गिल्ली - - मश्वाकांtन जब्रशिष्ठ । देशांब्र प्लेज़रब्र कátश cब्रमl, गणिक्रम cब्रांझ्कक, प्रक्रिरन चाब्रवॆt७ cजण 4द९ नूरुमलं मङ्गल ऋगैो, शशूनांब्र फेड़ब्रलकिम अंग्रहणांखशैठ धैौबके ७ यूनण लश्द्र cखणl । ¢शांशण ब्लांबवांर्नेौ श्रांप्लेौन्न मिर्झीजनंज श्रांबल बिछ গের সদয় । निग्नौ ८अशांङ्ग ४ाझनिरक शबूझ नौब्र जनांश्किांश्छि श्रृंदाजभन्न क्लैकब्र वांखङ्ग, अश्वङ्गविड़क ब्रांजशूछांकांङ्ग •पर्व७rॐौब्र फेशंकईश्tनगयांल, अङब्रां५ देहांब छूमिब अंकडिथ विखि । फेद्धग्नखाश श्रृंझझङ्ग क्रियुंझैौङ्गदर्छौं । निङ्गखोक्कङ्ग त्योङ्ग जणमूंछ ७ अळूर्विद्र, फ़ढ़बू ऐकूiब्र ऋषा विब्र यसूत्वां श्वtख ब्रtछे हरेंज्ञtइ, फणझछ cयर्षांहून cषषांtब ब्राब बभिब्रl झांसि न कcब्र भर्थवा फूमि हदेण्ड ब्रवृ१ फेfा ५कवांछ गभए फेद्धिर् विज्ञान न कदह, cगड़े शत्रुषाद्र शय्न पाहूइ *श ब्रह्छ । wऐ अप्न cक्षणबांग्लब यत्रूलाउँौब्रबर्टो फूशि प्रकांबूफः अङिभन्न ®र्कब्र । uaश्न बभूव। बौ। ८६ शतिघ्न, 'ंकiर्श षुक्षुत।। `न् ि$ cक्tनि *क्रिाम भयांश्फि इदेऊ, ७श्वन७ फक्षछि फेझ बौडो प्रगटे बिछभtन अtप्ङ् । क्रांण जश्क़itबू ७ष1 कुदेष्ठ नब्रिज नद्रिब्र गमूना बर्फभtन शtन लांनिब्राहक wक् दूरु९ कङ्ग व सांना ७९१ष्ा ब्रिटिष् ॥ ४्र विे{ प्रक्।ि श्मििभः चंथष्ठ श्हेब्र बिल्ली मणब्रङ्ग खक बाहेक मात्र फे¥ङ्ग त्यको रेलझणब्र | ७की थांथांब्र धाश्वभूम अङिदक श्रेब्रt *६iरिक्त इहेएक्टझ् । } ७हे यिदइबग्न देिखक लोङ्ग क्धूनाङ्क भर्फ झर्दास्त्र विङ्कङ । मांब्रtवजौ भिग्नि tअंश्रीब्र ¢क8ी शोभां निर्झौ cछशांङ्ग मथि१निएक ७ब्रभै७ द३८ऊ थरक्श्व कङ्किङ्ग अपूछारे किन यारेण ७भंख बांशडूक्रिठ गब्रिभछ इहेब्रांरक ५६१ क्झैि मनहइब्र ४० मारेक दकिरण झुरे खैय्भ किच्चा छरेङ्ग ७कचोश्रृं के खञ्च भू५ि नििौत्र श्रयि शिङ्ग! श्वश्रब् बभूनां जै'काश् ॰वiखद्मि | दिशैौन इहेब्रांडूह, अणब भीषः प्रविधंथकिभांखिमूष किङ्गिद्रः | भूमब्रांद्र सङ्गर्भेte cजलांब्र थtवन कब्रिब्रारश् ॥ पादे यांलडूमि | ८कtथीषु ममजक इहे८ज़ *०९ किtछेङ्ग श्रषिक सेक्र लए, रूिक सेइरुङ ८कौषtख कण मdहे । कहि९ छूमि गमङण दहेहण७ अणोक्तादव ऊषाइ ८कामक्रत क्छनि अश्रिवक्षत्र मखtछा छोरे । छषानि रूमाविरुब्रिभ१ बिज निज बारबत्र वैौमांडूण ५३ भांणफूभिद्र भश्* ण३ब cषांब्रडङ्ग क्रिान बिनराश कछ । खेकांढक नामांछ नबियर१ कृ*ोनि जचित्रl षोइक, घडब्रां२ किह१ शैक्षत्रेियtर१ नक्तछांद्रण काएँौख चांब्र cकम कवब्रांtब्र अश्रम ज्ञा', 'वीरूोएल श्रेष्ठश्रङ्गु कक्षम्नtनि भिक्क्कैि ब्रि। ८क्रुभ मिझ निक्लक अमङण eथtड८ङ्ग स्रोनिक अकिङ * ऋकेरळ शक, खांशंरक फद*रांझन फेर्कइखt कूरुि करइ t ¢लनांद्र ( * } हिड्डी अगि१भू# ब्रांकक्*फ़ नाट्य श्रक