* * , , - - নিজেক্ষেতার দিন প্রেরণ করেন। এখাধ**ৰং**न्नक् भूहांकन द (औद्र रमण), भीर नशथ**** * { अॉtब्रक शैब्र कमिई बांङ1), भश्क्वड बैं, निभईवक*चै, ब्राँश्र अग्निनिश्इ ¢ङ्गठि cणनां★खि*१ ●ाँग्न २० शॉजां★ भवt८ब्ररी गरेब्र। उiशब्र गरिछ बिाश्रृङ्गब°जदरबाष ब्रथार्थ ब्रश्रिणम। श्रृङ्ख्याबब बैं (श्रीव्रक्षण) ऐशब्र किङ्ग श्रृंखै { श्रांनिण अँग्न औविछ कांग्रण ) श्रृंद धूणना ७क बांtगम्र ( हाँग्नाc*टकांग्न) ८थब्रिड छ्रैअन छौकनांग्रणम्र जांनैौउ४d थांरक्षण भउ शैब्रांमनि छूनि ग्रंभिी चाब्रां नजिउ कठकखणि cशफ़, कर्णेजtब्रङ्ग क्षनम्नुङ्गि किब्रर्म१श्र अिक्९ झो७लोमचन्नएक जांमेिण शैब्रि निक? ckäङ्गणं कtब्रन । पञाँनेिण पैः प्रहै ॐशंब ७ मूठभंगएक &इन कब्रिवांब्र जवादश्ङि •रब्रहे चर्नशङ शन । नषफूभछि फै झरे औठनांtनत्र शष्ण भटणांखब्र ७ * ७१एfन्न ििक्ष। ९ंलः cdo१ कॄंश्लं ।। ३६tझt eथंीन शष्का नःिक्षिtनि खेनरब्र गद्देब्र। किब्रिोहिण1 . भांभण३-नाणि मांमक ऐछिशांएनब्र भटङ मां★ ८कवण मैौब्रह्म्णिाटकहे किङ्गिब्रां जानिन्छ जांश्नथ cनन माई, जब्रचcछ८वग्न काछांछ cगमाँ*फिरक७ eवंठrtवर्डन कब्रिदाँग्न छछ * अjtनशं श्रृंt*ांन । · छनहणांtग्न अश्रुऊ शै, • ब्रांड इल्लभंiण ७ चञांच्च७ छ्दे छांब्रिक्रम अब्रजाजtदब्र शांटनए*ञ्च चtसंक्र नां . निरेि ििद्वघ्नं चांश्लिा:णम् । - च्यब्रवzथय ८कौषण कब्रिब्रः कनिर्छ जांठां८क श्छ*उ DDDDDD DDLLLLB BBD KDD DDDDD DDD DDDDD *, छविका९ गजाहे यणिब्रा नरचांधन कब्रिtउन । डिनि जाँनिरठन cव ध्रुबt uाफ बtन भांग्रहम ? शनि फेखब्रांषिकांग्निच नईब्रां बांफांत्र जांछांद्र बूक चांtष, ठtव ॐांशॉब्रां छेउछ छांउ अकक्क शक्षि हरेक बूरु कब्रिाउ छेनदिङ श्रेष्ण ७को लोब्र वा ७को धूजा गोपा रिड ब्रिएवन ना, श्ख्द्र९ थूरुबइ ७शएक्ब्रहे रहेष्व । एं★भtब्र कफैzक नक् कैकद९ प्रब्रांशान्नैौ अशब्रिगठ मूकि भूब्रॉन्ट्रक,काभन्हठ कङ्गः बिtश्वय कडेकब्र श्रद म! ।। ७हे विष्षझनांद्र क्लिनि श्रृंरब : शूद्रtबट्स् निषिtणन, ‘अभि ककौब्र,
- कविप्ङ भाषांझ विकूमाँख देक:मारे, ठरव अवांश्विक बांब्रा .-८वकैबिाशांड कदग्न, हेश श्रांबांश . हेणह! मध्५ ।, फूथि चैौङ्ग, औ* ब्रांश cडमाररुरे गरज । जशहिक बांझ देखिभाषा गिटारकीर्थकञकांश निधारीदन ब्राधिझ निरजरे कsथबsाब्र
