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# छिउँौग्न अक्षााग्न । ነእ¢ ८नांव उनिtठ इ३८द् ॥ ३५ब्लांब्लौ १४५७ ॥ ७१ भाrन प्लेक्लिया অঞ্চলে ভয়ানক দুর্ভিক্ষ হইয়াছিল। কিন্তু জামাদের গবর্ণমেন্ট ঐ দুর্ভিক্ষমিবায়ণের নিমিত্ত যথাসময়ে উক্তৰূপ উপায় জৰঙ্গস্বন করিতে পারেন নাই। সুতরাং শত সহস্র দীন দরিদ্র প্রজা DDBBB LSBBSBB DDDDS DDDD BBB BBBBBBB BBS ক্ষণ ভ্রম হইয়াছিল বলিতে হইবে। জয়দিনের জন্য গবর্ণমেন্ট uङ्ग* छांज़ *ाइल कfज्जरल ८न्नप्नंज़ यत्रन शरैठ नॉटज़ शहै, किञ्च यग्नि ठाश म| श्रेग्न अदगtभ* क्लिद्रकांग्रनछ निभिख ** ७ङ्गढ़ज़ उज़ शश्रभद्र श्रकौरुश्द्र चांनझ इटग्रन ठाँश इहेtन तिदिनद्र १ज़ दशनि४ अग्निदेनाऽ इरेष्ठ चाङ्गम्न शब्ल, ७ नद्रिाबाद अग्निकमिtभज़ फेनकात न शहेन्नै ८लदन श्र"नाँज़प्राम श्रेष्ठ भा:क 1 चब्रक्रिामन छमा प्रप्रिंrग्नि:भाद्र छांज़ाइन कति:न भवनBB BBBB DDD DDDDD DBBBDS DBB BBB BS চিরকালের নিমিত্ত ঐ বন্দোবস্ত হইলেও গবর্ণমেণ্টকে জগত্যা चदिकल ८गरेकtनरे लाग्न निकैनाइ कड़िtठ इग्न, चर्थ९ि dछर्मि८५ढ़ निकहे नूठन नूठन ¢ãद्र नरेछ। वे भा:छद्र ठेगद्गरे अद4মেণ্টকে নির্ভর করিতে হয়। কিন্তু জন্মদিনের জন্য কোন কয় थाई श्रेन aत्राद्रl *दड़न दाद्रनरt*ग भूर्मक प्लेशद्र केइ छ। अ५* इ३८ठ जे कनू ग्निष्ठ नजर्ष श्छ, च४िढ़fनष्मज़ निभिख कश्वনষ্ট সেন্ধপ চলেন । কাজে ৰাজেই এৰূপ হুইলে প্রজাদিগকে fনঙ্গ নিজ মূলধন হইতেই ঐটেক্ষ সৰ্বরাহ করিতে হয়। সুতরাং *रेङ८* ८ग्रनद्र नून४प्रट्स फ्राँठ श्रेछ1शारद । चांद्र छाश ना শ্রষ্টলেও শ্রমিকদিগের ইহাতে সুবিধা কি ? ইহাতে তাহীদের ८वठमदईन्द्र'किहूयाज गडादना मारे। कानून (न्:भत्र नूण५न बा दाङ्गिरण ठ श्रान्न ठाशरमज़ cदठनङ्गकि श्रेष्ठ नाप्ड़ ब ।। কিন্তু এম্ন স্বলে মূলধন কিছুমাত্র যায়ে না, কেবল হস্তান্তর