২৬ অজীর্ণতা । ●धtब्रांजन भटन कब्रि * नश्नैौड़ *iप्रार्थन गारेरण,चधेि ८षक्रन ८ङजशैन इहेब्रा शब्रि कडवां★ चाशत्र कब्र শেষে নির্ব্বাণ প্রাপ্ত হয়, সেইরূপ আমরা estatusą शनि *iांकांश्वरब्र च्यांहां*? बुख धनांन नां করি, তাছা হইলে তৰ্নিহিত পাচকাদিও ক্রমশঃ তেজশৃঙ্গ হইয়া, अभर्न कि चाभाष्णिब जीवनी” *{ींढ निंtि१ कब्रिग्र! प्तिाङ नाएब्र । जांभीरमब्र जैौबन थांब्ररथब्र अछ जांइब्र ८ष ५कख थtब्रांजनैौब्र ठांइ! अदॐ नकtणहे छांcनन, क्रूि कङ बांद्र आहांब्र कब्र अtब्रांजन ७वः कि भब्रिभ१ ज छब्रनखउब्रन ननांर्ष ८ङांजन कब्र धरब्रांजन उांशं७ अवशङ ह७ब्रा कउँदा । प्रइ भन्नैौ८ब्र७ *ांकjनं८इब्र ८गनैौब्र कार्षी जनांव9ोजात्व बाराबारब उडाङ श्रेष्ण विश्ड श्रेदांब्र गछद । बनक्षिtन क्षयूङ् षट्नष्करे बह्वiब्र, न! श्झ बश् ॰बिप्राप्4,जधब वह गयद्र अडब्र, जाशब्र कब्रिद्रा थांरकन cनथ बाँब ; जायब्र वथन गानानिएष गश्ज गांsा जब भांशद्ध कब्रि, ऊषन फूहे पके इहेप्ड कब्रि पर्फे। भर्षीख गभद्र जैौ4 कौt६ जादश्वरू इहेही षांरक । सक जवा cखांजन कब्रिtण जॉब्र७ चर्षिक जमब्र जैो*ङ्गिइtब्र जडिबlश्ड् िइब जiनिtब ।। ७कबाब चांस cन्नन्न गब्र .७र बौ* कब्रिवांब्र षङ नांकांचब्रहक निर्किडे विथाcमह जड गमन्न ७ रप्षांभ cन७* चवश्च कर्डवा, नडूव डश भइदउँौं श्रांश*ौब जशक्एिक बौ4 कब्रिवॉब्र *कि हाब्राहेब्र वणिएव । *tiरूनत्र बथमहे चूंछ धारुिरङ नॉब डथर्महे गाज cन ठेश तिबन cछात्र कवि षष्क डांश गकान बना शक
পাতা:অজীর্ণতা প্রতিকার ও ব্যবস্থা.djvu/৩৪
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