* धिड़ी s  | शिल्ली --- স্বহরের ৰে অংশে দেশীরদিগের খাল, শুখায় অষ্টদিগেদি ऐोक निििछ, प्रका ७ ऋष्ट्रङ्ग । अक्किा" अनि ७मा क्रूज क्रूज ब्राण वज ७षt चcनक७णि ७कबेिटक बक, किड cझांल्ले ब्रांख पाब्रांग श्रेंtण७ खांब्रष्ठबरर्वब्र चछ cरून जश्रद्र निर्झौग्न अङ ठे९ड़डे बफ़ ब्रांच्च नारे। ऐशब्र अंषाब यषांन ४०छैौ बृश्९ ब्राज*ष प्रश्नब्रब्रटन गांचद्र निद्रा बैंtथान, जल निकांtगग्न अछ बर्किबांब्र वाषश् ५ष६ ब्रttख जां६मांकनॉरमग्न वहन्दीवरड जडि छे९कृष्टे ।। ६iनमैौछक बा ब्रअछङ्ग६ा देशtनग्न क८५] ●ाषांम ; ७३ भव १* कि यलए अद९ झर्न श्रेष्ठ णांश्शब्र cलाग्नपराङ्ग अर्षस यात्र ७ बारेग विड्ठ । हेराढ मदाश्उि थशe१ीणैौघ्र फेछद्र गांइर्ष छहेtवगै निभ ७ अर्धच दून फनांदइ; भूर्ल ५३ थगानैौ निद्रा ब्राब झागांप्न चण जांमब्रन कद्रा रुश्ड, ७षज्ञ आहे अणथनागैौब्र छेणब्र कैफ़नंच थडङ श्रेब्रांप्इ । छैननैौष्ठरकद्र किडू नचिt१७क थ७ सेक्रडूबिब्र खेणब्र थिाङ जब बन्जिन्। गच्चाहे भाश्णाश्न छैशब्र ब्र'ब८नि ॰ं क्षिप्रं श्i॥ ञिनिि१ चrनड ७ क्षणॆष षां cंश्च करइन । रेशत्र गच्प्ष se• वर्ण किt eयभरड प्रचब्रकृमि ४९कडे अपिहे ७ बाईब्र <थल८ग्र ब्राथन अद१ छडूकिंररू बनिगम यात्रैब्रमूख्। अरे इत्न श्रेष्फ फेखब्रएिक श्डेनाउ कझिरन गचच निर्ब्रौ नक्द्र अकबांtछ पृeिभtष *उिष्ठ श्छ । बन्खिरबह देवर्षी २४० किई, झेशक चिन?ी श्रदज cथलबर्नाब्र ●रङएड्स मिर्दिछ । मिश्र श्रेष्ठ ●यखझबन्न <नांनाबस्थगै बन्थिद गर्दाख डेfझ भिदायह । शtनग्न ऐनब्र गचूर्धजांtर्ण इरे cकोप्न इद्देशी शक्र छूफा जारश् । बन्विप्नद्र अछाउब्र गक्ष cषचक्नै वर्षब्रत्यडङ्ग गखिच्। निङ्गोब्र चाब्र७ श्रेप्ने मन्बिद केtन्नषtषांभी। उग्रtषा ७कप्रैौद्ध मान कांग मन्बिन । এৰা—কোন স্বাক্ষগান সম্রাট এই দিন বিশ্বাণ करङ्गभ । देशद्र ब{ कांनकरभ कांण इदेच्चारह बणिब्रा ३शप्क कणायन्थक वहण । जनग्नीने ब्रश्नजेएकोगाग्न मन्थर । चाभूमिक कुश्९चोनिकोब्र वत्था ब्रोिङ्ग भक्4. cवभैठे करणथ, cब्रनिदछणि ५ष१ ●तहèडेछेक्tिगम्र त्रिचé१, ७है खिनtी अथांम । क८{थ किनांब गणनंक्कि बूज काइब्र फेणरजांख् निर्बी निुष करङ्गम। छैोक्मै रहेरउ बड्रमाब्रक्रिक अर्षणtष थकी पफ्ब्रि उछ अद१ ले शत्र नञ्जूष क्झैिौरूरणब छबन ७ विकेबिइज वा बाइवग्न । $ांश्चैौठरकब्र लेखटक भशांशंगैब्र ♚छात्र छाशन्न गब्र उँखएइ नाशरफ़्द्र बूण थर्वाख नर्णञ्च गैौबां विड्छ । थरे भर्तtख्द्र शुंच रहेएच नेिकौनश्च स cडेनप्वज नृछ चडि बरबांझ्छ । अनtबक शणिध्रध«याईौष्ट्रब्रह मंदिtछ वह अ१थाक •ाह्रो दृढे श्इ, बरे गकरणञ्च बांश ७क गल्लीएरू गबहेक्रिभइ जवाविशन