পাতা:সাহিত্য-সাধক-চরিতমালা তৃতীয় খণ্ড.djvu/৯২

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'i . o - * अगों ‘. - · ስለ - rhydøst, anjiriwibertherskach, whoạtwa Tasha (ky Mood, aaä Årink (de harsot (hy Aistmas. 闵 Brot, कर्णिकांछ। बैमूल भेदशाधि पत्र *** पश्यचिदिश s*२ भर्षक छकब tानशन.अब बिछ। मम •२१५ मान ? জীখ্যা-পত্রের পৃষ্ঠে এই কবিতাটি আছে - चांद्र कि (न शिबू झtर, ज*५ कड़िश भर, काझचा धक्कडू अशtअथ ऐक्रिख्। ऋत्र कवि कालिदान, छबtा क्यू छत्र, कादश्चदर्भेौक मन ब्रांनी श्रण ठू१ङ ॥ श्ं ॰ंश्*ंश्ं, अयू डूछ भt१शत्र, इकta fäष्ट्र भा:न पश्चाँझज कtजड ! छहिक* भूभ#ींद्र, ש שני הסts fאזאי א ! बtराशी झfछमl witो श्चूि श:* श्रनिड ॥ 4इकां★ *क्झिां★ाम* शिशिtठtछ्भ : ♚ाष्ट्र छिब्र द६जब इङ्गेन भामि *{#शाखाधि** भाँtभ *कदानि अपि क्रूज *श भsाइ कतिाहि ।। ***थानि अभ* शनिकांचा विचदिछालामक केना१ि अझक्कू इअत्रार्थब यथश **ौचtछ श्रछभव गर्छ। 'ं श्रृं; forriforं ध्रriश् । अस्य:भद्र अननवाब झशर्मिक नदिfiच् ३श्वाश अडिनएर थांश अकषाग्नि कjश *** कभिश्नहिं 1 कि* बिकाछ १इठि-रस आहे DD DDD DDDDS D DDDD DDS DDDDS DDDDS DDS TCC श्वः श्:ंश्शिष्याः ** ; श्*श्१ि श्॥ श्याः श्नः श्लष् ॰ श्ळैश्यः श्क्षाः भाझै हर्डेरठ झ्छ । किच्च श्रङ्कुश क्ञ यस्त्र अङ्गिक अक्र थाहाइ कि अक चकारणानून (द बार्मिझ सब्रिदा० कह ७हे इङइ**दत लक्ष्णि झलक नशव निवड झा आ। श्रxत्रा शशो रॉक बकरार chशश अधि -