পাতা:প্রবাসী (পঞ্চবিংশ ভাগ, দ্বিতীয় খণ্ড).djvu/৯২৪

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৬ষ্ঠ সংখ্যা ] দেশ বিদেশের কথা-বাংলা Ե-Գ> वैदूल जवणां दश স্বচী শিল্পের জন্য, ৬ । হিন্দু মহিলা টেনিং স্কুল-সাদ পেলাইয়ের জন্য, * ! श्लूि बश्नि छुनिः कून, कांहेनोद्र बना, • । वैषटो ध्ॉबनौन tअबौ(विशानां★ब्र वांनीडदन)'cछजिब्र अमा, > । वैभडौ tश्मजठl cमन "बिरकरणब थीवांtद्रब्र छन, २० । जैभउँौ वक्रद्रकूबांबी मांगछख॥ **ब क्बि नांना इतिब्र बना •s । बैभटौ थकूत्रकूबांग्रेौ cमन फ्रक्वेब बांगप्नब छनj, s२ । वैशृष्ठौ शूद्रवांज tषरी कांtर्ग बब्बाबद्र अना, ४७ ॥ **शे ब्रांशद्रांनी बांद्र माझेब tठब्रांबी अशा शृंश्इॉजीब पृप्छब्र जना, ss । बैबठी चर्मणठा दछ, छद्रकांब s४० नषtबद्र श्रृंठ कॉsाब बना, »० ॥ খ্ৰীমতী রেখা মিত্র বালিকাদিগের মধ্যে সৰ্ব্বোৎকৃষ্ট কাৰ্য্যের জন্য। थशर्ननौtठ cश8 cझाझे वाजिकांtअब शकद्र शकब एक-निtब्रव्र विनिव প্রদর্শিত হইয়াছিল । ভৰ্যতিরেকে জাগল, চটের আসন ও নানা প্রকার श्ब्र दॊषॆ। cमणांश् क्ष्णि ।। ७• ३९लङ्ग ॰ंश्रुiक् श्रॆषॆ सॆषां श्यांश्ब् ও পাবনার মেয়েদের হাতের নিপুণতা প্রকাশ করিয়াছে। প্রদর্শনীর मांकशा cप्रशिञ्च चांनं। कब्रां सृब्रि tव, बां२णां cनtअब्र cबtब्रoनग्न झांtठब्र बिशूनंठ शूकर्तब्र बठनहे त्रयूg ब्रश्ब्रिांtछ 4ब६ ॐाशंtभद्र शtठब्र बिंis नििश्चतः।। ६ांक्षां बिंब्ठञ् श्रॆष्ठॆ मंश्चक्षtरब्र ७tवश्लङ्ग cशोब्रऱ বাড়াহবে । ই প্রভাক্ত সান্তাল