পাতা:প্রবাসী (ঊনত্রিংশ ভাগ, প্রথম খণ্ড).djvu/৯৭০

এই পাতাটির মুদ্রণ সংশোধন করা প্রয়োজন।

৮৯২ প্রাণী-আলি, ১৩৩৬ ' [২৯ণ ভা, ১ম খণ্ড 0SAAAAA SAAAAA AAAA SALA S LA SAAAAA AAAA AAASS प्राझिड़े 4* ब*६ itाष्ट्र बैंक बांtः । (ग३ श्t******** शृशंद्र ब्लन, अग्नि छ, oा हा ठां★ शशीर्षभूड़िा हुन। किन्छ tशब् हि ! बगझिा, रतन (शक, गीशां रसान पर, गोगा रहनtशल। शंपूरा श्रह ऐग्निशाम्न शोरै छ ¢,-sांyर रन बांशं “ङ्गमिtशत किॉ:अरी१** গাং মা,রাঙ্গামা আকিয়া যাকে স্বামড়গাষ্ঠী ধা, ििक ग्लांट्स प्लांक निश्छुिछल (हैिछ t१क8 शांगूरः अग्नी छैकड़े झड़ दशा, शाह शंकनिनईष्ट्र ब४१] भवशl११ ।। भ्रुि पृनृप्रांज़ारा ग्रिाहि क्रt ऋ५ डांव डांप्लांक है कि छिकां; रुग्नरुक्षत १Mशः *ीशनीख़ा १शृङ्गैदिल मर्थगः (*५, राग अग्नल अटलांश भrा बांशांडे (१r ि** witरु शब्लांघ्रिं हि *ढ़ ड'H (एलफैिं। उ*न (शल नांग छैगां★ (*१**/ारठां शृशं रु,ि (नों ईl५२-ालग्नां नाश ऍक्षा की, {ाः (*३ ईश्(प्रशशं★ कांह बांगांधांश बारगि९ शिरुआं।ि छः ४भांो १ र रुस परुि' रो रु, क्षः0 बाइभूति की छाल रति १३ stछांशं★ भूमेिं, (१ ५लं प्.िt॥१क्ष रुग् शि! ५ानि रु’tतः रे गृश्न हि इष्ट्रातर्ष५rा बांश इ** बांशांशा अtा राष्ट्रतिभा: निः शर्शन वर्ष बां★१r१*ार हुश्रुनग्ने छांबरु yढ़नांद्रबि थांग । (বিটিা,শ্ৰাব ১৩১৬) जैत्रौढशां५ %ीकृत (कां (शल्ला अर्जछि ? यांशाः यष्टक्-ि-'शङ्ग *ाडांना शिक पृष् शं:-(* tशांsां ब, (१शहू झशिक-शरांश् ॥ छांगरे, tा-(*? (शंक्वांर। प्र8प्लांब (दङ्गांभर खलेि भांश्र धरः शंशे नद्रेिष्ठ ॐां. गांश् ७:ाश् ५ शिा झश्य इहाग्र ब्रांt (यहा थांशाझग्न भद्रश्न थढ़ी भां । ॐहां★ श्रांशtा? शांशां★ ७iछ। अप्रtा जठख्रि (लनल अभिहुि छईझिए १áशतमांौ tशांब्लॉग्न थहि । (झांडांशे शृ१िr: "(तांश ?ांझीब" (१ (शांझां★ १{ ਵਿ “屯{邨 5ार रुस १ रुङ्ग– ि(क्ट्र शांना स्ti, रु... tोशष्ट, গোট কম্বে-ৰেংকিং তেহে তো । 羽h1仍峡市, बाईि हाँ यांछ कांश क्षा|तांछ (३िछ्नरु इ१।" थशांशः बछ&िgहेtशांझांझ । ' ंशङ्गतःि गिरिः शशी्न सन (, (गीता समाः। *नौशानि निर्शिी भूतनान्-"ांश् १्र वाता। ल१्रौ थांशबढ़ गए। सििद्धं प्रॆ शाशः (शीाः शृंगि१-गशक्षितः (; tर्गौरि तािः

