-- • भक वर्षनदे *षांन । णांथा, नांङखण, छांब, bषष्टषषेिक, बैौबांश्न ७ cषकांख धरे झाषाणि यक पर्णन नांग्लब वrांठ । ब्राषषाक्लोषी गर्न्तगर्षमग७श् खtइ वस्त्र जर्षीन, ७ हाँसा क्लार्सीक, cबोक, चांईड, नङ्कणैौन नांसनल, *षष, भूáथज, ब्राबाइज, ब्रtनश्ब्र, भांगिनि ७ वंडाछिछ sहे ५७ षानि बर्भरमग्न नथचिएं दिवब्रव विविब्रांtइन । *३ अकन वर्षजनांड रब थ*ांनैौtड निषिङ हहेब्रुइ ! मर्थन भंtट्ज़ eqरबश्नं कडिtड हरेरण ‘ङच’ ‘श्रृंनांर्ष* ७ ‘कांब्र*' eाङ्कङि भएकब्र ठाँ९°र्षी जांना श्रांषश क। छांब्र, रेष८५दिक, गांधा ७कृखि मर्थन*ोरह्म ब्र थांब्रtख कछि°ब्र *मtर्थ बा ठच चमजौङ्गङ श्रेब्रां८झ् । षथ-छांब्रश्नोtझ cषांफ़* পদার্থ, বৈশেষিকে সপ্ত পদার্থ, সাংখ্যমতে পঞ্চবিংশতি फफा ७ *ाठबtण बफ दिश्*द्धि ऊरु चौड़उ । बर्डबान नगरब्र পদার্থ শঙ্কের গ্রচলিত অর্থ কেবল কতিপর ইঞ্জিয়গোচর बच भांद्ध । cषबन जण, व4, *ांब्रम, भूखिक हेठrानि । किख झर्चन भएक्लग्न वारुझ७ °मोषी नक८णग्न cजक्र" अर्थ महश् । क्ााकब्रणनि श्रृंोझै कब्रिएछ श्हेप्ण अक्षरबहे cबश्न कठिणग्न স্বতঃসিদ্ধ সংজ্ঞ শিক্ষা করিতে হস্থ, বেইরূপ দর্শন শাস্ত্রের भऔङ्गड़ ठस् ७ ननांर्ष cगरे थकांब्र शांछू वा गश्ल भांण । नर्णनभांश माउ, कार्षी भांtजब्रहे कांब्र१ भांtइ ; छात्र ७ वtनबिक म*tन ७क थकtब्र *ाब्रिछांशिक नक बांग्रl ulष१८दनांउमर्नtन अछ थकांप्त *ांब्रिछाबिक भंच बांब्रां सिद्ध छिन्न «यकांब्र कtब्रt१ग्न नामकब्र१ इहेब्रां८झ् । क्थों छांद्र ७ ४षtतविक गवङ कांग्र१ छिन @ कtब्र-गमबांग्रैौ, श्रणमदांग्रेौ ७ मिभिड कांब्र१ ।। ठेवमासिक ११ चाब्र● ७की गांरकठिक काब्रन चैौकांब्र क८ब्रन । ॐiशंब्री करएन, cब कांद्र१ अछ $*ांबांtनङ्ग गांशषा मा गद्देब्र कोर्ष ऊं९°ज कएन्न चर्थक चाणमि कार्यक्र:५ पत्रि*रू इब्र न, ठtशइ नांव विक्é सेनांनान कांब्र१ । cषमन রস্থতে সৰ্পশ্রম হইলে দুই ঐ মিখ্যা বর্ণজ্ঞানের প্রতি विक्र्ड फेथावान काइ१ रुद्र अर्था९ बन्द चक्र: ग¥ हद्ध न अषक अभङ्ग फेनांशांzनब्र गांशद्म वाडीख विश्वTा गप्*ब्र छ१ छेएन्छ करङ्ग । - भाषबांहांzर्षीब्र न€वर्षननtअप्रब अङांहनां८ब्र-मांखिकांत्रि काम म*ननमूहब विबब्रन वर्षांबएव अबख इ३rङtझ । छार्कीकमर्थन-नांखिएकछ बढ़श छांकfक३ cअंई । uहे बर्फरनग्न झारफ बाकूब षष्ठकाण औविड क#किय, डङधिन ८कदण फूहरणम्न झेभtब्र छिड़ी कब्रिtब ।। . “शांवथैrत्र६ ऋथ* श्रीएक्यू१५ झछ इक५ f*प्रक५॥ ক্ষীছৰৰ ক্ষেত পুনরাগমনঃ স্থঙ্ক বৰ্লিনৰ) ( ஆண்டி ) कार्सीक मte cगररे थांची, टकरांजिनिक क्षहाँ" नॉरे, अडान बांबरे अबाव, थइदानादि अनाव मtर ; कांबिमैौशरडांध, लेभांटक्छ अदा छचन्थ छ कैखने क्लम चंत्रिथांबाहि दांज्ञा गजू९न्द्र प्रथहे नब्रब श्रृंकवां* । प्रथांश्चक्१ छिद्र जांश किडू अtबाजनैोश निहेि ।। ४३ वटs sाहिी कूल । कांस्त्रीरूघडांक्नरैौथन चाकांचएक कूल पणिङ्ग •चैौकांड কর্মে দী । [ श्विद्दर्भेष विषङ्गश् छांtिक् ॰हि ८१५ $1ं cयोक्तवर्णन । अरे वर्णन छांद्रि cवंगैौद्दछ विज्रख-भांबाबिक, cषांशांकांज्ञ, cगोबांखिक ख रेक्जाविक । भांशांबिकनिरर्भन्न भएड-किहूरे माहे, नकश३ भूछ । cद गरूण दश चधांवहांद्र तृहे शहेइ थांtक, जां&उवशांत्र डांशग्न किडू३ cनथ बांद्र ना, ७ष* cष गकन बख जांअङांबइग्नि इडे हरेद्रा थारक, चभ्रांक्दांब्र खशिक्ष। शिशूरे ८॥५॥ षि मां ४बt श्रृथि चशिष्७ चt॥ किङ्क से”णकि इग्न ना । ऐशcङ षिणक्र१ थर्फौजमान इत्र cष दखउt cकांम बखरे नफा मtर । गङा इहेtण जमश्चरे नकण जबराब हो श्रेष्ठ । cषत्रांठात्र भएल, वारु वच बारबरे भगैौक, cकवण क्रणिक यिखान झ* जाम्राहे जफ7 । $ दिखांम कृहे थकांब्र-4बूसिविज्रांम ४ श्राणब्रक्ञिांम । जॉअ९ ७ प्रबूति अषशांब्र cय कांन जcब्र, डांश्tटक eवृडिविजांम, अॉब्र श्रमूरिों अबशांग्न cष खांम जरला छांशां★ नाम जांणप्रक्बिाiन । ८कषण अग्निां८कहे श्रवणचम कब्रिब्र बै अनि शऐब्रl षां८क । cगोखाडिtरुब्र वारु षषएक नऊा ७ अष्ट्रमाननिक वणिद्रा थोप्कम !४षछविकनिएोब्र बाछ शाश् यत्त जकण देिछाभनिक। ७कबाज उग्रवाम् चूक :cयोरु षtéब्र केशरश्डे श्वेcण७ निच्चनवूरुश्द्र मच्tछन जनखादिङ नरर । कनानि ८कम शखि कछह एवी अखबिउ ह३ब्रांरह ।। ७ैरे वाका ७निtण ण~*? गजबांब्रश्ब्रtणग्न, गांबूनन गकावन्शनांनिग्न ७ फकग्न *ब्रषनां★ इन्नcणग्न नमब फे*श्छि cवाथ कtब्रज ।। ५देश्tण वडा ५क्रमॆ . ऋषतः णिणि ८र्राष्ट्रं चङि sofश्रीष्वि ५र बहिशाङ्गं शृंश् शृथक् डां९गर्दी अरन कब्रिब्र धारक ।। ५३ मtछ** श्चांदनक्रिम ५ °श्कए.ब्रिङ्ग, बन ७ बूकि केकसिगखिद, भरे ऋनन देखिरङ्गद्र चांग्रंऊन पलिहां cक्रएरू प्रांरभामंडन कर? • તોષ हिrणन कहड-cगबज रणज्, च#९णभककूण, संकाच ७ जहमान ~रे श्रेaनी+ ****५, आबच्न, नमृशत्र ७ मीं ५्रश् छरिं प्ठस्+, अभिषेत्रं, ४्म', ग्रश्चा), णश्ांश्च ● ब्रभकच * श्रदे***कक इक्रकक्। *क्ष देखिब :५११ झoi, क्रग्, शश्नः, *कि्रश्*िं श्ंश्*छ विश्वं ५१९. श्रः ७ थचक्छन थ******रे चाननो भाइकबचप । नहछविश्रब ****** दछज्ञ *न ब्रांभावनक्रिकtश्र,
পাতা:বিশ্বকোষ অষ্টম খণ্ড.djvu/৩৬৯
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