পাতা:বঙ্গদর্শন-সপ্তম খন্ড.djvu/১০০

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४३४१ l) ब्रछ कब्र पाई८ड८३ ।। বহিত হওয়ার প্রধান প্রক্তিৰাষ্ট্ৰী সামা बानिं★१ । छैtशब्र! वtणन, “जबाजमरषा १क्रषद भटभ ७क निब्रभ बौब गtभ জাৰ এক, কিরূপ যুক্তি । প্রাকৃতিক निब्रtभ हौशृक्ष थकहे चडावनन्नग्न । कि नभङा, कि दूकि cङ्गांन विषtब्रहे , ह्रींलtंश्ानां १्रंशता नूंषि नष्टश् ॥ ७८व ॐांझांग *शृङ्गदृषब्र मश्ङि जयांन चषेिकtब्र ८मि न! श्itरै:ब t cष शबiष शौभ्रेक्षtहि। এক চক্ষে মা দেখিবে সে সমাজ পক্ষ •ाडौ, उादात्र फेब्रछि यथम७ ग” श्ब्र नाहे । “७निबू नष्ट निब६ मछ दद्यः” इड'नन न! श्रॆक्ष्य एठश्छणॆिण cश्iन गमां:छद्र छझऋएक नांदे ” चांधबt नॉभjताएँौगिtभंब्र थ८७ भड निrङ dवंखङ मश् ि; Nলা ৰে বুদ্ধি ও ক্ষমতাতে পুরুষের शून ७कथा श्रांमबा शैौकाब्र कब्रि मl, #ांद4 बनि डाँशाहे शहैड फांश शहै८न মন্ততঃ পৃথিবীর কোন না কোন স্থানে ौगोप्करु भूक्वायव्र गरिङ जभाम अश्-ि ीद cषशी वाहेछ ५ व१ *त°चिश८५ब्र tश७ cयौनङांब्रऊशा भांकिङ न । करव "नांक ७ शूक्राषब्र अष्ट्रङन्नद्धि cष ** छlइitड राधांभांtभङ्ग भडtएकश । कूदा फेछटबऐ काफङ्ग श्ब्र अश्ािग्न हैप्टन खेउरइरै अोमनिङ इब्र ।. इःtष tबके बिद्रभt१ ह* uद९ प्रर१ प्लेडt ॐदूझ5िज़ हई। क्षिांशंनेि कब्रिाफ ... रेका भर्नान। उप्न बौध्ग

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