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- बद्ध१fषषििख c*rtख्ाश् च खबtखि छ शीषवरूथ् । भ९थबांगाचब्रांरक्डश्छांबी१ बांचcनांखब ॥ श*्॥१ च शृश्नं 'छ७९ श्यंश्! ८ १iह्नशंश्शिtः । छब हाङखि cङ क्षा छविकडि वथा इथम् ॥ जब ७थकृछि छ९इन९मणब्रषा९ वज्राफरण । ভবিষ্যক্তি ছবিখ্যাতং তৰৰhধিধৰ্ধনম্। • তথাতোৎপি চ ৰে ৰিপ্রেসাগর গুজবংশজঃ । नश्रेष्ttश्ाम शप्शन चयित्वा बिक्षां चनम् ॥ अभिन१ शiणनमिनःि श्रृङ्ाबभis ofष्ठ१ ।। <यकब्रिषाडि बँीक्ड१ यभिन्ना बबटन चद्रम् ॥”
(बां★ब्रचखि २०१॥१w-v२ ) ‘भद्रभएच बिब बूकांब्र, किरू मधून cगरे इोरम विद नारे । जावात्र जश्अरर cडांमात्र फेछाब्रिड “न अब्रर न भद्र" (विष नॉरे विष माँ३) ७रै कथा छनिब्रां cद नब्रनांषम, cगहेपांtन दांकिtर, चकरन्द खांशांरक मांब्रिtछ श्रृंiब्रिtरा । शब्लांछ८ण चांब दहेदछ cछांबांच्च कोर्डिंपर्कक (sई हांन “मशत्र" नाएभ क्थिrांछ हदेव । जङ cष cचांन वि७क मां★ब्र बांकण ७हे मभद्र वज खेक्रांब्र१ कब्रिब्र छिबवांब्र जन नदेब्रा वृङ्का घू८१ *डिख यानैङ्ग भ्रूष «नांब कब्रिtण ८ण क्रिकब्र औदस लाख कब्रिtव । खरे भञ्ज ऐक्रांब्र१ वीं बन्नन कब्रिहण हाँबग्न बजम कृबिमा िनकन बिबहे महे श्त्र ' अरे बनिद्रा उणवान् थपृष्ठ श्रेरणन । बिथांछ cनई बचाननिचtरू नtप कब्रिब्रा छम९कांबद्भक जानबम कडिरबब १ मकरण विलिबा खेटेकाचtब्र "म प्रिञ्च९ ज भक्लर° अिन्त कत्रिएछ जानिएणत्र । निकमञ्च छुमिङ्ग1 छय६कांद्रशूद्रइ चावैदिक्नव निर्लिंग हरेद्रा नफिथ ।। ८क - ८करंथांच्च श्रृंलादेरप । नश्ध गइव बर्नी क्मिहे इरेण । ७षम बिबरख्द्र गचांम cदcष दृक ? cष अक विब गचबांषबलबूरष ब्रमछकée cवनं दांकिहां छत्रिद्रt थिइििहलू, चाँच *शांब्र हदछ चनांबद्दवच्च cवांछ **वग्लिश ! wण ♚★ए हऐcछदै छम९कब्रभूद “मथइ* मां८ब aचिकि शांछ अत्रिण *पर cनपणकांब्र नोनचषrछइ गरक-नगरबंब यूर्कबाब छनश्रुपद्रव्रज । ・ ・・ 宮 - 、 「 。 .-- .s - ‘‘ ---