পাতা:সাহিত্য-সাধক-চরিতমালা তৃতীয় খণ্ড.djvu/২১২

এই পাতাটির মুদ্রণ সংশোধন করা প্রয়োজন।

. चावेि. कांश्चन #erह ****ादि {या” केसरब हैछबांर्ष शनिव । भगिरणर-क्षय चह्यसि गोरेनार, उषब शक्षि" किहूक्वि वांश्दि इरेन । दिछनांनंद्र यशनश्च वृष्ठ कृषद्र व्योानाशाहब बांकररङ हैखनांकटक चॉकैकंग्नि कबिश ना*ारेञ्चाहिरणम। रेक्षबांथ क्षणिद्वशिनबcर,५ड क्मि गरद्र थांनाइ ५को बष कड़ी नापक श्रेन । " * ऐछबरषष्ठ cप्रय वाक् केरकछत्रूड श्नि ब । cफक्न शनारेकांद छछ डिनेि शंगाईtफ़्म मी ॥ फैशन शनिब्र मिट्टरप्रम्ल रंडोंथोद्भ बैंौर्षदांग cषब इष्ठिा खेfछ । ॐीशङ्ग शनिद्र रनरणांश्च ऋषा cनाटकइ সকল রোমানি গুণ গাইত। শেৱ খ ও গাৰো জাগতি । cरविद्र त्वांशन इणारेछ न बनिकांहे उिनि शनिफन । फैशंद्र * ‘ऋश्धिांश भूषिकांश vहे ऋषांrबह क्किः शत्र इतिावश्द्रि रहेकांtश्॥ कृषिबाब cष शक्लेिरठ बांtन, छांशङ्ग छछू काफ़ैिशा भण बाहिब श्रेष्व । चषक ठेशद्ध +चकाङ्कौ 4यबरे चभूर्ल, प्लेशद्ध छांव ७ कोबास्त्रिांन* ८कोकण अकबरे जनांवांछ cष, uक ७क हांटम नफ़्रिख नरिङ झाञ्च नरवहन कब्र पाइ बां ! uवशक्*ि शंtशrद कjनींग भाषइt१cनॉकडू थथंथांब्रां ॐiशब'छांदफ-छेकांहब' ● ‘कअफझ'gछ भाrश् ॥ १श्वरवद्र श् चाप किंजन catव गांठद्र बांइ ! cणषटकह थांबांश थाऋर्कई नबिछद्र गाहेरल शनिद्र कश काहब चश्नप्लेइ {बिशा नासाभांश । हेबबाष भूत्राण्म श्चूिर चागर्न यूक शिगन । चणूर्क डाशत्र सिवेि &रे भीमं श्रेश्च श्वित्र गागाधिरं श्*च नश्ा नििश । कदिशा निदांtइन। 4क भक शांप्न किनेि निम्बरे नानणारेरठ नाटकभ मारे, छरेि प*उनबब cज्य कश्रिा निक्जिभी स्कन स्क्नि