পাতা:প্রবাসী (ঊনত্রিংশ ভাগ, দ্বিতীয় খণ্ড).djvu/৬৪৫

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(tS\ు -ബ്ബജ്-1.......... नरूण छांठिद्र ऋषाहे मां औब्र गईश्वTी कब, शङब्रां९ पिववांविषांप्रब अनोटबद्ध करण गांजौब जाषिक शहैरव बभन जां*क जबूनक । शून्छक इहै बडिश्रृंब्र क्लेिखांकर्षक अव१ रुइ धक्रॉब्रएषांभ] । मृl० द, মৈত্রাপনিষদ—ইৰীয়েন্ত্রনাথ চৌধুরী, বোস্তবাগীশ, विछांडूबन, उच-बांब्रिषि, 4-ब4, कडूंक बाiथाांच् dद९ अकॉनि७ ও ডি নিবেদিতা লেন, বাগবাজার, কলিকাতা পৃঃ ১৭-১৮• ; नृणा अक $ांक ।

  • ३ अप्इ अर्षtब यूण नश्कड वत्रांक्प्द्र भूजिठ रुश्द्रांप्छ । श्रीब्र गप्द्र cषeन्न ह३ब्रांtङ, tौड। cजषक थशांनड: ब्रांशडौtर्षब्र ‘गौनिक' अवनचन रूब्रिड्रा 4३ शैक निश्ब्रिटिश्व । नरसब्र चर्ष cनeब्रां श्रेब्राप्इ cछाप्ने क्कनौव्र “()' भएका । एङब्रा९८कोन्क्ने भूल, cकोबृप्ने अर्ष, ॐह बूकवांब ८कांन अशक्षा हडेटव न । बांह जटिब्रिड नंण वा बांक, ठांश बक्ल बकनौष्ठ '[ ]' cजeग्न इ*ग्रांटs । गैकांब्र *८ब्र चक्किज दत्रांश्वांक् । अन्नदांत्र कब्रिाउ भांड़ेब्र! cकांन cकांन इरण चडिब्रिख् *क वावहांब्र कब्रिtठ श्रूंग्रांप्छ । बड़े नमूनांब्र जश्न चकबौब्र मtष] cषeष्ठां ह*ब्रांtछ। शङब्रांश् शृरजब कि अक्रूवांन कठवू ठांश गइरजहे बूको बारेएन।

