्र नडिrड কিরূপ বিমোছিত হুইডেন এবং উহার সেই সময়ে বাষ্ঠবিশেষের ঐক্যভানৰামে কিরূপ পারাণী ছিলেন। বৈদিকযুগের পর ব্রাহ্মণ ও উপনিষদযুগে আধাসমাজে ৰাভৰন্ত্রের বিশেষ প্রভাব ছিল। বাগবজ্ঞাদিতে শখধন্টানাদ দিগ্বদিগন্তে প্রসারিত হইত। झामाब्रगैत्र ७ मशखांब्रउँौद्र पू*ी आमद्रा ब्रभtखनैौ, झनूङि, দামামা প্রভৃত্তি অনেকগুলি মুষির ও আনদ্ধান্ত্রের উল্লেখ দেখিতে পাই । ঐ খাদ্যযন্ত্রগুলি যে তৎকালে একযোগে ৰাজিত হইত, তাহাতে কোন সন্দেহ নাই । রাজা যুধিষ্ঠির যখন ইঙ্গগন্থের সিংহাসনে সমাসীন, তখন छांब्ररङ यज्ञयांtछब्र विप्लब श्रांनब्र झ्नि-ऊश्वन ब्रांजरुछां★ण ७ जज्ञांढ शैौरणां८कब्र मैड, बांध् स नृङा निक्र कब्रिप्ठन । বিরাটরাজভবনে বৃহন্নলাবেশে অর্জনের মৃত্যগীতশিক্ষাদান एङॉझांद्र eथभो५ ।। नूद्रां* श्रेष्ठ जांना बांग्र cए, ७कमांज गब्रषउँौ cनशैौहे रौग दांबारेरङ नमथीं हिरणन। महर्षि नांब्रन वैौण यांखाहेब्रा शब्रिमांभ जॉन कब्रिtठन बth, क्च् िछैiहांद्र cन बांध्र, ब्रांत्र, ठांग ७ णब्रযোগে পূর্ণমাত্রায় ব্যক্ত হইত না। এ সম্বন্ধে এইরূপ একটি গল্প जाएइ,-भूनिब्र मान मान अङियान श्नि, डिनि नशैठनारद्ध বিশেষ পারদর্শী। তাহার সেই দৰ্প খর্ব করিবার জন্ত একদিন অগৰাৰ বিষ্ণু নাৱৰে লইয়া ভ্রমণচ্ছলে স্বরলোকে একস্থানে बाहेब्र छे'श्ठि श्हेरनन । नब्रिन ठषाब्र श्छन्वा िउद्र रूडक ●नि नद्रमांद्रीक अवरगांकन कब्रिज्ञा शथिल क्रिरङ ७षरशाब्र कब्रन बिलानां कश्रिण ठोशांब्र फेडब्र कब्रिण, “जामब्र cबदक्श्वि-ऋडे ब्रांज़ेब्रॉनेिनै, मांब्रन नांदन ७क पश्ि .**अभवtछ भनाशभcङ ब्रार्ण भ्रानिनैद्र श्रांगां* कब्रिज थांनाप्नब्र अभडक कब्रांइ dई इर्विनी पौरेिब्रांtइ ॥” नाब्रव छषन छनवाप्नद्र इगना इक्विां क्रविष पर कवि उष रहेछ প্রন্থাগ করলেন। . - [ و ده .t !, w .* * : ... o.

