পাতা:প্রবাসী (ঊনত্রিংশ ভাগ, প্রথম খণ্ড).djvu/১৮৭

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§§§ 以毗鼎州 छि १शक्षांश, रेशंठ क्रश् िनारे, क्टूि उा गांश् देशक बां९ (नै ग्लिश ििन रगिठशिगन (१, ढ़ांग ९ ११ dरे श्रेनिद्र शाश शांश डूि किनिष्ठ शांति षांश् किनिश १नि कण शांकरुग्न शांतू" षानमा एल्छन ज्शागांस थानं कशिन দেখি আমরা কংবদ্ধ বধিলাম; নিজা ঠার নাম গায় গ্রাম। এই সরে ষ্ঠার একনি লাগতির দোকান আছে। মানা ត្៥, गrारा शौ शशि भागात छ a१ रग्निष्ठ आंशिश्न। रङ्गो शून, नय ग्रो प्रशं। िि जांशाश घनस् ऎ*शब्द लग्निशिगः। एक्टूिषा थपाशा शग्नि कठि रॉस् िश्गि, ििनगक्षरेगüर कiिा मिशिगन्न। शाशै मठाएर ५रै ब्रांशी ति। शंग गrाराष्ािशिगन, ऍशं क्षHशलाशा ५ भाद्र्थात्राप्ले चाँझ्। रेबिस्थिा ग५ গা", "দি জনিলি विरु। ईश्शा एल्हन गए। ििन षणि भीषीका ॰गङ्ग १ििईळ इहैश। निरृ१िा लिशि शा तांश् िश्रेशांश। णिनेि ५* बां९झांश्न इगैः ভাঙ্কিয়োগ ঘটায় রাশকে এক বড় [ाक्षरेशन। üरेनिरे तरुण (प्लांशेठ शशिः श्शेशि हरे, १नि बनागै थश भौशश*ाप्त शै{ीज़ की रक्षुछ क्षेत; गांग थतिां★ । সভাপতি। . १नि ऍशत्रूणाझे, उर्फ़ रफ़्रें ॐशऔ াৈছিল। গুৱাকা ছাড়া ব্ৰক্ষ্মণা"ার কার্য্যা" ও তীর্থানের জন্য বস্থা গাঁটন করিড়েন। छांशं शह उनभैः षरी शि, श्र, बांश देिरुि (१७छि प्रेरि इश्ला रु।ि शिशन। শে-পাঁটিন না করিলে কখনও কোনও দেশের কোনও वांश् िछन १शृंनश्रीतीन श्रेठ १ीज़ न-रैशहे श्णि लृिशी ताि। एvतिं प्राह ऎीशा रक्ष्यः। াৈছিল,কিন্তু তখন মাটি স্বল্প কর্মেছিলাম। পরদিন আবার স্বালা অস্তিায় আর ওখানে নিমন্ত্র शि। (शशांन8 अत्रत कर्ष श्रेण। श्रांगण ক৷ এই যে, এখন ইন্তে গারবো পর্যন্ত নিশ্চিন্তু श्रेश शांeा शाशेठ १ीरि, क्ढ़ि ठिसाठ नि शतििशक्षाउँछिना। शंक्षप्रशन्न अंशला ভা, সামন্থ প্যার জন্য সহজেই মল্লি ফেলে। কো bीढ़िाईौ शृङ्गाश् िऎशं# गीश शान रुक्षि ष्ट्रि राण गि। जबौगिनगाछा श्न लिरु शिशिगन, छ१न ऍप्लिशृश्ढ़ फेब्रु;ि यांश#हे रुइ রাখি মান, পরে উয়ার গিার যা এখন াৈড় ीश गरेि। ॐशं श्रूषाढ़ जांश स्श९बांश् (शिरन। ठिन छांश श्रैः छनिtछन, झाँक्षांशप्त गरुणशाझांश ऍड्स प्रक्रिश्गि, स्त्रूि ख्रिसाठ (गता। (गजशहरे क्षश रुक्षिी शक्लिांश्णि" भ१ि एनिए बां$र अंतांनं रुकिंग औ गिगन, नंतशत शंशः थै शांगीझ १ छांशंत १{ीोत सांशत९(कांननङ्ग छि शोगोस् शिी अनििष।