পাতা:বঙ্গদর্শন-নবম খন্ড.djvu/২০৬

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२०२ कटजन ऊश्वन ऊँशबl ऊँौङ्ग वनिब्र •ब्रिश्नलिङ श्न माहे । पैशब्रा गज्ञागि অবলম্বন করিতে প্রস্তুত হইলেন তাহাদিগের পক্ষে যুদ্ধ কর্ঘ্যে প্রাণ পণ কর। কঠিন বোধ হইয়াছিল বলিতে পারি মা । ক্রোধ উপস্থিত হইলে সহজেই জীবনের প্রতি মমতা খৰ্ব্ব श्हेब्र! शाब्र । अङ७द यूकाशैब्र कौबन ত্যাগ সংকল্প সন্ন্যাস অপেক্ষা কঠিন नरह । cङ्गाष, नईशांद्रसूखि, चना कि चाशदल७ यूकञ्च eश्वान ठे°कद्व१ मtश् । যুদ্ধের প্রধান অঙ্গ দৃঢ়প্রতিজ্ঞ, সাহস, cणांक दल, ७२९ cनtरूरल ग१अंश् করিবার কৌশল। উপস্থিত বিচারে লেtঙ্ক বলের কথা অপ্রাসঙ্গিক । কিন্তু সন্ন্যাগে দৃঢ় প্রতিজ্ঞা ও সাহসের चङष बाहे । श्रङ७द सूक ठIाश कब्राप्ठ ব্রাঙ্গণের নূ্যনত দেখিতে পাই না । ভঁহাদিগের কঠোর সংকল্প মনে করিলে कथनरे छौक्र दृशि ब्रां पञदछj कब्रिtठ शाबिं न! । झलट: १शबt छछू५ीवन अरुणवक्ष्म इङगदकअ श्हेब्राप्णिन, ॐiशबt छामिग्रा ७fनब्राहे गूक कtcर्षीब्र नtव नरण ब्राछा, थन ५द९ cश्रीबद नाप्डब भाकाज्क्रा० ब्रिड)tभ कब्रिाtझब । अङ4द कबिंtब्रश्न निकछे नब्र!छिङ है ब्र! थांकिtग ४ अकt१ब्र *itण बूझकाई श्हे:ठ अ°न्छ रुsग्न नश्छ इब्र ब्राहे । श्राद्र शनि ऋबिग्रtरू यू८**ब्रा . छूङ कaिब्रा० अकc१ग •रे डाण चैौकाब कबिश्च भtरून डाइ श्रेष्ण अशtषब বঙ্গদর্শন । ( झझि भश् छिडा कब्रिप्रां ॐi७ कठेिन इद्र । পরশুরামের বৃত্তান্ত কাল্পনিক হইলেও ५ई कथाब्र अनाथ! रुहे८ब न! । नब्रख. ब्रां८भब्र गभtब्र म! रुहेtब्न ७ ८कौन ७क সময়ে ব্রাহ্মণ যুদ্ধত্যাগ করিয়াছিলেন সন্দেহ নাই। এবং কেবল একবার ত্যাগ নছে, সেই ত্যাগ হইতে অদ্যাবধি ব্রাহ্মণ এতদ্বিষয়ে একবারে নিম্পূহু হইয়। অttছল । এই বৈরাগ্য নিশ্চেষ্ট্রের লক্ষণ ৪ यतिtङ °{iग्नि नt, ८कनगt यtछम কfর্য্যে ব্ৰাহ্মণের ক্রমশঃ এত উন্নতি করিয়াছিলেন যে অপর এক সময়ে যুদ্ধার্থী বিশ্বামিত্র শাস্তপ্রকৃতি বশিষ্ঠের নিকট পরাজয় স্বীকার ঋরেন, এবং তদনস্তর যুদ্ধব্যবসা ও রাজ্যভোগ পরিত্যাগ कद्रिप्र! दtनeधंश vgर६ नग्नाiनौ श्रें ब्रt. क्लिट्जन । অধ্যাপন । श्रांशरूitग बाऋणदtर्नब भरए ठिम fक्य८ब्र थकान श्ञ । षाजन, भ१iा°ांन ७द१ यूक छाश । हे शब्र अषभ ७ हठौग्रैौद्र भt१ नभtग्नब्र अ* ***काँ९ क्लिका मध्न इग्न । ५३१ ७हे छूफ़ैौ विश्रब्रग्र कथाहे ५ठभ१ वडिनब्राहि । किरू अधIt°नाहे ८वष इइ उँछtग्रब भूगाथांब । विनि यजन विषtब्र ज५Iा°ना कब्रिtड नक्रय झई ब्राँहिtणन टैtइt८करें यां अtनब्र पछांङ्गाँश्रf१ कब्र! शञ्चद*iब्र बहन इब्र ! cन श्रृंश्] झोझैक, अषाङ्गन थिएग्न भभाक फै९कर्ष नाड न श्रेरन भशाभन करनी रक