  • ३ भरग्नष्ठ ऋन संशèहडेक, ●ङ्गलभrच गांधन ब हरेरण cर वांछनशैठ जांबख शश्वाश मरए, जोश cवर्ष पूका पाच ॥

गबचउँौरक्री ९ माइक् पश्चािँडभित्र पनेिश कच्।िु এই ৰীখা আৰায় আকাজে বটে এবং সেই সঙ্গে ঠা विंछिद्र अधि७ अवख हऐब्राहिल ॥ ऐश चञ्चवैौ* अध्लक अभिक्लिक । चन्नौनी मांबांक्षि, फकाrषा वांशtख ७कखांन' फांश ५कखर्जी, बांश क्डिांब्रविनिटे डांश रिडी, बांश बिडांग्रभूख जांश जिडशै। बिहीब ना?ान नबाहे श्रांनाकेजीरनद्र नडाइ नाब्रश cशनैग्न अनाथांमन नशैफलांइषि९ ऑरे बिडौवैौणारक cनडांइ मांब cश्न । नतडांइदूङ वैौगोत्र मांम नब्रिबाक्मैिौ t. फूषैौत्र फेनरब्रह क्कूि ष७ कब्रिह ८ष वैोग मिचिंड श्छ, ठांशद्र माम ककनी, खेश uषम रुहूब cनफात्र नारब ७निक। dरेझन नऊङडौषूङ शैली७ आtइ । उॉब्ररङग्न भेडिशनिक यूश७ बांध्ॉक्कि ऋष8 नब्रिछद्र नाख्द्र बांद्र । ७धांछैौम माँ?कांविtङ खांबांब्र ॐअर्थ जांटह ।। ८कदन डांब्रठ वणिग्न नरश्, भषा uनिब्राष८७ब्र इ७थांठौन जानिनैौद्र কালীন প্রভৃতি রাজ্যবালী মহানন্মে মহোৎলখাদিতে বাস্ত बांबांहेrउन । ठ१नकांग्न निtनs cनदबनिप्राविरङ नश्व, दछे 6 दरले अङ्कडि बांक्रनग्न ब्रैौठि झिण । cरूब्रिांt१ फेrझर्ष नारे जानिब्र भूनणबाम** निौज e श्रीब्रंशन् ॰बाष्ठम गङ्गैड नटॆ नेित्राणि, शानि क्षणिश् एiङ्गश् चोन्। ब्रनिरनग्न ठे९गांश् नूनब्राद्र शाम ७ यांबमाग्र अडि* श्द्र । তাহার মৃত্যুর পর খলিফার বড়ই ৰিলালগ্রিন্থ হইয়াছিলেন, ठठहे जान ७ बांtनाब फेब्रङि'नाषिछ इ३ब्राहिण। गन्नैौrजां९गांशै ब्रांजणtशद्र बरश उब्राऊद्र cमानण गमाः জৰুৰয় শাহকে সর্বশ্রেষ্ঠ আসন দান করা ৰাইতে পারে । তিনি রাজ্যশাসনকল্পে যুদ্ধবিগ্রহ ও ব্যবস্থাগ্রগানে নিরন্তর ব্যাপৃত थांकिtणeगणैौtङब्र अष्ट्रलैगरम शरषहै चांaइ अकाल कiिt७म । তাহার সভার স্ববিখ্যাত গাৰু গোপাল নামৰ মিঞা তানসেন প্রভৃতি বিজ্ঞান ছিলেন। এৰা আছে, দ্বীপৰ গালে গলা লই হুইবার পর তানসেন সামাই প্রস্তুত করি রাগাদির আলাপ - कब्रिtडन । . . . . . . . . *"छबडवानीषिणब छात्र आौन औरू जडित्र ऋष नकां★ हिनcष cत्रवज्राब्रांश् नशैडविच ९ वाच्यप्वत्रशतैलई{1शहै छैशंव्र ७रु अरुणै cबबज्रएक ཝ།ས་ག་སྣ་(གས་ཐག་ ཞིག་ཏི་དག་་ शक्वि गाबाहेब ब्राषिशाप्रश्न। निरवद्र क्विां★विह्न भश्व, गद्र वडोब्र पौण, क्षकद्र बैंने ४ अञ्चोछ कूिुकमौद्र हप्क्ष cयभन छि च्द्रि ऋच्या भऋिषडिड aथ कर, लरेंकन औकश्रित्र