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- ौज फूबि cजकोरकब्र गहिङ नंबन कब्र ' नांकडिी बशंरक्षtरू প্ৰণাম করিয়া মুখে আরোহণপূর্বক মৈনাক্ষীয় মহিণ্ড ৰেখানে प्राजा श्धिवान् ७ tबबांक हिरणन aष९ cषषांप्न नाकडिी प्राथ त्यछिणनिउ श्रेञ्चाहिनन, cब३ णिहङबरम भमन कब्रिट्णन ।
●हे जवगएज cश्वनडि नडू नश्व गरेइ भधकारद्वद्र cयक्ष थाम्न कब्रिग्रा श्बिाणरङ्गद्र श्रृंश् भयम रूब्रिट्जन uव९ श्रंख्ध शिझtब्र ब्र इण कग्निाइ मांग्रेौनित्ररक भच्ष cबथाहे८ठ शानिtणन । लिनि नक जरक अवध निरनम, किरुणांकर्डिौ८क मिरणम मां । •ोर्रर्रौ श्रृंश्व झाश्प्णि श्रब्धको व्र रुजिद्दणम, “cइ अरश्च,ि अधि यांश नृणा छाश्रि, ठांश पनि नाe, cठामारक भएनांश्ब्र लब्ध निरु ।” श्राक्र्दउँौ “डाङ्हे हहेररु' अिहे कथा क्षनिएण श्रृंख्धको ब्र बटनांझ्द्र लव्ध गग्राईब्रा निरनन, enबर बूला कांश्tिण नाडिी ঘলিলেন, “আমার পিতা পৰ্ব্বন্তশ্রেষ্ঠ ছিমৰা, কপাসাগর মহাদেব জামার স্বামী, গণপতি প্রভৃতি পুত্র, ভ্রাতা মৈনাক, बाङ्गबूझ ८ङ्गोक, बाङ cयनक, अउअरु भामाग्न निको वाह कांश्tिद, श्रांमि छाशहे निद।' अच्धकांग्र हेश सनिब्र कश्tिणन, 'cइ पन्त्राम८न ! थामि अङास काभीकिङ श्हेब्राझि, अङ७ष जैज अभिाएक बन्नन् कम्न, ऐश्। छिप्न अोमाग्न अग्नि अछ ऋणा अङिगाँष नांहे ।' *ार्विर्डौ ५द्दे कt*ांग्र वांका सुनिद्रा “बिअभंग्रल आभारक (aहेछन दनिरउ कांशङ्ग नखि ?' हेह छांविब्रां चt* निदांग्र जम्ल भtन भtन श्ब्रि कब्रिटनम ; शtग्न थाॉन अदणचन कब्रिग्रा ठांश मशtत्रप्रब्रहे कार्षी बूदिरठ नाब्रिtनम । एठषन मशक्षाश्ा।। ऎषा शश्च द्विश्र। शिंगन, ‘aषम बां७ निtखपद्म ८७tषtन षनाश्नं भू4 शङ्गिव ।।” oftब्र' तििष्ठौ किब्रांड८बध्वं श्रवणबन कब्रिब्रां नर्थेौनिtभन्न जहिछ cवषांtन cनष°डि जहाँप्नव जका करिठश्प्णिन, झुखा'ीड यकृछि कांभावनविफूविड हहेब्रा cगईषाहन नमन कब्रिटणन, uहे जदनप्त्र भडू नका कब्रिtङ मानण गtब्रांबtब्र ग्रंथन कब्रिtणम। cनहेश्वांटन कामरबालांबझणां ब्रडाय4ी ब्रउग्यङ्गनब्रिक्षांना नैtनांब्रडणराषब्रा नशैोनब्रिजूठ cश्रोग्रॅौtरू cशथिब्रा, उंशद्र मिको आनिद्रा बनिएनन, “cश् श्ऊ फूथि एक, कि अछ uषाप्न अनिद्राइ, cठांनाब्र मानाब्रष नू4 कब्रिद, जांनाब्र ●यछि इशt कब्र !” भदांरगद ५३क्ररन बिखान कब्रिtण , ॐ द्रौ कश्tिगन, “चांमि 5fofणैौ, छ*शांब्र निषिद्ध aपादन जांनिब्राहि, चञांभांब्र अछिणांब cवरुच जांछ । श्रांभांब्र छtनांविइ कब्रिट्वन न ।’ यशांtबद कगिरबन, ‘जांभि cनबद्धा निद alषश् चकांबिरे छनचितिानङ्ग क्ल बनांन कब्रिब थांकि, जबूनt cखांबांरक गठिीङ्कणा अजिब ; उांशष्ठ cकांब नश्लत्र मारे। cर कने.ि1 अक्न आवाक कावअप्क ज्जन --- - कब्र, दक् िcशबच ऐव्ह कब्रिब थाक्र, छांझ ए३८ण ८कम विग६ कत्रिरङह ?’ छांशरफ कांetगैौ चणिग,'cश्cवजrजब जभ९५८ड ! चtमि उनछांक मिधिख चांनिङ्गहि, ,cब्रवह ७यांश इहैव, जांभांद्र रिङ्ग रूब्रिtवन म!।' जशरमक् बनिएशन, ‘cङांमांब्र उनजांब विप्र इदेtष ना arद९ कांडरङ्गप्तिरे पां यtइांकन कि ? <sषमि rबौच eवांछ हe, जांबांच्च दांक निचण हद्देवांब्र बtश् * ५३ रूषां वणिद्र नब्रtबश्वग्न इत्ख इtप्रt छांशांश्च श्छ अश्न कग्निब्राँ ठांशांएक फेब्लम अtगएम बनाहेtणन । बदांtनद छांशtग्न नश्ङि जांजिणलांनि कम्निम्रा बौङ्गांग्न निबिख खेwकब कब्रिरणन "द किङ्घकोण ठाश्त्र गरिङ जंोस्रो कब्रिइ छ७tणcवन याॐ हरेरणम । डांहांद्र नंद्र नएँी वणिtणञ, ‘जांनमांहक ८काम फेणोप्छ अनि झ्णमा कब्रिट्फ गमर्ष मश्.ि। चाणनि cमषtनव अण९*ङि ।’ 4हे «यकां८ब्र फँtशtनब्र प्रठिनंद्र ' £ौद्धि श्रेब्रॉश्णि । ऊांशीघ्र णम्र ब्रज्राप्ड फेनबिडे इहेब्र जजैो रुजिब्रोहिtजन, “cइ खाझtष छन्। कङ्गम ७क्९ आँमtद्र चङिलविड श्वग्न 6यंशांम ककन ।’ मशरनव कहिtणन, ‘5ाeाणtवtर्ण' जांभtcफ फेनं★ङ इदैब्रांह, oहेजछ cठांमाञ्च uहे भूॐि श्हेrय, ऐशष्ठ नtन्वश् माहे । नकण नाcड cभानिडा फेहिडेकां७iणिमैौ माध्न छूनि षाiछि णांड করিবে। হে দেৰি । পুজাৰে তোমার পূজা করিলে সকল नूजा गिरु श्रेष्व, मts९ श्tब ना । cछाषाब wहे ब्रूखेिं निकब्रहे बांठन्नैौ नां८भ यनिक इहेtब । cष ●धकांब्र निरुदिला, अशबिना, जिनूबtछब्ररी, फूवामचन्नैौ, काणैौ, कांब्रा, देश cडांबाब्ररे उह, ४डब्ररी, श्ब्रिमछ, भूमाषऊँी, पश्रण थकृङि शिबिच्छfe cज्ठ1षांझरे खश् । पञाँवtब्र प्रदछद्रष्ठtब्लग्न भ८एछ“জখোচ্ছিষ্টচাওtলিনীং ৰক্ষ্যে শৃণুৰ সাৰখানতঃ । मांग्रन: शृहेदान् दिकू९ौडजांम९ वन ८८७ ॥ ভমুৰাচ হরিং পুৰ্ব্বং গতোংহুং শঙ্করং প্রতি । ऊछ वृ३५ निष९ नाचः बांग्रैौकण१गडूगन् ॥ অনেকদলসংযুক্তং বিৰিধাস্বানৈযুতম্। गांमब्रज* छना थाठबूहिडेर गणिउ५ भूगा ॥ অনেকগুণসম্পন্ন প্রত্যুৎপন্ন কুমান্ধিক্ষ । উচ্ছিষ্ট নেছি দেইন্ডি পাৰ্বতী শঙ্কয়ে চ। डेडाजार मडबूहिडे९ अनाद१ जैडिनूर्तिकम् । निबनडौ छैछछू चां? कष्ट्रक छां५ अछबखि cय ॥ जगप्शनांविछिद्रपदां९.निंकाखि छ भग्ननांब्रषt: । छन थकृत्रि csांकिडेमाछनौड़ि निर्णमाrड ॥“ - छबिटेrtaiभिनैौड़, विक्ड़ दगिाकड़ि. नांतवान् :श्रेष्ठ