  • ग्लिा, dतtगाश् बांशैः जांनौगांtश्र शम्हणऐक्षांशै शशांा

रंगांश ऎणकjा रुक्विांश्न। अर्थ हsांक (शांब्रां (ए सां★ कaिt? शtिग्नह न, १ढ़ १ॉष्ठ कांशांश-प्लेकिन भltश्र ॐल', शाछांशमान रुग्निान। हैन इशनों हेक्षांशैनिकांज्ञाः कििलन। त्यो हे:ोझै विका क्रि (१ (भांझ झु|' (-(गों (प्रांप्लां, बांग्ला बर्शछ| १३ हेक्षांशौ निकान, छत्र शाहश् छा गा यांश्शा गांश्त थभूः शां*ि*tiहे झार, /** झांgां छां गा बांशाक १शंक्वाकांक्ष रनिठ जांशः (गईtशांब्रांज़ ऍक्ष कांशत्ररक्।ि भागांब्ठ रातृौिगठ (मन बठिं रुणे रङ्ग छोरा (कांना *ौक थश्रां ब्रां शंशा रशिशि-१िशैनगंदू कांस् हा (कांश गर्न कक्षिः, १isांज्ञां थशृशं शीशांt; ; शशी शांश बाँध्या 6 ठाँका शंश स्रो ठूङ्गारु शंक्षीन" वांशग्न (गो-श tषोल्लॉक क्षम छांशबां कल्नेि। ुं लशं, (निीां णि षििनिनििश मूलशोभागांश्ल tशांशं रांना३ थ९ बढ़कांtा है। श#tष्ठा, उiशाहे ब्राष्ट्रे%ि अनििश्चा छैा १{रुःि जंझरुि भैा १७ रुiिt? णिक ख्रिा, छांशं; इंग्नि शै भांtाष्ट्र रँग बॉरेिंtःtः, प्रश्नाशः भः रौष्ठ११ ऐंशी कांग्रेt?t, **३-३ऋांtछ मश रात्रि शyहे वर्ष बढ़े ७ श्लॉ*ार थां५ नों कामेछ,-यांशdरेtशाहां, निॉर्न कांश्न क॥ि“ ' दृष्ट्र७शुक्ल आंमा अशील। (१जकल (शंझ शैथिक क्लिङ्ग झुम्ला ग्नि थारुि हेtद्रांशै७ रां¢ल छांश निक श्लेष्ठ रश्लेिष्ठ रुद्विग्न यांशां*िास *ि*{ रुति प्रशिा:ा, छाग्न *ि शक पूर्णा हजार ४तमी.रुतःिी रग्निौ गिी धारःि। चकाशौ अग् िलिोकान्, छाशं★शल वठि-हषष्ठ ब१शांनएफ़रु “बीसङ्गठ" नांश् छर्शिश्छ् रु|ि श्रामा छान्न रु:िा,–था झांझा प्रेक्षा কামনা করি। हैोकेश्वर प्लेक्षिां **ठेts ****-ग्लांtि१; म:१iाः शांन शांश् (, रुौिleri छनई १क्षांश tशैबगै बांग्ल *द्भ क्षिौि बांग्लाद-ििने शीशा बां५ रुद्भिः रे शशी शिं कiिtडtान (, शेशांल्क (लक्षांशृष्ट्वा विक्र (अक्ष शंकांशীিণায় লেখা শিক্ষা ংেrtifয়ছে স্ট্রে ক্কোরের ংি রোয় ग्निष्व। श्रे ग्निांशै आएर रांझ३-मांक-एश *ठाला üग १शै३ शां★ हूिबर-थांश dों मृद्गन (शांल्ला बागी | यहि "ाि;न छँदा' कृष्टि ११-थाउ| १९शांश बी. ऐश्वर बाग्लश गए ह%शश रांग**ीस बग्निश्क अपूर्श स्थग्निांtiन्, tर्ग छष्ठ (१मरुजtप्लांछ ठशाक ‘हांक्षा' रनिtitई गरे गरुन (प्रांहीं; यांशक्ष यशस्। ऍनिt: *रेि, शहाज़ ब कि श्ब्रह (शांशंका प्रांतांकन )ि बििनौ बाँक्षांगहरु छँदछ। ढि कालिग शिल गिरे , थिा बौः बांम्मा आफ्ना शिा ,ि ि (ब्रन होणशा -ि* dवाश्छ्रे इंग्रः (शांशांश ftittí1 श् 'हि बांश्ा, १९लानां बौंौर चीर्श, जनिक शांशं रागीरनीरवणशैथ:ि(कांनशस् िरक्षरे(कांनथका गगह ध्षरैगाम श्यामि शf स्tिछ? ोो|ानु, अक्षरे (रांतांश् छशिरा क्रिा का:प्त झाठी बािं रुश्।ि रोब शेलारु मात्रा स्निग्न रुढि प्ला?