পাতা:বিশ্বকোষ অষ্টম খণ্ড.djvu/৭২৩

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* ફ્રેંક : , , ....” - - ईपिकां- 闹 ! I над 1 . . . . .ori cनक्मांक्लबम, ●कमै *ताइन गदांबिष७, कृविश्रुभूजांच ব্ৰহ্মাণ্ডগুণে ইহা স্বর্ণনা আছে। - - cनयनोंद{iनेि (*) छांदeवंकtरश्नांड कांtथोषषि cरूव, *चख ! <य4ांनौ--cक्वषांझ, पछ, कूफ, भिभर्णी, छ$, छिब्रांड, कहैक्ण, बूष, कईरी, शनिब्रl, इर्द्रौङको, *बनिभर्शी, झब्रांगछ, cणांकूद्र, इरडी, श्रांडहेछ्. ७नक, कांकछांशृणैौ ७ झकबैौत्र, ५iहे नकल नभङitण अंश्१ कब्रिग्रा अडेथां९१ जकविडे कांथ कब्रिटङ श्रेtर, नtब्र ६गकब ७ दिवू यtभन निरष । ऐरों , यरफ नांग्रैौ८क "itन कब्रादेरन बद्र, दान, भूभइ1, कन्च, *िब्रटनैौफ़ा, थलां”, निशांना, माझ्, ठar, अर्डीनांच्च ७ष१ बथि यहूछि, बाबू, भिउ ७ ककथविज्र गर्संघकोब्र ऋछिको ८ब्रौण बडे श्म । (छाषअ*) • cनवमॉलिक (जैौ ) cबदनांनैौष कtब्रसि ध्क-क "ान् शूकर्त ऽश्वः । মহাকাল বৃক্ষ । cनयणांलो (जैौ) cनtवब cबtघांनरब्रन नॉरणां मणन१ दशाः cभोब्रांनिपां९ ठौद्। णष्ठांविप्लष, श्किौष्ठ षषब्रtवल ७ cनोtनब्राँ बtण । •र्षrांब्र-जैौबूठक, फ*छेकण, भब्र, भन्नैौ, cवगै, मदcकाश्क्ण, कहेक्णा, cचाङ्ग, कनी, विवश्ब्र, कर्की, गोब्रभूबिक, दूडtकांव, जांभूविषश, नांगी, cब्रांथनभजिक, कूद्रनिक, शङर्कईौ,cनदउाफ़ । हेशांब ७१-ठिच,छेक, कहूँ, *५. कक्ष, झूनीम, दान, कॉन, कांमग ७ फूठमांचक । (ब्रांजमि' ) cमयमांन (*) cबरांबां९ मांगः ७ठ९ । • cनपछांनिcश्रब्र गांग । २ cनदनांन♚कांनं नांमक बूझ्९ ऋद्धिनिषककtब्र । ८लवनांनौ ( जौ ) cनबर ऐविद्रर बारबाडि श्डौछि cनव-मानअन्cगोब्रान्तिा९ ठीश्। वमोजपूत्रक ड्रक्र । (ब्राणनि”) cनयtब्र बैंगैफीटेग्न मानैौय । २ cषश्च । cबयामां९ गांगैौ । ७ cज़खडfनिtनं व्र "ब्रिछांब्रिक । |०| cशवछाँग्रt१ब्र cनषlब्र निबूल किकग्रैौ । भांक्रि*ttठ] ८काम मन्ति८ब्रब्र cनबनर्सकौ**८कहे ८ववकांनौ वरन । cनयडांत्र श्रृंबाब गया डाशव्र गमएक बूडागैक कचारे cपर नागैौब्र कार्षी । अनब्रारथब्र भनिब्र इऐएस जीब्रछ कब्रिब्र प्रचिनाभ८ष यात्र नरूण अषान aषांन cनवांगरब्रहे cनवमानैौ वा cशक्नडकैौ वृहे रत्र । नूर्ककरण विनश, औीन, जानिबोबा, शिनिगैौ॥ यकृछि नान होtन cक्वांणtद *देब्रन षिच्द्र ¢दक्नऊँकैौ झिण । cवनै frमञ्च कथां जग्न, taनिग्रांद्र नद्रिकांtr१. ७षt.dौtगन्न गैौ*न्ि cवंदैौ* ग्रनिदछ थtबक £नवनांनॆी cवकों कदेछ। ८२छङ्कखि ०४क्षडोब नरिक, थान कब्राहे उदांध्दत कडी. दिन । अंक नंबंtब थांध्चविंशज थरे निशन झ्नि cत छैक्रवर्झौद्र VIII ج منافع दिष1) cरशैब <गराइ निगूड ब्रूते*१.