পাতা:বিশ্বকোষ অষ্টম খণ্ড.djvu/৬৭৭

এই পাতাটির মুদ্রণ সংশোধন করা প্রয়োজন।

मूढ़ौक१ ---

  • प*ॉब बनि जामत्र २* cजगन $ अशछिबूष अयम कशिड

• *ांत्रि, चाह श्रेरण ॐ s००००००*• cकान छेडी4 रहेण्ड आबारमब्रov• व९गद्र गभत्र नttभ । किरु ७३ कrजब्र नशबडांब श्रामब्रl sई प्रज्ञश्छि श्रेण७ ऋगडे ब्रएन cषषिtड भारे । श्शब्र गशब्रङांत्र जामत्रा वहनूबर जणना जश्न cजाष्ठिझ ७ डांशtनग्न अबहिडि हांन न्”डेब्रए* cनषिब्र १tकिं । निवॆौश्१ शtशक्र श्f४ ए७ध्रitखं cअI1ङिष५ttह्मझ विषि उब्रठि गlषिऊ श्हेब्राप्इ । ** cव गकण aह, फे°शश्, नकख ७षः भूमएकफू cणांtरूब्र वरभग्न जtशाकद्र झिण, sषन cजTाठिसिंन् ”स्sिछ११ ७हे यङ्ग गाशtषा ऊाहाब्र जांबिकाब्र कब्रिब्रांtझ्न ; fनन बिन ७lहे वtजग्न ऍब्रठि नाषिड हऐtठरश् । ক্ষুদ্র ও বৃহৎ প্রভৃতি অনেক প্রকার দূরবীক্ষণ যন্ত্র আছে। s•, हेक्षिJागपूख काकषांब्रा बख१७ (object-glass) * নিৰ্ম্মাণ করিয়া একটা দুৱৰীক্ষণ যন্ত্ৰ নিৰ্মাণাধ অনেক দিন হইতে ক একজন মার্কিন বৈজ্ঞানিক পণ্ডিত বিশেষ চেষ্টা করিতেছেন, ইছায় বস্তখণ্ডের একাংশ পারিনগর হইতে निर्दिष्ठ ह्हें घ्न यांनिम्नांtइ । cgष६७ रूfक वtब्रl शभि पड़६८७ब्र কাজ চলিত, তাছা হইলে এ প্রকায় একটা দূরবীক্ষণ নিৰ্মাণ সহজ সাধ্য বিষয় হইয়া পড়িত্ত । কিন্তু বস্তধণ্ডের জন্ত আরও একখানি ভিন্ন প্রকৃতির কাচ আবগুক এবং এই কাচ প্রস্তুত क ब्र1 ।aखं बलैिन बII१Iब्र, ८ष ङिन ब९जब्र निघ्र1 चििश्च ভাবে কাৰ্য্যতৎপর ও মুনিপুণ শিল্পিগণ দ্বার কার্ধ্য করাইলেও একথানি লৰ্ব্বাঙ্গ মুম্বার কাচ প্রভত হইবে কিন, a१िबtघ्र भङटॆऽश् चाश् ि।। ५झ् कt5५७ ।aषम 'छांश्च अ*िठ इश्व, cष हेशव्र विडिब्राश्t*ब इगडा नूक्ष्यलङ কাচের শুত্তং অংশের স্থলতার সহিত একটা নির্দিষ্ট অনুপাত ब्राषिtष uव१ आरणारू ब्रश्नि गकण यषम कांक थानिद्र मtषा विन्झांब्रिठ ( refracted) ७ विtत्रवण-जनिउ बनिन रहेब्र আসিয়া দ্বিতীয় খণ্ডে প্রবেশ করিলে বাছাতে রশ্মি সকলের विtभ्रबन गन्गूल अनरनानिउ श्रेब्रा पूबर दलद्र शत्र ७९कानौन वर्षऋछ। चूंछ श्ञ ७षः पाशप्ड काफ़ चाब्र cरूदगमाज बिफोब्रt१ब्र कार्षी प्रगाषिङ इब, छांश बढषt७ब्र रिजैौद्राशrनंब्र प्यउउ जधtव्र विप्लव गाक्षार्नब्र गश्ऊि cनथा चाक्छरू । छठब्रां२ बरेब्रग अक५० काठ चनिद्रा वाजिब्रा यखङ रूबिरल लिन वर्ण८ब्रब्र अषिक गभद्र मॉनिट्य, छांश८ठ जाग्न जांचकर्षी fক । এই প্রকায় ৪০ ইঞ্চি ব্যাপযুক্ত কাচখণ্ড নির্শিত হইলে हेश cथाडिर्किवृषिप्त्रद्र जडूणनैौब आदम्ब्रब गनिखैो दहेप्र अक्t wहे कान्न झरेथानि अठिनक यूगावान् इहेष्व । अचाविछ दूबरीचच नि६१ cनद ना रहेण्डरे देशबाबा { *१९ ? - দুৰ্বেনি कि कि कार्षी गाविख् श्रव थपः जांबूनिक वृरखम बूद्रशैच१ जम्भक देशब्र.