क्छिौ* जशवैौछ दिन चाह, फ्रांज जात्रिन ब्राप्न भै भणः eाब s९s? बर्भक्षरेन शन शानिश भांकि । बिशैौ cबनहि अटबल कड़िबाब्र गूसरे भूतिर्ह ७ १च्छिष क्षीण निशां चमूनtन बक्षिरुtश् झश् ॰श्रितः। बाइ, श्रङब्रा ७३ हप्ण बनून षक अा अनः बबीकान बाडौङ श्रणब्र गङन शक्यत्वहे कब्र गर्फब कॅप्लेिब्रt *ांबू इeब्र बांबू ; णांबांग्ला निर्झौड़ नैौtछ eश्वजा गश्रब्रव्र निकछे बडूनांब्र श्रबलिडे जगब्रांनि नूङन थांशब्र षांज श्ब्रिा अवांश्ऊि श्ब्र । थे गकण षांण तिब्बl ८षक्र" अल बांब्र, ठtशंष्ठ बबून ७श श्ह भफ़िठ, फtब बैंt५ ७ दांनूकtब्रांलिङ्ग निघ्र निद्रा अविकtर* छण कब्रिध्न चाहेtग, टांझांtएहे ८ब्रांड कचक्षि९ रुजांग्र भां८क । u३ cबनाब रेफिशय झ५बज्: मिर्झौ ब्रश्नप्त्वब्र देलिऋष्गिड़े wर्षाबनिज्र, भृङङ्ग१ छह सूक्षाइएन निषिठ झ्हेहरु । भछि स्थाझैौन कोण श्रेtउहे झरे श्न छोग्नप्ठदशैंग्न यशवण संब्राक्लांक ४क ब्रांजरुक्कचर्चेौंद्र ऋगमृक ब्लाबषांनी श्हेब्र! श्रानिएङएझ । बर्डमान लिझै लघंछ c१ इोएम अरुहिङ खांशङ्ग छफूकिंध्रू <योंक ४२२२ धारेण झांtनद्व म८था मै न्कड ब्रांल४ांनैौ ४:फग्न नग्न uकनिजtय नांना गभग्न हॉ*िउठ ৰঙ্গ। অস্থাপি ভুরি ছুরি তখন্ড,পাদি ঐ সমস্ত স্থান ৰাপিয়া शृङिऊ ब्रहिब्रांtछ् 6ष६ ७atौब ब्रांकषांनौका ¢गोकांशा ७ गभूक्षि cषांश्tः सब्रिtठ८छ् । केरुtग्न कछि ®iछैौत्र नांड ऐछ७थह । शंi७९११ ५१tंब स्पtलिङ्गं बींश् झ८ङ्म । क्रूक्श्if७६दनि बूरकङ्ग भङ्ग यहे देब्रुअरु मोन्तरे छोप्नङबप्पिछ छबिउँौग्न ब्रजछक्लक्ॐ धूक्षि#tइड ब्रांजर्षांनी इछ । [ देक शह cच९ 1 ।। भूशिर्डरब्रइ *ग्न ब१श्वश्वङ्गलग्नांछ ऊँझग्नि अथुखन बिश्* भूझव •र्थाख हेबुरझ छtखत्र कएुन, छ९ऋन्न अंो७द ब्रोकबो विलकर्ष नि१झाँगन अधिकांग्र क८ब्रज । गिजरकईद्र बश्*श्वङ्गभ१ ४०० वर्ष ब्रांजरु कप्रिtग •ग्न भक्न* cशोठयब्रांज देखञtइब्र निश्ण८ब जांरब्रांश्१ कल्लङ्गन । fरे ¢जणां ब्र नश्छि गभरड मांर्षांव6 स्तंजडष रिपू. ***ांन, tवtश्रण ७ चषरक्षtष मशब्रुङ्गेब्रवि भन्न श्खणरु श्छ। sw०० थुडेारण शर्पीएणहकङ्ग बिछ८ब्रब्र *छ किझैौ देशग्नjबकिcशम्र एखभङ करेल, गकियों★# ठां★कणिक cमावश ब्रांचषमैौ निशैौवनं८ब्रङ्ग छेउम्र बभि१ चमूमांङ्ग •ीकिभजैौबइ दिएँौ4 कूष७ हेश्ब्रांबविभरक aबद्ध दछ । रेश्ब्रांत्र अवश्यंते भबहे भादचाबम्हक मझ*निरश्रमश्ल श्रेष्ठ cमांक्रम ककुब्रम ♛क्१ छैiशांच्च दाबब्यितिक्रांच वर्जनन भिन्नैौe दिबॉन्त्र • हणणtछ कविक९षं मर्म* थरकन । ऐxब्रांज कर्दछतिशन गबाटछेब्र ऋष्ट्रिय निजौ अछब***tनकी कब्रिह्छ जॉशिंरजज, cझक्ण काल - श्रङ्ग थकूचि ब्रध्नस्कॉटनङ्गक्रीबt. चांौनऋद्वित्रिका निथ
পাতা:বিশ্বকোষ অষ্টম খণ্ড.djvu/৫৬২
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