পাতা:সাহিত্য-সাধক-চরিতমালা তৃতীয় খণ্ড.djvu/৬৪৯

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नद्रिकांग्र अकश्चम भन्णाशक भिtग्नानं जांशत्रक । भखाशिरभङ्ग बरवा चाबरकहरें ब्रछष गईौभ रुग्निशाम । किश चचत्रकूभाग्न शtछद्र इष्ठनी LLLDD DD DDD DBDD BDBB S DDBB D DBBB HH ७ (नाव इरहे थशाच कब्रिवृश्निाश् । सtभद्र कष #हे cष, ठांशद्भ छाया थठिनक शषग्नsाशै 6 अपूब , चांद्र cशश sहे ८ष, देशtठ ठिनि DDDSDBB BBBBBBD DBBBBtB DDD BBBB DDtS ছিলেন। কিন্তু হিনী স্প্যিাস আমাৰ তৰিছে। আমি মৰে कबिनाव, शक् िबठाषाठब थw बिाब मठ* पाकि, एांश श्रण ईशत्र ৰাৱা ঘৰ পৰিক্ষা সম্পাদন করিতে পাৰিব। कभद्धः चांशश् श्रेण । जाथि चक्कि (ब७म विद्र चकन बाकूक * करर्षी विदूङ कब्रिजाध । टिमि शांश निविष्टम, टांशष्ठ थांबाब्र DDDDD DD DDtD BBBB BBBBB BB BBB BBBB DDS চেষ্টা করিভাষ । কিন্তু ভাষা ভাষায় পক্ষে বড় সম্বর ব্যাপার ছিল স্বা। BB BBBS BB BB BBBS BB DBBD DDDD DDD चांशाब कि नवक , थोश, डिवि {विख्रश्न, वाहषच्इ अरिष्ठ अभिक्अङ्कछिन्न कि मच्च -थोरुात्र श्राउाल क्षत्क । कनथ्: अबि छैशइ छोड़ (ज्ञाकाक भादेब्र छप्लएपश्झैि अश्चिकाङ्ग थाभांश्छन छैजलि कति । (थाच्चयौवगै भू. १५-४) tDD DG BBBD DD SDDDS D DDB BDDD DDDDDD अदेह dइ-कवि भ#भ काश्म । उक्वविगै भज श्रेरठ अकॉनिख्दछ अंह ७ अङ्गएपाक्कैि भरूिद अिधकाउिषा धक्क विकिझक्द्र काब अझै DtGHHD DDD DD S DDDDDD SDD DDD DDD DD DDDS