ধৰ্ম্মতত্ত্ব । विषा। उtव cकांन् कई थइdद्र, बांद्र cकांन् कई भइdा नtरु, उiह कि अंकां८ब थांनिव ? उांश जां वणिरण छ निकांश वाईब cणांज़ॉले बूश cत्रण ना ? ওক। এ অপূৰ্ব্ব-বৰ্গ-প্রণেতা কোন কথাই झांछिद्र बांब बांहे। कान् कई जष्ट्रdद्र, खांश वणिতেছেন,= बखर्ष९ि कन्it*ांश्छद्ध cणां¢कांश६९ कईवकनः । उदर्ष कई cकौप्लब मूङणनs जघांछद्र ॥ ०> ॥ ५षांटन वळ नtच कैचंब्र। जांघांब कषांब cठांशांब्र देशं विचांग म इब्र, चहर श्रृंहबांकांzर्षीब्र कषांब $*ब्र निर्डद्र कब्र । ठिनि आई cब्लांटकब्र छां८षा जिर्षिब्रांtइन “वट्जा :ख दिङ्कब्रिडि बय्ख्र्षख केवब्रख्क्षीन्।” खांशं हरेरण cब्रांरकब्र चर्ष हईण ७ई cष,जैचंब्रांर्ष बां छेचरब्रांक्टेि cष कई, उडिज्ञ थञ्च कई बकनयांब, (चष्ट्रए#ब बरह्) , बड4ात ८कवण छैचंtब्रांकिटे कईई - कब्रिट्व। देशंब्र कण मैंiप्लांब कि ? मैंiप्लांब tब, जमख बूउिछणि३ घेईबबूषौ कब्रिट्व, नहिरण णकण कई केचंcब्रांकिडे रूई इद्दे८ष न। । ७* निकांय षर्षहे नांषांख८ब्र ভক্তি। এইরূপে কৰ্শ্ব ও ভক্তির সামঞ্জস্ত। কর্থের সহিত खङिब बैका शांनांख८ब्र थांबe =णद्वैौक्लड इ३८खरह ॥ दोष1 "ময়ি সৰ্ব্বণি কৰ্ম্মাণি সংন্যস্যাখ্যাত্মচেঙলা। निद्रांनैर्निर्च८षां फूबा पूषात्र विनंउबद्रः ।" वर्ष९ वि८वकबूशिष्ठ कर्षनकल जांभांदळ चत्रण कवि निकोष श्हेब ७ष९ श्षङ ७ दिकोब्रन्छ श्रेष्ठ যুদ্ধে প্রবৃত্ত হও। निवा । केषtब कई थ* कि अंकांtद्र ह३८ड भीtब्र? ७ङ्ग I "अक्षोल्लुtsङजा" ७६ दोएकाछ जएछ’ *णखज" +च बूकिcछ श्रैtद , छत्रबांन् नंकबांफ्रांर्षी *बषजूc5डनां* चं८चइ वTांशांइ णिषिब्रांदइन, *बह१ कcéरंबांब झछाष९ फcबांयोडJनब। बूझा। " “कर्ड विनेि बेरंब्र, उँiशंबरे जङ, ॐांशंब झछाचब्र" ५रे कगंज रूब्रिाउहि * <हैंछनं वि८वळ्नांब्र कांब कब्रिहण झटक কৰ্শ্বাপর্ণ হইল। ७षन बरे कई८षांनं वृक्tिण ? थधबङ३ कई जदs खर्डवा । क्रूि cक्षण अइdद्र कहेि कई। cष कर्ष केचcबॉक्टेि, वर्षां९ के रंबांछिtथङ, ठांशऐ चइdछ। छांशटल बागख्नूि● अषर कणांकांव्हनूछ हद्देश उiशंद्र बहsiब कबिcs इहे८६ । निकि अनिक्ति फूणा खं विं । क्षं नॆभॆ: ष१ि हविषि, बर्ष९ि बह* खैiशब, जॉर्षि उंiशब डूडाचक्रण कई कविप्खहि, यझेक्कनं वृकि८ड कई कब्रिाद, छांशं इदेण३ कईदषांनं जिक इऎण । हैश कब्रिटड tञरण कांर्षाकांब्रिनैो ७ *ांब्रैौब्रिको बुखि जरूलाकहे केवंबबूषैौ कब्रिt छ हरेटर, चछ७व कईदां★हे डखिएषांनं । उखिन्द्र जरच हैशंब्र बैका ख गांयबज cनषिरण, बरे चभूर्ल उस, चशूर्क वर्ष cरूर्ण शैद्धांtङहे बांदइ ॥ ७ङ्घनं बांकई वर्धदTांथrां चांश्व बंधन cख्गंन cनर श्ा नांश् । क्रॊित्। ऎशंब गन्ंf वriषji छूर्षि ५षंन७ यांख एख बाहे । कर्कटरांप्नहे ধর্শ্ব সম্পূর্ণ হইল না ; কৰ্ম্ম ধর্থের প্রথম সোপানমাৰ। कांण cठांषाटक लांबाषांtनंब्र कर्ष किडू बजिब ।। পঞ্চদশ অধ্যায়। --Bio - ভক্তি। . छत्रवदनेड-लन । ७क़् ।। ५कट्१ =[न गृषाच् खशंबखिंब्र जांबशं वंदन कब्र । कार्बब कष। वणिद्रा छङ्कर्षीषाi८द्र जांनबॉब्र जपछांब्र-कर्षन-नयरब दृष्णिप्छ८ख्ब, दौउब्रांत्रउब्रट्जगषा मद्यश्च बांबूनाविं ठाः । বহুবো জ্ঞানতপসা পূজা মদ্ভাবমাগতাঃ ussel देशंब छांबांर्ष भरे cर, चटबटरू दिनंउब्रांन-छहcङ्कांष, भनाब (बेदंब्रथब्र) बदर यांशांब खेलांखिंड हरेब खांनङcगद्र षांबा गरिब रहेबा चाषांब डांव अर्ष९ि छैचंइरू बl cषांच यांढं दहेबांद्दछ् । निवृJ । यदे लांन कि यख्गंङ्ग f उक् । cष लांप्नब बांबा चौष गबूरब डूडरक জাহ্মাতে এবং ঈশ্বয়ে দেখিতে পায়। যথা— cदन छूठांडरनtदन बचन्छांकछtष बद्रि ॥ales ॥ निषा। ८ण छांन किब्रटनं लांछ कब्रिव ? उक् । उनंदांम् उांशंद्र ठेनांद्र भरे बनिद्रांरइन, ठविकि यक्ञिांteन नब्रिथ८धंन ८णवद्यां । উপদেক্ষ্যত্তি ত্তে জ্ঞানং জ্ঞানিলন্তদর্শিনঃ useen जर्षां६«यंकिोनांड, बिळांना बच६ cगवांइ चांब्रां खांनी उद्धधर्षौक्tिनद्र निकछे उiह चक्छ हदेव । শিষ্য। আপনাকে আমি গেৰাৰ দ্বারা পঞ্জুিই
পাতা:বঙ্কিমচন্দ্রের গ্রন্থাবলী (নবম ভাগ).djvu/৪৭
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