- - r - - - - - -ன் ،نامنظ شمس * * * cओठेछ cवकि दब लंcरथमrध करनौथोंगांश्वकद्र कटा छछरी* नबरचड शी,०नरे नकद३कक्लिबमोह कांबी इलीन वनवत्रभ१इदैरङ ििछ गथठबङ्ग फे६°छिको। क्ष-यकङ्गकरशंरक्त्र ५. चषक्तय क#भूग्रन्द बिभtअछि हदैटख कांग्रैौ * aोकांकन्न हहैरल श्रक्मि, क्षब्रथ वहश्च अयच्न sग यूक्व खडि इहेरठ पांभी७ . ७ यूख हडेड यांशैमं★ब्र, कर्मनिषांन विरजङ्ग कावखम vम शृक्ष पूंश् विज श्रेटक यकिन ७ शहे बिज ह३७ tüक गवांब अ*ि७ DS BBBB BBDD HBBDDBBBB BD DD DDDS गडांब्र गचांनिङ कूर्णीनं दणिब्र यकांभ कब्रिव्रांtइम, किरू खेड नमांजक6ी ७ डूणैौमर्णन परमौजांघांशादग्न जभगांबब्रेिक शहैtठtझ्न । कटच छठरीौन्गभांब ७ एभिनंब्रांटङ्ग Şड इब्र जबांछ छै९*खिन्न वह "cद्र वक्बक्रिशङ्ग दांडू, बिकवणून, छूषण व क्रङबांबांग ७ वालीब्र नमांज ५द९ नचिर्थङ्गांईौङ्ग पर अब e cयौलिकऋिणंब्र विडिग्न गमrजग्न प्ले९°खि इङ्ग। [ कोब्रइ भक ७०s श्रृई अडेश । ] शूरसंहे दनिब्राहि, नचिनब्रॉन्नैौत्र ७ वनज रुद्रश्नमाज दन्नागैौ निग्नाश्वग्न अरैौन हहैब्रांझ्णिम । दक्रअ णभरिख रुद्रांदङ्ग वल्लांगैौ मिब्रम छलिटण७, मंकिभग्नाईौग्न ममांरज हांग्रैौ इहेष्ठ *ांदग्न माई । कांब* **ीव्र *** भङारक भूजकब्र थान् पचिगन्नाईौद्र गयाएज জ্যেষ্ঠ পুত্রগত ফুলনিয়ম প্রচার করেন। সে সময়ে বল্লালের কস্তাগত কুলপ্রখা প্রচলিত থাকিলে এ প্রথা পুরনার এককালে উঠাইতে পারিতেন না। উত্তররাষ্ট্ৰীয় ও বারেঙ্গসমাজ বল্লালী निग्रय कथन चैौकांग्न क्रग्रम नाँहै । $खब्रब्राङ्गैौग्न कांब्राइबैौजैौ अमांकिदम निशrश्ब्र जक्षखम नेन शूक्रय शांननिश्र + cशोफ़ांश्”ि ৰয়ালের মন্ত্রী ছিলেন। তিনি বালী মতে সমর্থন না করায় बग्न६ दिङ्गकtछन्नर्ण कब्रां★ वझांtणग्न आtप्रt* फँiहांब्र शिंग्नरहण कब्रां ऋईड्रांश्शि । uहैङ्ग* cगदांभेिडा बख बश्नैब्र कqकछन याद्धिe ৰঙ্গালের কঠোর আদেশে নিহত হইয়াছিলেন। জাতীয় মৰ্য্যাদা ब्रचगं कनिंबांब्र अछ शांननिश्इ जैौबम बिगडáम कtब्रन बगिब्रां তাহার পিতা লক্ষ্মীবর "করণগুরু" আখ্যালাভ করেন। ব্যাসের •ત્તા ત્ર ભત્તિ ભિન્નત નનના ખાન નાના ब्रांराग्न कfन कूणविदि अछूनkा अधिकांश्ल कूणैौनकन्नरश्च कूणमहे एरेशांग्रह, अथन (कषण बाणषांनगता कद्र, बैर्मक्रवद्र पाइ ७ ब्रश्नक्tब्रह wरमूखरी * कब्र कबन हून अtrह * * विषब* अकूठ बछ, कांडन ७ड इन थाठीछ श्रोछ, भtब्रांछनगू, दानद्वैोगांछ aवकृछि ब्रांनी इtrन áर्षनभ cषांव, कद्र ७ श्रश्यकैरग्न कक्छद्र कूणैौन क्विानांन। { कrअङ्ग बtéीद्र ऐकिशन कांग्रहरूtre fक्कुछ विदद्वन जडेव ! } • * इजीन ऋच देशप्रेक्षाक्त्राणद्र भवनाभकि फ्ण श्रेबांण्, छांश प्लेक ऋए ! छिवि cत्रीकृनि प्रीरित्नन । ' i. XVIII लन शबच्चैसाद निररक्करत्वंकन ७क अशा बस्नक्कझ जॉनिद्रां पनि कटकब॥ थरे कनमार्णीन.८गोब किमांडक निद* अत्रप्न ब्रांथां श्रेडशिनब १ शृ#क्रव कन्नौबीमांषtवत्र कहा cवक्रान् गणज जमांअक्कन षटके, छेडद्रब्रांड़ ब्रांश्च विबांद्रक निश्tदछ। वरज़ cनदेकनं छेखङ्गब्रॉईौत्र कांग्लाइनभांएवश्र थखि♚ दछ । थरै गयtइहे छब्बषांज cअजित्र नि:द ४क अज्ञ, भांकेिशा gपाँष ५धक पइ, cबोक्षणा कब्र अरू चङ्ग ७क् कोशभ:भाजद शंन अरु षग्न फेडद्वङ्गांईौद्र नमांtज भिणिञ्च वांन । नग्नवर्णैक्रांद्रण श्वांशखब्रेिब्र वा चा िcभोड़-कोइश्वकैद्र भूव्र अङ्कडि रूखक घच्न सिकबक्षीद्र गयांब वंबं हेम । शिड् ऊँष्टितः॥ चांशांमeषांम चरि निि শ্রেণিতেই হইয়া থাকে। -- èङद्रब्रॉ?ौद्र बांननिश्इ थकृखिन्न छांद्र इसमर्गौ eडूडि नयांशृष्ठ क्रqक्बन कांद्रश्७ ब्रांब वत्रांtणब्र , विtब्राथैौ हऐब्रझेिणब । cनंzब दज्ञां८णग्न निर्गुrांख्म छरछ छैदांब्री बांtब्रट्द्र जकरण भणाहेब्रां शिग्रां प्रजङ्ग नश्वांज **रबइ oछहैों कtब्रम । রাজা বিজয়সেনের পূর্কে আগত উত্তররামবাসী বএকদল জারত্ব *ब्रिदांग्न गईब्रl cबषम छेद्धब्रब्रांौब्र नमांज **ङ दड़, ८गदेकन ब्रांज विजद्रtनएमब्र गभरग्न मवांश्रख् हसमनौष्यभू५ कथाकजन কায়স্থ লইয়া বায়েজ কায়স্থসমাজ গঠিত হইয়াছিল। दांटाटा कांबडू । و,': बांtब्रत्र कांग्रश्शtर्थब्र छांडूग्न मांबक ¢क्षांनेि 4ोब जांtश् । भै अंइ •ाप्% जोमा बाँच्न ८६ पझनगम नामक अरेमक काकि मै ४ङ्कङ्गब्रकब्रिख्। आक्तूिब्रब्र नबद्र cष कब्रजम कांहद लांशमन करब्रम, फॅश८णग्न दिदन्न शहेब कूबैक्ष्नभत्रवानैौ कूलैौन काग्रइ कांनॆनांन cष कूणअंइ ब्रध्ना रुरब्रम, कश्नचन छोश३ जांनल पब्रिग्र निज अइ ब्रष्मा कब्रिब्रारइम । देशe बूकिcख गोब्र बां★ cद, ग्रहननrमब्र अप्रिल जांब ५कथांनि छांकूग्न झिण । किमि ये जांश्4 फ्रांडूब्रहक অতি বৃহৎ গ্রন্থ বলিয়াছেন। কিন্তু সেই বৃহৎ চাকুরী এ পর্য্যৰ श्रांसब्र षांत्र माहे। वक्ष्मगानब्र गक्रिए अइ गा? कब्रिगs रारब्रवकांद्रश्शtनग्न इंख्रिशग "ब्रिलीफ दeद्र पांद्र। क्झमनन গ্রন্থের প্রথমেই বুলিয়াছেন – পঞ্চম সম্ভে কহি এক্ষে কল্প অক্ষৰাজ । कांग्रह छांकूर्द्रौ नाश cबकम अंमt१ ॥ . कूदक नजरब्र बांन नाम कीदनि । ङ्करण छeदान कछ खडन नमांज,॥ ५. नष्कून छेडब छांद्र चल्न नक्कन * चीनः अपश्cश्यां षट् चक्ष्व * 2 no
পাতা:বিশ্বকোষ অষ্টাদশ খণ্ড.djvu/৪১৫
এই পাতাটির মুদ্রণ সংশোধন করা প্রয়োজন।