পাতা:সাহিত্য-সাধক-চরিতমালা তৃতীয় খণ্ড.djvu/১৪

এই পাতাটির মুদ্রণ সংশোধন করা প্রয়োজন।

*२१० गत्वा स्नीष प्रानt है६१v४०) शबॉक्षांश rjभलभाष श् शूलैौङ्गभtw-निशंौ झष्ङ्विनिं शुभीथीक्षांचि श्नः श्ौ टेक्नॉनकाकिनी एक्शैरक विकाइ करतन। काशक क्थना गीत (*१४***ी क्षिप्नोल शहैtग छिबि ५कल्ले क्षिताएक विषाश् कवॆिदांश्लिन । निवमर्षि नाडी छैशन ‘थाच्चक्रश्छि'५३ स्विष-क्षिाह नराक निषिाirइव : °१७७४ गाजा धृथाष चाबङ्ग ७क विद-विवाश् जिक, छांशज इंख्रिवृद्ध औरे ;-बेलामक्लब ब्राह बांबक मशैइ-क्कनभद्रबिशगौ ४ कर्णिकांठ-aषाशैौ ७क दूवक उधम कणिकांश* cषझिकण कामुक नारी कछिन । डैझोग्न गर्न झैंहोङ्ग अझ] ४५क क्विन भ्रनिर्मौ श्णिन। थायात छछि शांश cश्वात क्रिाइग्न (ििन भाग्न छक्राषिबै भद्धिका जन्णाश्रु श्रेइझिनब) ॐ tबtबकि गङ्गारेड्म। cरर्थकाशन बिक चां*ि cषकिड़ अन्त्णा जर्कशा उर्मिलाय। छिवि आबारू पनिाउन cर, बुद्धि भाहे उाशः श्राबाद बिनाइ रिड क्ला। चामि ४श्वत्रतापि विश्ाणiश्रृङ्गङ्ग dश्ल।। ७”रिक्षश1-ििरश्व शृच्छ्। षtक्षि धनि शाकानि छविकृषि थांभांह थानांमै कि ¢कीमe cशन नोंeद्री साइ बl, cश् rstारिक रिबाइ करिष्ठ नtन। देफिक्षtश भाषांत्र नशशाग्रो बछ cशtत्रवनाथ बनणानीकांश स्निग्नेौक श्रेणब ।। छैशद्ध aथश औद्र नब्रालांक्श्रयाबद्र इन वान शिवन ऋषारे सैशिग्न चांद्यैौ॥ ऋषम छैशtक श्रृंनब्रांद्र बनiिdइ कविांद्र बछ DDD DBB BBBBS BBB DDt DBB BD DD चनारेtणब dषः थांशाङ्गणद्ववर्ष कांश्लिम । थप्रिं रणिनांक्