পাতা:সাহিত্য-সাধক-চরিতমালা তৃতীয় খণ্ড.djvu/২৫৬

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बोकौ * 魏粉 गस्व भक उन अरन क्रश्न, रेशर पांज्ञा चडि फेरको निद्र बग का कशिा नाशवारdनावर निकई अण क्छcशüन शशि निशि। भाजि निरब tशांdण-चाशैौ जांtश्रक्ट्स नश्ऊि जडांद कड्रिां ऊँiशtरू बरे नकल धिग्रेिद क्किा कब्रिाङ चकूद्रांश्व कड़ि । uहै cशंग्रैरण ३िणांफक्षांशैंौ । भारक्रश्वर्णन इ३७क बि चििड रुख्मि। ... रङ्गारुक्षाक' फेनइfह मेिदाङ्ग निश्ड़ि भारइद-रिदिब्रां *tरें नकल अदा चङि थॉअदृश् গৃহিত কিনিতে লাগিলেন। হোটেল-স্বামী এক জন ধনবান লোক । छैशिद्ध छकू इैन, श्रदर्नtशकेब भा5 शबग्न हैjक क्रिांहशा श्द्रि, छिबेि নিজে অমেৰু বা ক্রয়-বিক্রয় কষ্টিতে লাগিলেন ।” r১৮৭৭-৭৮ সালে উত্তরপশ্চিমাঞ্চলে দুর্ভিক্ষ হয়।...এই সময়ে { »१४ }tजरनाकायांदू छानिएउ*ाशिनम, श्रावांtअब्र काय कब्रिा CBBD DDD DDu DBBBDD BHH BBB HBBS *छि विराम कड भारखांद्र श्, काशtश्इ cचठ भूथिब्बा फाइ! हिद्र কৰিলেন। রাৰি ছুই গ্রহরের সময় উত্তরপশ্চিমাঞ্চলের কোন কোন क्षांश दिशा शिद्भिरा भूिित्रब cरू कि थाहेका श्मिनाउ कब्रिाहिल, *खानांकाबांबू ठाशन उरु णहेगन । इठिंच-नयरन नाrबांड cर थस्ि प्लेगकोझै जाश्र्यौं, ठाझा श्द्रि कच्चिा :झनाकावान् अक्fश्केसिरू ५ दिवइ छांनम कशिलम । श्रवर्गtबझे छोश c**बt झांभाहेtजन । DDDSDDDS DDBB BBBB BBBBB BB BDDD BBB Bt वैष्ठांईएफ भारङ्ग, ७ढ़ण विक दिाग्न अछ, ***tदर्भे cवजोत्र ८थनांइ • कईsांशैक्षिणेक श्रांश्च कrिनम । इद्दे १९नरछद्म भद्र द्रांशtवrङ्गजैौ, স্বলতানপুর গ্রকৃতি জেলা দুক্তিক্ষেয় স্থান হইল। সেই সময় সংগ্র मश्व cनांक चमाशtन भनिद्रा कांहेठ, किक यूथीनांशाश् शशभराद ॐटकcन,*रे भारबांrदछ जङ cन-दाद्र बनzाकै ऋण बाहे ॥“