у ея мечт1 1 I सिद्ध, थांबौक्न पक्नेनॉरवांड छांशदक cषकरन पश्म कब्रिब्राप्इ, ७iशघ्नई उपइनमन कब्रिब्र, जन१८कttछ, चांच्चदि८लां८viब्र गहिल, यौश्वत्रंitखं शंख्रिुट्ट् ि; खtएtध्र ओंक्ष्ह देह च ङां८वांनcषाशैौरे एहेब्राcह । किख মগেজেনাৰ সম্বন্ধে এ প্রশ্নের ব্যাখ্যা च्छङ्कन । बनेि cनहे वॉनिकtछ जनांखिँद वर्णनविणtन, दक् िएछtङtब नtड श्वब्र इकूबाब ८वश्णपक्षा, उँहाब्र रुष८ब ७ड जदिकांब्र णांडहे कब्रिब्रांहिण, ठ८ष cन चाँकfब्रश्रृंड कथा कब्ल, cन cवहनचक श्रृंच्च्cमोब्र८छङ्ग महिङ विनिष्ठ इहे८ड दिन्तड थांकिएलन ८कन ? ४६१ट्वा बांहाँब *द्वि4इ कद्भिरङ विश्वबtदिखांद-विशित्र चाथब्र aइन् कद्विरङ इऐदiहिण, डूनाग्रैौऔषcम ठtशांरक शृंश्किो कद्विब्रl cन नयांअ-वि८ब्रांब नब्रिहांब्र कटिङ गाहिर ख्न । ऐहोछ छेखब्र ७क कषांब अरए । नcनंzखब कूचन्निब्रांरभंड चन्नुख पश्७ि बरे नबरबर उँाराब रुक्ष्इ जूनशानन कहिबाहिण, रéjबूषॆौञ्च रुषहअtक्नकाँडी नलि८थय cन चडूब८क बूरूि •ोहे६ङ cक्छ नारे ! अtभंधहनावरक७ कि खणङ्गो, खtर्षjiव९मण कविब चहिज्र कञ्चि:८झ्म । डिनि ५ङ नए८ण एवैदूषौद्र ८भकइब्राभरक वंङIाथIाङ कब्रिङ्ग कून्त्रमविोच्च श्रृंtलेिऽहइ*tfडजtरौ एहेरण, ८णt८क स्ॐtइtरक cन नद८क wifक्त्वज्रॉब्र हिनॉर द cदांबtट्छtत्र कद्विवाब्र कtब्र१ किङ्ग मा cनषिरणs, ऊँीशtन्न षांच्णं छ14१८ब्रव्र बिदलष थनश्नी कब्रिड मां । चांच्च भूषणैौब्र ब्रt* छिरसङ्ग ८षझन् पिबय चञ्चात्र, कानिकाइ छत्र बटनाबूझरूद्र श्श्रन७ ८नब्र- बांडिन्न छै९नांक्म कtब्र मां । कूप क्षिेषूक्षं । Φό ό अचिनैौ चचबैौ श्रेरण● ५षन● बूवउँी नtद । ८को*णो कवि, ७कषिरक नtत्रय्छब्र विवबां ब्रमणैौब्र ●बछि जइब्रांप्नव्र ८माषासश् ●क्कडिब्र जांचव कब्रिपां ब्र जछ, cषमन cग जत्रू ब्रttणम्र बैोथ भूरपर्वहे जवशखरब छैiशtब्र शनtब डेख कब्लिब ब्राषिcणन, जछ क्रिक, cगहेक्कन, नcनtठाब्र छबिख-cनौब्रव ब्रचकांब्र जङ, अङ्करब्रक्नव ब्रहिष्ठ कब्रिचाब्र जडि«rrारब्र, म८भट्ठाम्र नाब्रिषा श्रे८ड कूच८क हानाखब्रिड कब्रिcजन ॥ ७{*ब्र-रौोज शुषम्र-८कrब निचिखं हहेtण डाइ! नम८ब्र करणसम्र शांब्र१ कब्रिटबदै । शोह! नएभञ्ज ७थछिएङ्गtष रूप्लिtख चणमर्षी इहेtजन, ठiही चांडiपिक ५ष९ नह*? जबूजब्दबैोत्र हsइोच्न, चाञ्चकमनवक्लिङ्ग चछोश्बनिड डैीशच cनtष लघूडtथtख इहेबांग्रह ॥ जाबाब छैiदीश्व छांईrांद९णजष्ठtब्र° छfब्बाबङ्ग अर्बप्१० दक्षिा श्डेबाप्रु। देशप्च्रे खेषानिङ थ८ब्बश्च नन्यूं4 निब्रांरू ब्र१ • इऐश्न बों । हेहांछ यूरण कविञ्च ठिखानोणखtब জৰিকত্তর অবস্থান দেখিতে পাওয়া ৰাঙ্গ । कूबांच्चौब थठि ८थवांछ्ब्रtनं कttषrब्र गावऔ दरेरण०, छाशप्ड चनषिबङीब कथा किडू मl थाकिरण●, बांबांनाब्रश्चूिनवारण अकर्न जष्ट्रञ्चांत्र जाँचाबिक डांटर भइरथांकभोई भtरं । दियू-नबाबभ*न-यंकांजौ, " cन नयारबङ्गे वार्षदांचद्रौडि, बकन चन्नचांटनच जइकूणख मरए ॥ * घन्नड7-4येणधरें, *क्थिाश्डि ऍी: शूकरषद्र लइन्नोरञ्चच्च **<थखि ४ जइ*ांभहे; उखिावां९गणr ७ :eणयांनाइछर्षहे, बाँचांणेों दिकूनमारजग्न अचंग चा खेरकर्षीषभ । मरणवः স্বপ্তেম্বুৰীতে কৰি সেই গুঞ্জামর্শই চিঞ্জি
পাতা:বঙ্গদর্শন নবপর্যায় দশম খণ্ড.djvu/১১১
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