পাতা:প্রবাসী (ঊনত্রিংশ ভাগ, প্রথম খণ্ড).djvu/৬৮১

এই পাতাটির মুদ্রণ সংশোধন করা প্রয়োজন।

&\, éरागै-वैर,५०% (गांत रत्नांबिंस् र घछ रश्नं शान, ऍशंtान जॉरिष्ठ मृणा झण विक्शनर १शेउ श्राष्ट्र रगिा (ग कांग्ला ऍशं★९ गएांशान शंग्नि किि प्लांकनश्कि १९ जीéप्लन ऐछि| करि (एशिक्षा ११ छांtरन बाग, रिएानं शंग, एांशं★ शिक्षाशैौघांशा। नश्।ि कांह, श्रौतनांtश प्रज् (गांस ऐ,ि ५ राक्र, छांग्रस्, विा नार, शः शृश्रौि (गांसा शरौ घाइ। क्रि शिनेि ौि जरुर र गौ भरेर फ्रा, *रुिगिकठन रह रणः श्रेष्ठ उांशंसा गांनाक्ढ़ हरे षांझ्। दूर शुछ वनवास निश सनि इन्ननांग क्लौर रेक (शिरेशा रारा करे। * शंगा करिी चावं é *ििनरुज्रान प्रां★8 ौष्नि सांगू धरििछ रांझौ भुन कर्ति। ऍशन कांब ¢शा शैरि७ सांगा गत गर्शरे (** श्रेग गिर म। ११९१शंtछ ऍशंद्र यां* घश:१७रिकन प्रण,एशः शराप्नों, लौरे। क्रौं शी का (गांक्७ पुँइ गउ पिग्लोब (शौं नाश्न। चरश्न ऍशा थशििऊ शश tछ१५ल्बम (गांस्करे ऋ, ¢ता बज्न चगव्षौ निशश् ऍशंद्र शिक्षांशोरर १ dरे तांबन षांम९ भश्छ श्रेर। नईशन शशा8 करिष्ठ अशांौ dङ्गङ गश्रुतौ करे। लिि षलांकि "क्लिषन् १त्। क्ढ़ि भूरिौ (*ी शं:(शा8 नि:शक्षांश dढ़ ऍशंस शहर कांक्ष तस्ि शीतन बारे; ऍशंद्र शांशं रुािइ, (शंशं चशां★ गशन घशा*ि गांशंशा दग्निांश्न। dरे ¢काः (गांक्शtiश् छछ प्राशनं कर्तिन अश्ढ़ि ग़शा १५: का अिरश्रु। िएंड्स (गांक िि%, छ। झोल शास् ? सिस् क्षेत्र, (, शंनु १ (कन शशा र श्राशशी गांक९११:प्लांकलन নিক্রি বা সক্রি গ্রডিরোনীতি এরণ রোধে गशीर्ष घरगान क१ि७:इन किया। प्रां★९ ७क कांग्लt१ ऍशन नीतिनिtरुष्ठान १* জাৰ্যৰ। সেখানে নেতৃণ যোগ্য অ্যাপক আছে, षींश् हि शहतः स्निग्, तििन् स न ऎीशानः षनात्र गङ्गा (जसि षङ्गः श्रीन् हि DD DDD DD D DD DDD DD DS DBB BDD DDD D BBBS 卵1 निित धश्च ए१ोम (*१ कॄन्,ि एीशं श्ा ॐनि ति्रशैिः वा समौ्रश्न वॆरि प्रेश् िझ५ऱौ' ं (, उति। ति श्रःि षाश्रितः। रगिाििक श्रेग गित न। निषरगै श्रीशैन फैशन शाकां★♚उर घइज्र कश्रािंत चतिात छाशा १ी शं★। ७शक औषरान् कउि श्रेन शश करें। चांश्।*रिगिसएन रिशांगाढ़ करीढ़ाणि४शुनः शृङ्ग ािप्ने रे। ऎहर श्, ऍशंद्र अंशंर। ५१न8 ऽिनि घांtर्शका ििशाणैः सांशनि शिं निरुद्ध। ऐं गर शरभाििनोत्स्ना वा १ौरा, ढं ष' (रः विशंतःि सौमि भा (iि, शिरां, *ि सप्त न। ििनि ल१ीन १ीतिश७ विशौकाः (गास्न वञर नरे। क्रि ऍशाः शश gशन शुश शांक्षा प्रांग कािगरे शूरी श्रेर। ५ल्बम९ बारें ििने गर ठिां★ कबढ़ गश्तांत्र कवि (शिला, जिी (शन श्रीकाउ (गशक्र ७१शरौ, पैशंस गर रिष्ठांशः (नांक शलम ५१ कि रगिाइन, जिनि ५छ कि नौििरशांग Y DDD BBBDD DD DDDD DDD DDD D DtBB DD SDD DDD DD D DDDD DDDD DDDD D DD DDDD DDD D DDD DDD DDS DDDD DD DD BBttBBBBD DDD DD DD DD DS DD DDDD D शैस्त। षस्व इौक्षारे परे" गांशs ९ राज्रििश्वर कांश ग्निशि। रेशा कt DDi i DD BBBS DDDDD DD DDDD DDS DDD DDD BB DD DD DS DDD DDD DD DDD DD DD DS D DD DDD Z