भाटझ् । छद्मtषा नबाई एबाइनब्र इकब्र क्षानिछे aारूब्रमिििछ ७य१ अछासरब्र भईब्रथखि नमाथिबनिम्न नर्सी८थई । नशब्र श्रेष्ड ह्याब्र झरेमाहेण भूर ७क विचौ4 फेछारमग्न इफूर्षिक वtौग्न ७ब९ अम्राउद्दछ नानायांप्न इमब्र अणांलग्न ७ वझ्नरथाक भलिद्र अtप्छ । षषाछांcन २० किहे छेझ, २०० किल्ले ●भक्त हफ८ब्रङ्ग से”ब्र श्नब्र उछब्रां*ि श्लांखिठ ७दः cश्वक बर्षब्र अखऋग्नग्न ४षबयूख हभांबूनग्न नमांशिमविद्र अवहिठ । देश जनानि याग्र नन्गूचीबशग्रविनाशान भांtझ् । जाब्र७ नन्किाम वांद्र७क माहेणमूtा श्रांद्र ७कणै गभांषि भनिद्र जाएइ, देशांब भरषाच चानक७नि प्रचब्र नयांविमन्विब्र ७वर कूण मन्जिम दिइमान ; छत्रप्षा भूमणभाम ककिङ्ग निजाम छेकौएनड़ गशांषि ७ श्वईनांब <षांन । निभाशैविरजाrश्ब्र भूर्ति गर्हाड़ निर्झौब्र cनर नयाँहैभन गचtणहे ७हे ककिरद्रग्न नमाग्नि क्लफूरिक नमोश्डि हरेष्ठज । atछाक मबाश्-ि cचब dथषांल शूनाब्र कँींकहि कांछे ष"ईग्न थछटग्नग्न cचङ्गाँब्र भाषा अवग्लिफ । uहे नरून cभीप्रचांम चार्फौऊ निझैौtउ कुछबभिनाब्र, cशोरछछ ●वकृछि जाइe बहडब्र «stईौन कौर्डि विवामान जारङ्ग, छांह कबणः पथांझtएज बर्णिष्ठ एहेहजtझ् । शवृक भागैौका ७ चाछांछ षबकूरक्ब्रक्रिtशङ्ग इकfiांदणैौ निःनप्क्रप्श् भूरकी बजrब्रग्न सिङ्कङ cभाखा रुक्ष्म कउि, किक्त * नकण छूनाइ cनोश्रमाणांब्र अकछैौs मगt१ विद्यमान माहे। फेशंविष्णब्र इप्न बर्द्धमाल गञ्जाच्षारूित्रtपग्न आभक्शङ्कङ शैब उथाथि शर्माश्व्व अल्लेशिकारक्षकै निर्द्रिख श्हेब्राप्झ् । बहे ज्ञभट्रब्र गब्रिहछ जण यहूद्र नासइ बाघ्र । गच्छजि हेशब *ब्रिश्चङ्गठ ७ ऋांtशांइछि विषtङ्ग नकtबाब्रहे विप्लष बcनgषांनं चांङ्गडे इहेक्करह । ५१a१ सडेएर ७षादन बिग्नौकरणका शभिद्ध श्द्र ! sw११ धुटेंच गईrख हेशरे «थशांन क्छिीनब्र हिन । oषtभ हेशरष्ठ cकक्णमल्ल हननेत्र काप गकणरे नििक्रय cक्७ब्र इऐङ । cननेइ कब्जाछ बूणज्यागभन्त झैंक निद्र हेदान्न बाइसोच्न बश्ज ७वश् ७कको ज्ञछोणीन कब्रिब उन्द्र देशव्र कोर्थापनौं भनिर्जन कब्रिएखन ॥ १४२० चुंडेitच बै करणcज ऐ९ब्रीशैौ निकांपिछांश cषांजां इह । »v** धूडेष्चि ठेश! नब्रकांद्रौ निचक्ञ्चिारको चरूगैच् श्रेण । उनकदि निक्कै करणब श्हेप्छ चरमररू चिचगंवाज कक्रिझ कृङविश इन । svs१ ई$रचब्र जिचांशैदिरजॉरझ्ब्र गबन्न ●है कtजबलकन किरङ्गांशैनिcनग्न घांब्रः कथ थपर ऐशत्र इषबांशी वीछा अह-जबूर-नवणिङ छै९कडे भूखकांशश्च वृछि हा ।। २४av धुंडेरच चनंब्र थकणै। ईक् निर्कन कबिक्री केदारखं कtनज शूनs इनिच्छ
পাতা:বিশ্বকোষ অষ্টম খণ্ড.djvu/৫৬৬
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