পাতা:প্রবাসী (ঊনত্রিংশ ভাগ, প্রথম খণ্ড).djvu/৮৮৭

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端州]” वक्त्रंीुन तिती। Woo ત્તિ ક્ષા शारा क्षरे रगि,-(नौक कौशांत बवनांशस् बिलांग रुणि,-शांग्शी, धश्न क्ष' नि त् िए|ह॥ (नोति स्म|{लनं , ग्रा षाणांङ्ग{सी {सि ; Jस्क्रा रनि-8 शंसू दङ्ग (मिन्, ,ि Jर्ग श्नर ईtौफ़। gir ननििबक्षनां (गांलङ्घन गता सूप् द्रांशः औत। गिा बािरे शशा(बाज़गरे शरीशश शशाप्त गाश (श श्रेन। निवा शक ५७ फैस गरे। ४शन ११ फल घणश् गांशश: *क्रिा, तिरु वृकां५ अज़ारु मांशौहशेन8 tौंप्लां★ ना। (लोकः शरुि षांगिा शशी १ ११:न एक (कौशन। निक्षिणबवनी। (नोगतः काश्मीनांश्रेण। शिता (शश्त छन। ित्रुङ्ग अंशु झाँछिगि श्रेशन। নৌকায় বার্টুড়ে যা অনেক লাগে,ব্ররনাথের স্বতীর্ণ झुिस्रे शछिन। (गिरुवारु झ्ाि श्रिाद् एऎ१ी नां, छशिशिज{ण (शीघ्। इ्ररे। ।ि १हेछ। छज्ञप्रिक्षत घ'का दूनी घागरु সর আওয়া যায় আর দেশে জিরিবার সকলেরই সমান তাড়া। ব্ৰজনাথ ঘোড়া চড়িলনা,বলিল-স্বাক্স রাৰি তোমার আর টেক্ট আৰ,কিন্তু রাত্রে কোথাও খাৰ হবে না। সকাল বেলা দেখা যাবে। এ গ্র্যাবে সকলে স্বীকৃত স্ট্রন। মনে গ্রা শিৰে চড়ি লাগিল,কেবল গানের দু ও ঘোড়ার झुप्त वंश। अग्नि घइकांग्ल, ििन षांशtर्ष नक्ष शगणरु"श रे शतरप्ल रक्लीश ग।ि शूि १५ गिाउरे कशह९धां नैठ (रां* श्रेन न। छाप्नौ ब्रज dर्ग की गद्भ१ ॥ि १ोरेशन शश क्रास्त्र क्षुतः ( ( नःि। ौि षगि निष्ठु गतागतः। হান্ত লা? দেখি বড় নিকটে আলি না। ব্ররনাথের ग(स्थागिपनि ग्रेस्ट" गिप्ट गनि। ড়েদিনের গৎ তাহার এক রান্ত্ৰে চলিয়া গেল। शरीीशा १ एशा ५ढ़ कीठ ऐ*ौठ श्रेण। और जगा बाशा ऽ शीरेनि शशाक्षर वकोषः शत्र दूर हैि। छरिशश, बागा १५ ए शंति िि, छांशान १श कीrग श। হাদি বলি-গং থেকে আর বোধেৰে। ঘর থেকে (रति ि(श धानस त्रिा क५ ।। .-वानि श्ल भां★नांस (rार्श िशत्र शक। ए१नििौश्जिन न; -छहे शर। षांशाः dरे ११ ति दशांशकइ९ १७: शांध्र ! —আপনার সঙ্গে ত গাওঁ ছিল না। -शो६ ए र्रा ।। {छ्ोशः। {तः षानतःि नषतः। -शशशुए शररे स्।ि १श शांत रश राग षाः नि रि' तििन्द्रात् ११ जिातििकनां सीता श्ानि। —কেন, গাং মেরেনিড় ? -११५ tा छ ( स्थ|ए अलगरे बांन। -छ षांश, न १श घांशाः शाश् चांगुष्ठ एात? " - -একি ডামালার কথা? -(रु राप्त अंशंगां ३१)? !! —আজে | —তোমরা পাঁচ সাতজন এক একবার জলোয়ার (१8छ। শান স্থার খাপ জি ট্রান্ত আৰু रिठ्ठाउा प्रज्रान्ति श्रेन, उद्योष शक्जा चाँो। हा एांज़श;ि शिरे ज़ि। जगाः श्१ीन (शिठरे क्षशः न, (क्रन हेणज्न श्ग:कन., ऐश्न नौन शूiिनाक्र (श्ग, प्लाक शॉश गां★। क्लष् धांत शंशानि छांशंक एहिए हरे (शिष्ट (गता भश्*िशिीशश, क्ष्रुत्किौशऐश्रश्न। गणि। बकास लसिकाग्रेषताह बाराबाबा बकारशक्ति-बार ग़रीशचीसार अशनं कशिश्गि उशा रीप्नाशेठ १गि न, र्तिक शिक्षा (#न। Δοθ-3