فرار:۔ ”نv۔ & علاوة f SBBDBBB BBB BBB D DDDDB DDBBBS o r --- चश्ब्राँ अरेझंह* ॐशक्र भव्था कुँचण :व्हॉनन कब्रिकाँकडकांहीं हईrड *ांत्रि, अंशः श्वैरणछिनि७ अरुडे हरेक्यt*** ठथन प्रांमब्रां ॐांशtब्र निकüः नाँग्रjङ्गजङ क्रमां★♚ांर्थनां कब्रिथ ४ ॐशंtक मक्कांग्र **ाँहैंबtङ्ग बग्नषदहाँ कब्रिय क्":: जां★iछष्ठ: थॉलरु लेिब्रां क्रश्नांवख cछाँभांङ्ग *** cब्राँध कब्रेिtछ५ छैशहिल दहेष्ठग्रह । फूबि खांशtरू ब्रैौडिमछ निक विध्ष। : कभि ८छषिांच्च त्ञांखांचश् चाभिएर ७ब९ *ौख३भांभांब्र प्रदू९ नछ ..लश ७ शङ्ग१५rक कांभांम लईब्र! मर्दनाउँौ८ब्र cङांभान्न संदर्भ फेणश्डि इरेन । रेशाछ फूमि निष्कब्रहे अन्त्री श्रेष्क् । अङ्गएभ*८ब्रब्र' नां८भ श्रृंश्रृंधं * कब्रिब्रां शृणिtछझि, · चमtभtब्र गद्दनाङ् कृब्रि७ मl * ... * •७av शुहैरश् चक्ष:अङ्ग यूझन्थ्रिघ्न ऎ*चिष्ठ श्रॆश्नि । थशब्रांज पप्लावरडनिश्र नूए# cण ग९वान किङ्करे नाम नाहे । cषंtष अब्रजcज८षत्र नछ वर्षम छैच्छब्रिनैौ * श्रेष्ठ · १ cझां* भांज पूरइ फे°श्ऊि श्रेण, ठषन लिनि ग१शांम गाहेरणम। अन्नूि अधि*छि ब्रांज लियब्रांब अकवद्भशूरब्रब्र मिक्रछे भक्लटेनtछब्र *ि*वां ॐद्धङ्ग१ ग१यांम *itऐङ्गा अशङ्गांश्च रुदनtबचएक णिधिग्र! *iठारे८णन ।। ७निरक रूiलिय अँी बूब्रांरनग्न आक्रमांदांन श्रृंब्रिफागं ७मिङ्गारे अश्लेजङ्ग इश्८शन, किरु °tर्थ ७निएशन cरु, छिनि भछ”र्थ ब्रि अब्रजएछएबङ्ग जश्ठि भिगिद्ध इश्लेयान्न छछ ●ांच्च ४४ cङ्गां* श्रृं५ छलिग्रां भिग्रांtइन । कt८खरे श्छt* इहेब्र डिनि झठ फिब्रिप्णन । थाङ्ग-झ्:र्गङ्ग निको श्रङ्गबएजब ७ भूशांप्तब्र ६गछ विणिड़ रहेण । थाब्र झर्ण माब्राप्नcछांद्र cथ 8नछनल हिण, एङtइब्रां ऊँौछ कहेग्न झर्श ठTां★ कब्रिग्न भशDDD DBDYC DDD DDD BBB DDD DDD D L श्iश्लिङ्गं भिलिंङ्गम् । , - गशब्लांब षप्लांबड नबावड प्लेगछ णहेत्रां जब्रनtजक ७ भूब्रांप्नब्र गत्रष्वङ tनcछब्र cनक cजन पूरश्न निद्रा इोफेनैौ कब्रिह्णम । कूछेदूकि • खछनtजब uहे गमरन्न कवि भभक आकलन छांचगं८क जूठक्रष्ण यtनांवादग्र निकके गां★ाहेरणन । - कदि ब्रोकाङ्कलण, हिनौ कवि । झिनि, निग्रा अङ्गनएजरबङ्ग জাদেশমত বলিগেন ৰে আদি পিতৃৰশনে মাইতেছি, : अलछ●त्र फूत्रि अांभांद्र नश्छि. ७षब वाहे८क संन्न कां श्रांबांद्र :, गत्र हरेरक गटैगtछ चूरुद्ध ब्रां७) cक्मन्नt श्वकफेt cभांत्रज्ञांग ९ कारिक थाप्छ। बर्षोषक अिश्कूझै छमिष्ठा जछि'ब्लक tंपंश् चांश्t॥ *खद्मंश्रृिणग्*ः:iङ्ग लिः{ १०१ &ंचं, श्esv fई इअरण) एक चविणrईब्राचच्कगक Nअरभावड झवर्. কৃষ্ণশিষ *ंश्ाः काल *च्छ-श्रुतः। श्वंशiश्रंशद्भिक्षः * श्ांख्रषु ुको देब्रcमदतिव्व नष्प थशान्त, कब्रिएलन ? !! रूप्च्दिथ्लामाप्ने उभराउ एक्लथ ब्रागरे। उप्रा ७ 2.4 गबहचानप्रवक्षक्टबाrष कtर्वी `कब्लॉ: Gछेिछ? ७४झरजTब्र विश्श्वचा एवच्छ लेच् ि। थिच्। बोविज्रचाहक्ष वि