जाकृडि-बूरुिकाङ्गो क्वच् कफ अर्षिक इश्tष, अषमरे ८गरे गरुण विराङ्ग गगना श्रेप्च्rश्। ” निक भानबनिtब्रह इश् शख् शानबूख तूबरीचन ७ जाव्रणc७द्र s शंख बाणबूङ बजरे आजकोण श्रृषिीव्र २ी जर्सवृश्९ रज बनिद्रा कषिङ जारश् । रेशश्च बरश विडौशीघ्र (नङ झरनब्र) 機 ষােটর খাল পৰিমাণ অপরটা অপেক্ষা দ্বিগুণ হইলেও একটা efswns own (Reflecting telescope) form fatwa बजtौन्न अtणक्रा हे शब्र श्रृंब्रिनग्न दूकिकॉन्नैौ श्रखि चट्टनक कभ । aश्च मिश्यामषन्नििङ्ग तूरौहि१ शङ्खौ कषलष्ा गं প্রধান বলির বৈজ্ঞানিকগণ ক্ষত্তি দূৰীক্ষণের ক্ষমতা এই शङ्खौघ्र नश्ऊि फूणना कबिद्रांtइन ७द९ **ना कब्रिद्र। cगषिब्राrइन, न्डम वजन ब्रकि५औकब्रनषडिा (Lightgathering power ) fatwa Ws wrotwi aw system अश्विक शऐtव । छठब्राँ१ ७३ बजtी चाब्र! अशृब्रिलांज्र ७ोब्रका ७ नैौहाब्रिक भ७tणग्न ढङ्कठि आदिकृऊ शऐबांद्र जखांबन (pद१ ७ब्रिग्रन् (orion) यफूऊि cजाॉडिकद्रातिब्र ब्रहण कछकs छैtडन कब्र नछयभग्न श्रे८द बगिब्र! जांनी कब्रl शांछ । আলোক রশ্মিপ্রেরণে বায়ুস্তরের বাধা ও জtঞ্চাশের अ"ब्रिक्रिब्रङ हेठानि शब्रिग्र! रिगांव कब्रिब ७३ नूख्न रजौब जाङ्गछि बूरुिकांग्रैौ क्रमछ cभtब कि #ीफ़ाइंcब, ऐश गहेद्रा अtनक दांशृबिठ७1 इहेब्र शिब्रांtइ uष९ हेशषाब्र नभ फ्रकू इडे गनार्ष cब ७कणक ७१ दूरगाबङन cनथाहेक, उiश गकtणहे ७क बां८क, चौकाच्च कग्निब्रांtछ्न । ध्रुङब्रॉ९ ७lहे रुङ्ग दाब्र! तङ्ग ७ भजणाभि atश्ध्न ठे"ब्रिह नामाविशtब्रग्न आदिकाव्र इहेबाग्न नखाशन। । किरू देश! &श्यनैिौ जौशशtशृङ्ग चषछिए न७धभां* यां ऊाहांtण ब्र कार्या राणां* <थछjक कब्राहेबाब्र উপযোগী হুইবে না। কএকজন পণ্ডিত গণমা করিয়া দেখাইtझ्न ;-७हे नूद्रौभ५ बजtी दांब्रl sत्रम७ण भद्रौच कब्रिtण हेश s२० cजगन नूबबउँौं ”नाrर्षब्र छब्रि वृश्९ cनषादेtव ७ष९ कवrम७tणब्र न कण विशघ्र अछJक्रप्शाऽब्र शऐएव । विखttनग्न ठेब्रठिग्न नश्फि कफहे नूठन नृङन बङ्ग जांवि. कोन्न श्हेएफtझ, ठाशब्र रेग्रद्धा कब्र गउपन्द्र म८श्। कारण शबउ ७ऐकण मूबशैभ१ रज निर्विङ श्रेष्ठ नाcब्र, बाशवाब्र cजTांछिकय७८गघ्र नकण दिवब्र१ eयंख्Tणtनंiछब्र इझेtव ॥५ দূরবীন দেশৰ দুখীন হয়। - দূরবেৰিন (*) হাংবােধ ইত্যত ऐनि । » तूब इरेtछ লক্ষ ভেদক। দুই বিক্ষেপ্ত অঙ্ক, দুৱাপাটী, দুৱৰ বৰকে বাহ! ৰিম্ভ কৰে, গায়কলি । -