ब*स्थरvकिनरेश लं★ ह*छ भश्च काइ टर बर्षिरूचांद्र थtत्रक शहम कम छ बरकखमड पंधन कश्चि कॉर्डिककर्णइ** श्रांकैबकॉरष वङ aंकभ ग्रक्रिबांटाइम, छांश अभिीमकांद्र ७को फेषांहइन cरखब पांदेशरश् । मैौवांश्न।ेनं *वषयं त्,िits etषे श्रृंग्ल ब्रि श्रैअरिइ ॥ छ९-रज cपशवेिदक ऋकि अमां* क् िन, dहै eयtअंद्र क्लैडरब्र क्लनिकांब बबिनि बनिद्रांtझ्न cष ‘क्रिब्रांtष इमरनगर छोक्णछि श्यूबाजु' चक्छ अझौ ४बबिभिङ्ग फेथाणिज्र मद्दश्, उाशकछ भै अत्र फूणिब्रां फ्रांशग्न फेडद्र चक्रt" bलबिंनिग्न एबौब्र कोष रूब्रिजांtइन । छांशकांदब्रव्र ह्यांश *** यफाच अडिग्न नश्च्छि किटब्रोष इऐरण इडियाका अमरणचीब्र जर्थी९ इछि बारशत्र णम्भक कब्रिप्र न, फेश जनानृज् श्र। अङाभ अंकिङ्ग नहिङ क्रिब्रांथ मां षोंक्रिण हडिवांका चाब्रां ॐङिब्र जइयांम कब्र गणस। जtशौक्ररषद्र थठि वज्रज थबांन। हडि পৌরষেয় অর্থাৎ পুরুষের বাক্ষ্য, স্বতরাং "ভিন্ন প্রামাণ্য মূলগ্ৰমাণ সাপেক্ষ। পুরুষের বাক্য স্বতঃ প্রমাণ মহে, পুরুষৰাক্যের <थांबांभ eथमांनाडब्ररक चtनक्रमं क्रब्र। cकममा नूक्य वांश जॉमिरङ *ांब्रिबां८ष्ट, ठांशई जछरक जांनाँश्वांब जछ भंक ७थ८ब्रां★ व वाका ब्रध्ना कब्रिह परिक । जङ4व →डेरे जूषा बाहेण्डराइ cर, cवक्रन ब्रांनषूण नंच अंपूङ श्रेहांtए, cगरे जांनशै वषर्ष चर्ष९ ?क श्रेब थक्रिण उत्रणक काका७ ीक जर्षी९ প্রামাণ্য হইৰে। বাক্ষ্যপ্রয়োগের মূগীভূত জ্ঞান জবখাৰ্থ অর্থাৎ श्वमांच्चक ह३इ षोंकिण ভয়ঙ্কৰলে প্রযুক্ত ৰাক্যও অগ্রামাণ্য रहेक् । ऋद्धिकर्डब्रिाँ चां९, ॐांदांtषग्न मांशंष्ट्र] cवाद गैबैिंड जांराइ । €ांशंब्रां cणांकाक यज्रांब्रिङ कब्रिदांब जङ cकांन कपा मणिरवन देश जनउष। यऐ थछ छैशिष्वत्र ठिद्र नृण कूख्रक्वदका बजिब्र अइक्ठि श्ब्र। उँशङ्ग cवश्वांरकाब्र चर्ष *** कञ्चिद्र शांका ब्रज़्नी कब्रिब्रांरइन दलिङ्ग खांशं ब्र मांम शृङि । ऋछिबfिठ दिदब्रशनि अश्किांश्नं चरणौकिक जर्षी १ ধৰ্ম্মলনৰ পূৰ্ণায়ভৰ স্বরণের কারণ। কেননা অময়ত্বত পার্থের बद्रन शंदेहल नांtब मां । वृमित्रन बांश बत्र१ कबिबांटाइन, फांश * श्रूरी छाशय्क्द्र चहइड हरेबांश्णि देश जवञ्जरे बनिरल रहेर। * ८क्वच्छि अछ फेनांtद्र ऋणौकिक क्किबद्र चइख्न ७क अकब्र क्रनछद। इकब्रांर ऋकि चांद्र बडिब्र जङ्गबांन द७द्रां जनकछ । तूलिकांtबब पांश बहन कन्निद्रां८इन खांश cन cवक्यूगक, देश কেপর্যালোচনা করিলেই বুঝিতে পারা যায়। XVIII . خه t. Tन्नमस्तमन्तमस्त
