পাতা:বিশ্বকোষ অষ্টাদশ খণ্ড.djvu/৭২৪

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* अशार6न । •इन। ***रि श्रड बनवावfनिक-| * বিবৰ্ত্তবাদ (পুং) ৰোশৰ বা ধর্ম। " रूषकांइ५ विष6कांश अक्कीtद्रां ॐष६r* { गर्कपर्णनभ*y विवर्डिङ (नज) * गतििवउिंड । ९ अंश्रांकर्डिक ।। ०पूर्निङ । * अभेिछ । ● कन्नैौफ ॥ ... ; ; *...*.* বিবর্তিতসদ্ধি ক্ষে) গলিত গাঙ্গে। ভাৰা বা व गांचविंद्र जनगथ इंदेशे विक्यांबडा ७ cनरे शtन जठाउ ८वक्रम शह, डrद' ठशरंक विकडिंङगणि ऋण । जर्षी९ cशन कब्रt५ दिएषश जांथां७ <धो५ ह३८ण अंग्रैौtब्रब्र £कॉनं गकिहान व হইলেই . छाइएक दिवंच्चि-जछि गण श्छ । চিকিৎসা।—এখনও স্বতন্ত্ৰক্ষিত পক্টৰ দ্বারা ভয় সখিস্থান খৰি ষ্ট্রেপূঞ্জলেই পটপনি কুশ অর্থাৎ টানি शण व दीप्तब्र ठो शंगनभूर्लक दशनिद्राम दकन कहा जांक्छक। दकरनग्न बिब्रब ७३, छद्रझांटम भिषिणखांtव दर्कम कब्रिtण जक्इिण স্থির থাকে মা এবং দৃঢ়ৰূপে বন্ধন করিলে আগাদি শোখ ও বেদন बूख हइ uवर गकिब्र फेd, चर्फuद गाषांत्रण छांप्वहे जर्षीं९ निषिण७ नन्न, हaि मछ, ५ङ्गभङांट्व क्कम कब्र फेल्छिी ८नौश খন্থতে অর্থাৎ নেও এ শিশিরকালে সপ্ত বিদাৰয়, সাধারণ অর্থাৎ বর্ণ, শরৎ ও ধাৰালে পাঁচ ৰিলা, এবং আয়ে क्षफूड जर्षीं९ जैौद्रकरण डिन क्षिनांडद्र उधइन क्कन कब्र पि१॥ ; खरं षण्मश्ांग्ब श् िcमि वि षं, डीश शऎ:ण जांद♚क मख भूशिश शृनद्रांज,बकन कब्र पांइ । अिनव-अबिी, कोयु, बज्झक्न ७ भनिउभ्रूण, ७३ गकण cभश्नभूर्लक नख्रशैड इज्जइ बिथिफ कबिंब अरजन দিত্তে ছয় । * , गऋिक्क -क, क्लश्न, चष५, नाइक, शीमधू, जाभङ्ग, अर्थमवृच, जांब, cकांकांब {cर्फ७फ़ों }, cछब्रक (*चअवा विप्नंद ), cठबनब, जबूकन, वनबट्स, निद्रांन्,"cनौकां*, कछेকল, বেতন, কান, স্বামী, গাৎপাদক,গো, মাঞ্চলো, cङण, शणां* * जर्नौइक, ७३ नकणधकङ्गमैोडण कांध शब्र खचि श्रश्मि शश्चि' श्चा' ँ इीन चािरन क्षश्रिण भागणान, श्रीकृष्ण, इस्डी,.**कई थ. cfकृत कहे चलक जश श्धन शझ भोक अझिबेपश्कचक्इुकधुक्लिक्ष्म कविश्व कालं च तव श्रिक्ष्मीपूर्तरू. cोकथामक्र ठेवर { cडान बाबाइ अकण क्वि च्tश** आज्ञशरणगान *

  • frfa * भौद्रब८कोमशtन उध रश्ध अरि अक्मबिउ श्{ण cनहे

अश् िफेब्रविड अदर फेब्रविड श्रेरण थक्नविक कब्रेिझ वर्षाशांप्न गरशंभनभूर्लक रकम कड्रिड इझ । उधंशप्नग्न अश् ि३९किख णलिङडांप्रु छामिब्र, गकिशtन छध्र अश्चिद्र णश्रवांजिल कब्रिड्रा दृष्क्रप्न दक्म रूहि क्रिष। cकन अश् िभाषांभरु श्रेरण जीर।। ७रिक शिष। शिश्न गरप्वाचने बध्न ॰क्षितः । थांश्न (वैौर्ष खांदव छैबी), नैौफ़्म ( düभ1), गरष्क्रान (नब्राक् अंकांtब्र) क्शंशप्न.गद्विरवर्ण ७ वकम, ७* नक्न $भीब दांब्र বুদ্ধিমান চিকিৎসক শীরের সচল ও অচল গন্ধিলঙ্কল যথাস্থানে সংস্থাপিতৃক্ষরি থাকেন। । श्रृंप्रैोएब्रग्न थज्राण फेब्रििक९न,७थझम ७ क्कम७िऐक्रन्মৎসখি,-নখসন্ধিসমুৎপিষ্ট অর্থাৎ চুর্ণিত এবং রক্তদঞ্চিত इहेप्न, जांप्इ नांमक अज्ज वांज्ञां cगद्देशांम भषिठ कब्रिब्र! ब्रख दांश्ध्नि कब्बिङ्गाँcकणिहद । •नजण छध्र,-*षउज उई शहैtण उांशद्दछ छङ बांषाहेब्रt शूर्कीङ क्कम जिब्राइनांtा दकम करिष । अश्क्रन छश्वादशक क्षोष्ठ शांबांध कब्रिrख नॉरें। - o जघूलिङइ,-जत्रूणि छछ क्रिवl *शंद्र नकिदिग्नि8 इदैरण ঐস্থানগমানভাৰে স্থাপিত কৰিীক্ষা পট্টবস্তু দ্বার বেষ্টন্নপূর্বক उझनहि इङ <गळ्म कब्रिrव । ५. जाण्षाक्डध,-बम्ब व खेक श्लभ श्रेन अजैौष बाद षांश्न गरे बन्छ. व ओर शै*** शनिश उच्द्र नदिन गरप्वाँवड कविता कtन झकब झन «tनभूतंक नोरड बाजी বন্ধন কৰি উণের অষ্টি নির্গত, জুটন্ত ঋপিডিজ कदेrण बूक्रियांबू ििक६णक cनदे चनश् िध्झNठल काँग्री जकिक कति शेर्षणप्र भनिद्रा श्रृंसीउ अक्टङ्ग क्कनकवि देख अज्द्र (चण्य ७ अक्रग्रनs) cकन चीन कध श्वेश्म ईशगक कrव चपन झक्रिय, cशन ई उचशन छांनिछ श्रेष्ठं मां भरिक SSBBBB BBBB BB BBBB BBB DDtS te g DDDD DDD DD S DDD DDD DDS