लख [ రిee } - - we . ... o. o: | -- ४ष१ ऋणकाङ्गनि काक्रकब्र ऐशब्र •ाब्रोङ्क नश्डि चमिवब्रिङ काएक कथा कश्प्डि भारद्र, क्रुि चाभी कर्पुक निश्रुि श्रेष्ण खांशांब्रां उठांझांब्र ब्लौब्र गहिएछ गद्धांबण कग्निरब मां । नियिक श्रेब्रो8 cरु मैक्रो कक्ष कटश्, छोइङ्ग प्लेक छ्वर्ष न७ श्रेरव । भूर्ल cय विवि श३ण, लेश नछे, नर्सक, किचा डांtर्षांभजैौबैी नैौकरणांकनिरर्णब्र जैौ नचरक थान्tिव मा । पठषाभि भै णकण ८णांरकब्र ईौब्र नहेिड व मांगैौब नश्ङि cशांनरम शलिझाबरूडब किकि९ ब७ श्रेष्व ।। " अकामां रूछा नंभम कब्रिएण नछ: नांद्रौब्रिक म७ झई८व । जयांमछांडैौद्र जकांभां कछांशंभरन चाग्नौब्रिक म७ माँहै । चञ*ङ्कडे छांडौब्र कँौरणांक शक् िचां★न च्म८नचक ऐ*६इटै जाँडौब्र हे शूकबरक छजना करन्न, डांश इहेtग डेशग्न किङ्करे न७ श३८व ना । cष भूक्रब न* कब्रिब्रा वणशूर्वक नमान जाउँौग्न भब्रजैौद्र ? cषांनिप्छ जबूणि थ८कण करब्र, ठाशब्र ठ९भना९ अछूनिरुग्न cझ्न कब्रिाउ श्रेष अवश् ७०० भउ°१ अर्षन७ श्हेप्र ! * गरूमा नभांनजाउँीब्र जौरठ यबि $क्र* अकूणि cरभ* फtब्र, डांश श्रेष्ण ठांशग्न अत्रूनि cझ्न एरैtव नt । क्ख्ि अप्ठrागखि निराम्रन जछ फूहे *ऊ *१ न७ एहे८य । जांब्र यनि cरून कछ अछ कछारक अछूनि धरण* बांब्र नडे करब्र, ७ाँश इहेcग पछांशाँग्न झूहेशंठनं५ न७ एहैं८१ ५द१ ६ि७१ ७क ७ प्रश्नंtषप्ठ श्हे८व । ‘कटेछव कछां९ या कूर्षां९ ठशांः शांकिभtठाँनमः । उरुक दिस५१ नछां९ षिकारे-ध्वांछ हांकन ॥' (मश v1०४०) दभि राब्रक #ौ कछttक $ीझt* नडे राrग्न, डांश्ॉग्न बद्धक भूसि७कब्रिग्रा अत्रूणि cझ्नन कब्रिtष ५ष९ ग्रंáरङ कङ्गांहेब्र ब्राँखमांtर्ण ठेहां८क बभ१ कब्राहेंtठ हरेtद । ५निtजां८कब्र कछ ५झे नर-f अषया ८गौनाईभtन मद्ध शरेब्र! cय जीtनांक निज •ङि १ख्रियं ख्रिश्न! श्रश्नंश्ांश् चाषम हिंब्र, एठश्tितःि षड्- |' cनांक नमांप्ब णश्ब्रा शिग्रां कूडूब्र नेिब्रा था ७ब्राहे८ष । नागकाँग्रैौ जाग्र नूक्रवरक पळख cणौश्मब्र भब्रtन नब्रांम कब्राहेब्रां नाए कब्रिट्य, शांद९ भै नांगिई छन्बणाँ९ मी इब्र, ठांब९ काई <rनांम कब्रिtथ ।। ७कयांग्र नसिष्ठ शरेब्रा नूनपर्वांद्र द९णब्रांउँौष्ठ बनि *बड़ी भधनtनाएष भूबिख इद, ठांश एश्रण cगरे इरहैब्र वि७५ न७ हरेtष । अॉडrजांठ जैौ a छांetशैौ ब्लौनवrम७ भै घ७ ।। भ्रचिडा वा अब्रक्रिका थांडूक, नूह विजांडीग्र जैौ श्रमम कब्रिtण ब्रचिका भमरन भूप्बन्न गिऋक्रन ७ गर्फचरद्रन गठ ७वर उर्दू ●वकृसि ब्रणिक छैोश्रबरम षष ७ जर्सवहब्र१ मध शहैtव ।। ६षश पनि ब्रक्जिबाकी भबनकप्छ, अंश श्रेरण अंशब्र अकबष्णा DHHHHHH L DD DDDH HH DD CD DD DD LLLDS S AAAAAS A SAS SSAS SSAS SSAS SSAS SSAS SSAS वांचभै नमन कट्टन, छांश क्दैन डांशांद्र जइब*१ ह७ ७ अर्कड घूबदांब्रा बडक बू७म हईटष । , “ ،۔ 