५५ थवत्र अदांश्च चानक चनश्छइ१ कहिण० किइरब छ cफ्द चक्की निचा कक्ज् जा। शक्गि:न “कन कनकरे, विभिडा (Mylitts) cरश्वद्र मथिप्इ धरूवात्र जाचनव-निकै चद्विदा जात्र णशांशडि गारेज ना । विवाध्दत्र गत्र जाण८क्कनविरह उाशप्रब अप्ञाजन श्रेच् भा। पारेइक्ष्णब अञाछन् अप्इ० निषिङ जाश्रु-चांद्रण-निचिङ cनषि९गचन cनtवद्र नऋष देन्ब्रॉरैष्णन्न गडांमण१ श्रुङा कब्रिड । ( Baedus} नॉक्रि*ांtडा cछनल*९ ८बणांद्र हांटम हांप्न फरूबांचक्रिर्णब्र गाषा थक चभूर्त निबम धष्ट्रनिउ चाइ । खयरछाक श्रश् cजाईक्छt८क शफूबउँौ ह३वांग्र भूटर्स cनवानरw *नांम करन्न । ७षाप्म 4कजम ७छांन् डांशांविनं८क बूजा गैस निचscनग्न । *डगएव ५रे गच्ण इवाशी ‘वनवा' अवः नराझा ‘इत्नी नाप्म जांषाठि । वनवाभ१ ●यथांबड: निरवब cनवाब जैौदम अठियांहिङ कtछ । देहांtनब्र वrभा पांहाँइ नwब्रिछ उारात्रा आजीवन बचष्ब ब्रचा कम्ब्र –णना अम्मरक३ cषदांणcबङ्ग भूबक वा कई*षणtनज cङांचा इद्र । देशtनब्र मt१I पांश्ॉब्र● १८wलंद्र नश्फि, थांषाम्र कांश्tब्र● ८गएबग्न नश्ठि विबांह इब्र । षryलंब्र जश्कि विवांइ-कांgण कछाँ षrग्नां★ ७भन्न ७क दफा बाण cरह, उो मननrभाकत? रूदब्र, डॉशंद्र भाड शान एर्ली निद्रा जानकीन कtब्र । उषन श्रेष्ठ ८ण 'उबिन्' वा कूमार्द्री श्हेब्रा cकाम भविष्ब्र निबूख श्ब्र i cकइ पनि मामठ कब्रिग्रां भछि जब्र दब्रtनरे कछाएक cनवडांइ ॐएकcनं गचधनांन क८ब्र, uई क्रिब्रांtरू দাক্ষিণাত্যে ‘সেজ" বলে । cनवनागैौब्रा यथrम अखि यङ्कारव शश् न७ ब्राजि थांकि८ङ भकिtब्र त्रिब ७ cषण झरे पके ७षt tषकांtन इहे प* ब्रडानैड निक रूcन । इरे छाद्रि वर्ष भtषाहे ब्रूड नैरङ भब्रिभरू श्इ ।। ३शप्नब भाषा अप्नएकब्र विधान cर चर्ण ८ाङि॥ cषषम चशङ्गtoj१ cनिं", श्:Gi ऎशंझte cनरेक्रण cवषाणtछ cनक्न€गै। ऐशंtबग्न छग्रनtणार्ष* अछ ननिब ए३८डरे वृद्धि निर्किडे जांप्इ ! ब्रांजा व1८कांन बक ८णांt कब्र बाएँी ठे९नरु सेनणtभ श्रांडूक शहैहां ● ज८मक cब्राजश्राद्र कtद्र । ३शtअत्र ५म्बद्रः नाडांग्र ग~ख्द्रि अछब्रशिकाही रुद्र न । cकवण रूछf३ ॐश्वडाषिकांबिगै । कांइjज्ञश्च कनानि न श्रेन जनैtद्रव्र कडा वडक णश्च व कछ कब्र कहिब्रा अहारश् चाश् भंगम् क्रता । भुवाच गिs श्रुष्॥ १ख পিধির ক্ষেপঞ্জী শিৱ গণ্য হয়। " "