পাতা:সাহিত্য-সাধক-চরিতমালা তৃতীয় খণ্ড.djvu/৫৭৬

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জাতীয় ঐক্য প্রতিষ্ঠায় হিন্দী ভাষা बांउँौइ *का भंडिझेब्र छकृ बोिडिङ्ग ग्रहश्चषां★ौtशङ्ग भtश श्र्भिौ DBBB HH BBHH BBDD S DDD D DD HHBBB BBDDS डि िििछल्ल ब्रम्ननग्न झर्दा अझै श्ड शास्त्र झब्रिन्न। ब्रेिङ्गोरइम -- (४) विकांठtéाग्न मूंकिग्न नश्उि मशyड ब्रध्नांकग्न इहेरफe वह नग्निशांt५ अचब्रटकृद्र ॐकांश झहेम्ना इनिङ ठाँबांग्न शिथिञ्च थांशेट्रक । MDHH DB DB DHBBB DDt HHBtD DBBS नमैौनबउँौ बहे छूद्रवर्ड शहtद म) ; अर्थ:५ डॉथानबरा 4कफाँग्न BDD tBBS BBBBDD uB DBBtDD DS DDS হিন্ধুস্থানীই প্রধান এবং মুসলমানদিগের কল্যাণে উচ্চ লমঞ্চ भश्रझअरुIान्क । अङुरु श्रष्ट्रप्रोम कब्रा थालेप्ठ °ोत्त ८म, ऐंश्रक अक्लचय कम्लिङ्गाँहै ¢कॉम छूद्रशर्डौं लक्षेिक कारण अभए छांब्रफक्téद्ध ভাষা সম্মিলিত থাকিলে । 'গামাঞ্জিক প্রবন্ধ, পৃ. ১১৫ । (২) স্বদেশীয় লোকের প্রতি সৰ্ব্বদ। সমাদর প্রদর্শন কৰিঞ্চে হয়।.জাময় এক পূণ্যভূমিতে জাত এবং পালিত এবং আমাদের DDDBBH DDB BBBB BBS B BBB BD DDDD BBD DDS DDDBBB BBB BBD DB DBH BBHDDD BBD HBD S DDD DBB BBBBBBB BBBB ESDDD पाकशांद्र मा कब्रिग्रा श्श्रिौष्ठ करथानकथम कब्रांझे ठांश ? वाचाँडैी दांकांशैौtछ झ हेऽब्रांबँौ ना छलांहे कँछिछ । शृङ्गाश् िलिक्ट्रिकुछ है*ङ्गांचॅौङ्ग बादशांब्र शृब्रिड7ड ह७ङ्गः बिष्वष्ट्र ! धफियोर्नी हा श्वश्ले ऋशि मूननशन, श्रृंडेन, cशोक चथवा जनब किइ इश्म, फांशtङa शवशद्धांबिग्न शङिकब इहेरफ *ांछ बt ? शिक्षुद्ध करवा बांकन, कांइइ, बक्थांध, थलाखांकि चोटाइ हनिष्ठ अफिवांनी-हेिर्नृङ्ग ऋषा