3 اق ६वध ख कजिब्र वरि बचगरीमा वाचने भनन कrछ, छांश श्रण ठेशत्वा *जष९ न७मैौद्र शरेटर, अथवां नड की ; भद्रदांज्ञा ॐशांनिर्ण८क चांव्हॉनेिड कब्रिध्नां नई कब्राहैtव । अांच* बाँदै ब्रभिड जांचगैरङ चणभूर्लक भधन कदल, जॉर श्रेरण जांच- . cनम्न नश्व** नं७, जांइ नकांभां अॉचाने नंबरन कॆशांद्र e०० *१ न७ शहैtर । यां*iडिक श७ न इदेब्रा अjकरनञ्च वक्तक्चू७म न७ श्रेष्व । बांकन नकणनां-बूड एश्रण aखांशक शशखि शिलि॥ जfश्च षडि भूेौचि बिणिन द्विषि । `*षणॆब्रचिकष्टां चाग्निप्र! क्लौ भंभन कब्रिrण ५ीय१ चखिम्न शनेि $ब्रw बsजैौrड जक्र छ श्ब्र, डांइ! हरेरण चब्रचिाङ जांक्रमैशंभरम ८ष न ७ ॐडtब्रग्नरै cगरे न७ इदे८व । बांच५ षनेि ब्रक्रिडा चहद्विघ्नां दt *दशा जैौश्नभम करब्र, डांश एरेरण अांकc१ब्र गएव *न ब७ इहै८द । ६दछ यनि चमब्रक्रिछ चद्विब्रां गंभन कcग्न, डांश झरेरण &यtशञ्च e०० श्रृं१ म७ हहैtद । चबिब्र $भर्ण नंबम कब्रिtण भर्कडमूबराहा भण्कमू७न, जषवा • •• न१ व ७ श्रेष्व । अग्नक्रिङ क्रद्विग्नां व1 8वध्रुrांश्रृंभ८म खांचा:श्रृंग्न नहटव नं* जe इहेtव । क७fणानि हौशंभएम ७ उच्चांकट"ब्र भै न७ । ८ष ब्रांछाँग्न ब्रात्मा ग७ छाम्न ८ौर्शा, भव्रर्जी गंभम, वाक्श्राङ्गद्य, गोश्ण, न७*ांङ्गद्य थफूडि ८कए जांछब्र१ कtब्र मl, cगदे ब्रांज ३ठाতুল্য প্রভাবসম্পন্ন । कईचम शक्कृि८क cष क्षजमांम जकांग्रण फTांश्न रूtब्र ५द१ निt#ांश बजमांम८फ cरु भूcब्रांश्ङि अकtब्र१ नग्निपछाणि क८ब्र, ५३ ४फtब्रब्रहे थकलङ श्रृं* न७ श्रे८व ।
- थविज९ षडारजन् षांरछा पांजाकर्षिक डाzजछनेि । *ङ१ कईशाकूडेप डcन्नांनs* लङ१ १७५ ॥” ( भन्नु wi०vv )
निळा, मांड, जैौ ७ गूज हेहाँटनब्र पनेि *iiछिठा मl थां८फ, অথচ যেtহপূর্বক কেছ পরিত্যাগ করে, তাঁহাকে ৬•• পণ न'e कब्रिtदन । ... " विजांछिनिरनग्न जाईशांनि श्रांअमर्षां★छ *iहांष्ट्रétन नचएक दशि गइन्गत्र ८कान विषान वt?, जाश करेण थांकश्ङिकभी ब्रांज ठ९कनt९८कांन ब७ श्ब्रि कब्रिध्वन नौ। ७३ ऋण cय বে প্রকার সমমের যোগ্য, জাহাকে সেইরূপ পূজা করির गाचन पाव डांशप्रब cज*****थम रूब्रिज बांचगभrनब गांशएषा थईवावश वृकfदेझ निध्वन । cकांनः शूरर मांननिरु कांप्री ९• जन आमनcछथिन कबारेrड श्रेष्ण अचिcवन अथवा उपलबज** अशक्नै cछबनाई जाचstरू चश्ङ्गिष शनःि श्ंश्र१ ८खषश् झङ्गांश्, खं शरैस्ताः