क्लोबूकोप्नङ्ग अिप्त्व cणथक थरबकङ्कप्ण अञ्चब, अकiश्रृं कब्रिग्नitइन । * नमूबांग्न भखबा गांधि९jभू4 । बकtौ भद्धदा विवरग्न बांयांजिप्त्रब्र किङ्क बच्चाद, जोप्छ। करङ्गकी छाप्न (भूः २०, २१०, ०००) ७िनि बफ़िरकठांक ‘ब्रांछशूज़' रुनिद्या वर्षबा कब्रिञ्चारहब 4द१ हेंहां ममर्षन कब्रिवांद्र छछ जrनक बूडि७ यrब्रांत्र कब्रिब्रांtझ्न । किड चांभांऋिणब्र विचांन नsिtक७ जांभन ७११ खांक्रनंथूज़ ।। 4 विशtग्न थांश्रांऋिणब्र यूखि अझै– (२) कtáांणबिंदराब्र भरड बकिंकडांब्र निgठl "सेकांजकि जांब्रनि" {s॥ s२) । छैकांजक, सैकांजकि, अङ्ग*, बांब्रनि, नकटजड़े बांक्र१ : एठब्रांश् बक्लिष्टकठी डांश्च4-बश्t* छत्राऽह१ कब्रिग्रांझिtजब बक्श् छिनि গ্ৰাহ্মণপুত্র । (२) cनांठभ-वश्tनं शांहांtजब्र छत्र, छांशांश्tिनंब्र बांभ cजोठभ । *ड़े जरर्ष बफ़िरकट ७ ठांझाब्र निष्ट रुंछब्रड़े cगौष्ठभ । कt#ां★निषरमब्र sts० जश्नं बछिद्रक७tब्र निष्ठांटक cऔछत्र अष९ sts* ७ s॥७ जश्न • जsिtरूछांटक tनौठत्र बना हईब्रांटछ । ६अखिड्रौघ्रं बांक्रt१ ( ७ssivi२ ) नक्रिरकठांटक कणां दहेब्रांटक "cऔउभकूभांब्र " cऔठबन१ नकदलले 3†ዥማ ! (७) कt#ां★बिषtन इवॆदांब्र मक्लिष्कछांटक ‘खांक्र१' रुणां शश्ब्रांzइ ( s:१ : siv ) ॐ छै°बिषtप्रब्रहे जांब्र ♚क अप्ज ( * * ) षभ नष्किठांश्क इल्लेबांब “उचन्" बनिद्रा नावांवब कबिब्रांtछन । अइकांब्र ** नमूबांद्र €ख्रिक मूलादांब बनिद्र बटन कप्तान नारे। जांबद्रा dरे जभूषांश्च गडे छैखिएक जयांझ कब्रिसांब cकांन कांद्रन দেখিতেছি না । (s) कüांगनिवtवद्र अष्ठ बञिकठोड़ निष्ठांब्र बांभ “बांजअक्न " बांबबरांड बरनषबरक ‘वांबवक्न' वण इन । उलिौद्र बांधान निषिङ णांtरु (*७७-०) cष बांबअरन** tबtवब विानर विानव भजबTांषाांझ गांब्रवर्ती हिtजन। बृहदांब्र१Iरू छै*विषrन ‘बांबअष' ●कडज जांकां{! । बांकनं*** बांछiरी-जङ अंहन कब्रिtठन । * *ॉड-षबांचकt* ७कछब सांइअंबद्दनम्न छंदल्लर्ष बां८इ ( s०le॥ el* ) ॥ ३नेि अग्निछब्रन कब्रिrठन । ये इरण३ देशांक cऔठञ वण প্রবাসী-মাঘ, ১৩৩৬ [२sन्त छोण, २ख्न थe हर्केब्रांtइ ।। 4इtणe cमथ शांडेंट छtइ cम् वांछयवनर्णनं बीभ१ ॥ মুক্তরাং নচিকেতাও ব্ৰাহ্মণ । गांश इंक ५ नभूतांब्र जवांडब स्निग्र। भूष श्विद्र tश्रजि उंगनिषप्नब्र शtथा • अंशकांब्र जनांच्यंक्रांब्रिकछाहरु देहांङ्ग बTांषj कब्रिब्रांtइब ।। ऍांशांtषद्ध मांषांब्र१ नश्कूङ छांन चांद्दछ, उंiहांब्रांe महाज भूणअंश् ৰুধিতে পারবেন। ऍांशांब्रां छेणनिबन् श्रt? कदब्रब, ॐांशांप्नब cबजि ॐनिषत्र७ *tळे कब्रl ऐंछिंड ॥ हेंहांe 4कथांब ●यtन्नैौन अंझ : ऐश्t८७ थप्नक जांउषा रिवग्र जांव्ह । अtइब्र इत्रिकोष्ठ बैबूख नैौठांनाष ठरष्ट्रवन भहांलग्न जानक मूलाबांन कष वणिग्रांtझ्न । वबखांबांग्न १थकांब्र गरञ्चब्र१ जांब्र थकांनिङ इग्न नॉरें । चां* कबि बननशांरख श्ह जांवृठ इहेष्व । - মহেশচন্দ্র ঘোষ খেলার পুতুল-ভ্ৰমৱেত্ৰ দেৰ। গুরুদাস চট্টোপাধ্যায় *७ मज ।। २०७Isls कर्षeब्रांजिन झेके । श्रृं: ७३> । प्रांम छुट्टै केॉक । আলোচ্য উপন্যাসখানিতে দেশের নারী-সমস্তার একটা প্রধান দিক বেশ সহানুভূতির গতি দেখানো হইয়াছে। আমাদের সমাজে *ठिशूबरोब पब्रिज भषादिख चटबद्ध विषवांब्र जवइ cष रूङ जनदांब्र उठाह थद्धिषिटनब्र श्रृंब्रिक८ग्नब्र अtथा क्ब्रिां बांबब्रl खंiनेि । विप्*६ कब्रिग्न ठिनि यति ठङ्गनै ७ श्क्वणां हन छह हमेश्tज छैांशांटक अर्थtबडिक नवज्ञ1 झांक्लां७ बांब्रeि tश वह यकां८ब्रब्र नभशांब झण हळेब्र #ांक्लॉरेष्ठ रुग्न, प्रब्रौ cणषक डांह श्शtनब्र किंtजब्र छिछद्र मिग्री कूफैॉरेंद्रा ड्रनिद्रांप्रुन। छैनछांनषांनिब्र अप्था अन्या ७ जनिना 4हे ছুইটী অঙ্ক ধরণের type চিত্রিত হইলেও স্বত্বাসের চিত্রই দৃষ্টি জঙ্কিষ্ট করে বেশী। হহাসকে লেখক মামুলি করিয়া না আঁকিয় তাহাকে निटबब्र गोप्प्र छब्र क्ग्निा छैiफ़ॉड़ेष्ठ निद्रांzछन, निtछब्र cठछ ७ जोकमञ्चानछोप्नत्र छिउच्न ग्रि विम्बब्र गइ पूँजिब्रो जहेtङ झिi८इन । সত্যমুন্দর—বিশ্বের চট্টোপাধ্যায়।

  • ७ मज । २०, करणछ cकांग्नांब्र ॥ १३ २४४ ॥ টাকা ।

छे"छॉन ह३tणe करैथांनिब्र रुखवा अकs tझाँके श्रtब्रब्र भएषा cवर्ण वजां छजि७ । गमनं यहेaब्र भtषा cभनक ७ फठांहांब्र शूज जबिग्न नश्कांख कटग्नकल्ले घल्लेबां छेणtछांना ७ छेयब्रथtषांत्री-बांकी गांठांसणि निद्रर्षक ¢क्बांtनांtङ छर्डिं। छांदां अश्डिांश्* इरणढे जांणिआरेिशैन e चांछुडे । अभ-नि-नब्बकांब्र धांभ cण $ ঐবিভূতিভূষণ বন্ধ্যোপাধ্যায় বেদান্তানুশাসন—ইওরপ্রসাদ মিত্র। প্রকাশক ♚नtब्रटानांष छज, * न१ नब्रांतांबांब्र, झांक ॥ भूण, s९ छैांक । ૨૬૭ જૂb| l छै*बिंदक बांबांटमब्र cशानंद्र नदर्वयक्षांन ● गर्रुवंtछौब डखर्जइ ॥ जरनक कांज शूरस्थ cनषां बजिब्रांरे रेशांप्नब cजषकटकब cकांब७ बांब व। शबेिछन्न जांबांtगङ्ग बांब बांदे । ●वर् 4छणि ●ककां८ण cनषों हरेब्रांझिण कियाँ छांशं७ जांबब्रां बनिरठ शांब्रि ब । अॅनं, cकन, क#, यन्न भू७क भांधूक बैठरब्रञ्च tडखिद्रौग्न वृश्नांब्रनाक, इitव्वां★j ●रै क्ञषांजिरे नर्स्वांछैौब वजिब्रl &यषिण्ठ । जावटक