পাতা:সাহিত্য-সাধক-চরিতমালা তৃতীয় খণ্ড.djvu/৩৩৩

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彎啊*伊博 श्वीकारोबडा एक रीरिक प्राश् सि, cक बैंत्रिक झ्द' भांसि कक्रिया दशग्रेो पूरारेण चक् िअकरिब cशनरनाबcपना , कहिशंश् ि॥ छाँहाँध cशद्रावण कबाब अकब्र बछ वेिनिंद्रशूद्र अंनिरु ; fकक *थॉन *क लstश द क्ड़ कहथॉनेि छांशाख <छठ श्रेंद्रांझिल, তাহামের প্রধান জিমখানির নাম-মুগাল, মধুস্থান ও ছেমচঞ্জ। ° उिनथाबि बराबरे र त्झाई बङ्ग डबक झुनिस्ट इनिा त्रिशारश्, डांशंख थाहचानtन भांछिe *** यषtनन इनिtडtझ । সাহিত্য-সব aाथमिक ब्रक्रम -उक्रन दईtन ब्रवणाल थानक नशैठ बना waिब्राझिनम । काशह 'काकौकाrदौ' भूषत्रु ( १. s०७, भांशत्रैक) अकन :-"भाबि फकनारकार wई ऐंशश्र१ भाषाश्कि गऔठाऋन ब्रध्म) कडेिकांश्लिाम, फांशद *** शबौठ निरः स्नेछछ श्रेण ” ***** জিলি ৰাজাগান গুলিতে ভালবানিতেন। পরবর্তী কালে তিনি নিeে খোন কোন স্থা পালা ও গান ৰচনা কবিয়ছিলেন ; এই সঞ্চল

बध्बाँध्न किद्र किइ मेिवनय जैक्ग्रथमांथ cशtतर ‘रुषलएण भीeषा 滨 शहेरष । कनिकॉफीब चfनित्र ब्रक्नान कश्विद्र छेवदन्छ अक्षत्र গতি *दिग्निड इव । उठ-कक्ति नवांश अडकद्ररे छथम नरसंरकडे कला मरवीरपब ॥ इक्ञान हेराब £नधरू-८बकैड्रख् इव । उिनेि अफ्रिी कंगाषाबङ्ग झुंबिकाइ निशिाश्म :- क्विाड कनीक३ि कांशtशारन चाशद्र ॐअjक्ल थांमस्ति, هماین दछब* मनि चबांध कविड कणन चशक्य वा थक्न कदल भयक

  • .. अवा नरन्त अन्ति प।ि चबैि नसिरनको हेशखौड़ कफिाइ - **

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