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दशरू कईजनव णांच्ॉनथ्रकनcहकहरू तथझ नाइ। फणि इटैर्ष। cच्णन उपांझ एक्लोररूद्र लेनकाइ दद, इंक cनांटकांनकांझंद। cमांरकांभकाब्रांद जवe **ीर्थ हशष । ऋडिशर्णच् चानकछणि विकका cरक्यूनक्छ पपन तécदर्भ इ*िणोध्द्र रश्च्टश् न, जांशं७ चइयिक र७ब अर्क५ नकैौन । चब्रभांक कविांद्र कांtन छपूणखणि कूड़ेब्रांtइ किम, फ्रांश छांनिवाब्र अछ भोकशंजी ह३८ड इ३ ७को फधूण फूनिर्झ कनिष्ठ cषष रद्र, रखबर्षिफ फधूण कूटैत्र २ांकिन भद्रबांन कब्र शक cय, नमछeणि फडूणऐ इक्वेदांtइ । cक्ननां नवच् छडूरजहै नमानकरन अधिगएषाण बरेवाप्इ । उचप्श ५कtी इन्रण चभब्रtी जां कूदांब cकांन७ कांग्र१ षाहरू मी । dरै मूरूिद्र भीईौश मांब शनैौशृणाकछांद्र । eयङ्गखश्रणe चामकसणि ऋफि বেদমূলক, ইহা প্রত্যক্ষ দেখিতে পাওয়া যায় বলিয়া জ্বালীপদাৰুভায় জয়লায়ে সমস্ত স্থতির বেদমূলকতা জাতি হইতে পারে। जानक cदवशीष विनूतं ददेशांtइ, देर बांनीनरक्ब्र लेख्नब्रrन अउिनका कक्रिबांtश्म । पांश विशूल श्रेबांग्रह, अपsई তাহা পূর্বে ছিল, ড়েরা ঐ ৰোবাৰ্যমূলক্ষ যে সকল প্ৰভি अनेउ श्रेबारह, फांशद्र पूरीकूड cदश्वांक ५४म बुधै रश्रज्रह मां बनिद्रा भै नकण फि च्यांमां★ बणां पाईएख नांरब्र मां । কিন্তু যে সকল আতি প্রত্যক্ষ প্রতিধিকন্তু, ভাষায় বলেন, छांश जथांबांगा शरद । cक्नना cरवव्रणरू पनिब्राहे ऋस्-ि ●थांबांभी। cदवविक्छ्"डि ¢क्षमूनरू इदैट्स नॉtद्र मां। बबर cवरणब विनत्रैौड एड्रेष्ठzह, घफब्रां९ चक्ष्वांबां★ । eधंहरू छरण पछिद्र बूनऋन अङित्र जइवांनs कब्र पारेख गरज मां । कांजन अछाक थठिदिक्क जछयांम हरेरण नांदन मl । cवकदिक्क वृद्धिबू कठिनद्र सेनांइब्रन छांबारूtब यशबि रुबिबांtइम, श्वकमै बाज केदाइजन छेड्छ रईrण्यश् । cवांछिdव वाrन नाश मांमक मशtभद्र नरश अरूणै लेइवद्र इकब्र भीष निषांछ का coथjषिड कड्रिफ झछ। भै आइतब भीष →र्न कबिंब छैफ़्नीषों मांत्रक शक्कूि गांमश्रान कऋिक्न थदेकन अङि जांयह । नवल জল শাখ মায়া ষ্টে কৰি, এইরূপ একটা ষ্টি আছে, हरे डि sड cवरक्रिक। cरूनन, नक अरब अष कङ ८*उ श्रेप्न अदवत्र भाषांत्र छगणनजर्षां★ अश्वधभाषागरद्ररू রেশন্স ইভে পরে বটে,কিন্তুষ্টব্যঃ শাখা স্পর্শ ইভে गिर मा। अझात्र भाषाइ भर्न कि श्रेन नक्छ अश्वइ ‘ī's,