পাতা:প্রবাসী (ঊনত্রিংশ ভাগ, প্রথম খণ্ড).djvu/৯০৮

এই পাতাটির মুদ্রণ সংশোধন করা প্রয়োজন।

ते शी। शिक्षा का स्तtशन् इति निष षैश्च सगतं गिीाणि तिा ता। शिक्षा गिरिशी न; विश्७aषतां ग्ाि गान्। ***** tांश ७शना क्षिण आहे,(श शैत शैलऎौ राौहित्र तिष्ठ१ील। (षगीश्शं★ः राजन,-ति शांत (रप्लिाः dश ? ऑर्ष,परेशन ५स् तब क्ष(१ि! हे छूनाइऽगिाउ बां★ष घोष बग उि १ीरु ! (शंत्र श्रटिश 6ारे-हूि (मरे-एउरुि षांत श्रौ गtा ? ण्प्लिास शूगोरु अगस् िक्ष, रुि।ि निन ११ नि (शश कांव हेठ र राष्ट्र शंक श्छूिरः काठि श्ा। नितः षिितीं श्रेि স্বাটেগোরা লাগি থাকে। কার বাস্তার एकां (सांनि (तिन। नि (गौ श् ि१ी-षदिति (कनानि भक्तांतरे (गी झन। कांव (वंश रुतिा स्थिांश शश श९एांशी घएक्ज् िषाङ्ग१इक श। धर्शीो शष्कृित एांशाए शरुशांत शिरीष शें। "। हेछ। का, घस्रा (ग्रे षश्श् शक्तिश्ल (गांशीस् रशिन है; काहे उशा मूत्र की (रांत"प्ल रुर्तिा गा ! हेझ काह, dरज शैज़न शशास निशैप्लिए रुतिा ७क्रांtन घशुक्रे रिनहे काि ल्या! इि ( हेक्कास्6षा ९लि বীি ভূড়ি গারে না। বাল্লির সব কোন ौाशैल मूं प्रेता त्।ि इांीस् {रि४ कणकूग (श्न dस्करे हेक्झांग 6 घनश्ए तृत? नास श? सा, (एनि स्पृिशक्ति षष्ठागार ५तौं घरुशैक्गारु७ अंश ग्राङ्ग गरेशागाका एशशर गिर शास्। ििश,ििरतtार स्ति भग्नायूँगैरेणाः। মালী৷ দি ডায়ার এবং নিডে গায়িতন, पिशशेशहेश५ो बारा श्रेष्। ढि झ्।ि ५-क्ष घान शशाक७ छांनिउ गि न। छनौ (श्न चांगनां झन्न शिरु९षज्झिा गांगन कशि छूज़न्, शश स्नशः बाििर रफ़ ऍशरे शिर विा शहरे गिर शार, ग्लिश:५(रशित्र प्रेष्, ऐरांसि निित झण तिा क्षता इति। (कांना गांध्ञरे। कठि९नारे-(सन न, (ग छाशा शनतः ।े षट्रि-गङ्गांशेन स्ानि श्रा हिारः गउिस् ित्रै शैउि छि। शत्रा रुए भएन करान नृशंसे शा, पता शश (प्त (सन् ५ ग्राबाईँउ भूत् । कनक्षति १ु করিতে পারে! कारु रण११:। शौ१फ़्षन(*र रुशिशिा शंक्वरु{ निशिए लागि। ऐशन शु५ ५कनि शिश७ छांशद रिशीश घाशक्षप्त गरे। राषहरे ਚੋੇਸ਼ਕ। त् थीरं षट्ठीश्च विारं श्ा श्शै शक्षा নীিতাকোটা প্রবেশ বলি। रागरौँ रास्त्र Jर्ला भूछाि गजों १छ। नुि যা একটি চি ডি, একটি ঘনিষ্ঠীৰ গানের গোপন শৃষ্ঠান। ীেয় গ্রামধনের १ारनिष्प्रेक्षां, शिरं हिर नानाद्रिायाः ौाज्ञौ न ौि तू७dरहषाक्षात् प्ा सार बग्नरे। जठां शनिज़ शंगशै-गठद्र शाल शानांश् शौराज्झौ शंगशै, ड़ि (स्त्र भर्जेिरु मा, (श তার কোমল চরণতলে বুজাশোক ফুটাবার কবি सङ्गात् षरि रुतििर षानं नारे; शशा ডিভীড়ে যেনে মাষ্ট্ৰী! উত্সবোলে মা স্েিকামূৰাাৈ *ष्ञिाश्गि। काशिका (सांगाशन (ग (ीन षांत९ घवृििरो हरेका ऐti। शाशैश ११न७शक रगिगन, 'ी(भि-ज्झक्षोभीष्। प्रशस् (श (रो (श्रािन यत्र षांगिा वॅप्लरेण, (ग इकौ७ ज्ाक्षि इश्भानर (लस्ौशि ठनि७ठगिता। (रफ़ारेऽाइ। (गरे इतैउन 6ौग़छ उशा प्रश्शन धरश् धानकों का (ग। जानक शश्गि tशतः ऐश्रेन दगिा श्रोइन। १ॉगाइन कि शीर्ष प्तिागणार्ज़रेबाप्त। शशार केतन प्ति गर्नै सिि-', क्षे शशा प्रक्षा,