পাতা:বিশ্বকোষ অষ্টাদশ খণ্ড.djvu/৭২৫

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• , , -" --- . vJT .த்: ”. ، "چ. به 哆 蟹为 মল-চালনি ཝེ་ཅིག काँइ छेक्क“दो जएशो স্বাক্ষস্থান ললে এক cथभिरक्री की भूक्रि७ यथश क्कूि छानिय नदि चशंम फेख्यक्रप्न गएकाबिज्र कब्रि दउिकिङ्ग गोंह्रौं ििक९जो करिक् ।

  • *ोचश् िउ*,-*षक अर्षीं९ शैथिब्रांब्र शफ़ छांनिद्रां cभtण

cब्रांगेरक नैफ़ कङ्गांग्रेब्र षि मांथांहेtर ५वर बचि५ ष बांमनिष्कब्र श्रदी<¥त्र श्राप्चर्ब अश् िउभ्रं शश्व, cनहे अश्ब्रि वकनाशन জার্জিত করির তত্ত্বপরি কবলিক (পূৰ্ব্বোৰু অশ্বখ বৰলাদি ) अरबांश भूर्लक cरब्रिख्रू नामक दफ्न दांब्र जरूर्कडरष বেষ্টন কঞ্জিবে। স্বৰভয়,--আৰূসদ্ধি বিশ্লিষ্ট হইলে রোগীকে ভৈলপূর্ণ কটাহে { कड़ांब्र) बॅ. cजगैष्ठ (cछात्रांग्र वा cछोवांशग्र) भब्रिउ করিয়া মুঘল দ্বারা তাহার কক্ষদেশ ধরিয়া তুলিবে এবং তাহাতে স্কন্ধ-সন্ধি সংযোজিত হইলে সেইস্থান স্বস্তিক ( বন্ধনবিশেষ ) चाइीं ख़कन कब्रिहरु । কুর্ণর সন্ধিত,-কুপ-সদ্ধি অর্থাৎ কল্পই নিশ্লিষ্ট হইলে, cनश्शन अत्रूं चाब्रां यांख्रिङ कब्रिव्र उ९*८, ८गरेशन नैौजून করিবে এবং তাছা প্রসারিত ও আকুঞ্চিত করিয়া যথাস্থানে

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" ', ৰগইয়া দিয়৷ তদুপরি স্বত সেচন করিৰে। জাস্থ, গুলফ (cशाम्नागैो) ७ मनिदष (शप्उन क्ज ) उध रहेग९ यहे প্রকল্পে চিকিৎসা করিতে হয় । औदाच्s,-औवारार्थ क्झ रहेब फेहि "फ्रिण व जcषৰুি বলিয়া গেলে অব অর্থাৎ ঐবার পশ্চাৎ ভাগের মধ্যস্থল ७ श्लूरिब (মুখগৰি) ধারণপূর্বক উন্নত করিবে এবং তাহার প৮ছুদিকে কুশ অর্থাৎ পূৰ্ব্বাঙ্ক बाँङ्गि इण र पैप्लङ्ग प्ले স্থাপনপূর্বক পট্টবস্ত্র দ্বার বেরি বাধিয়া রোগীকে লাত রাৱি পৰ্য্যৰ উত্তমভাবে শ্যান রাখিৰে । লভিয়-হভি ও বিষ্টি ইলে তা স্বনি কলিজাৰে সংস্থাপনপূর্বক বখাস্থানে সংযোজিত ह्नेिश्नः एठंiङ्ग cवर अशव अदः नशर्नेौ दकन बाबा उiर पकनकविण्ड SDDDSDD DD BBBBB BBBB BBBB BBS SSDDDD DDD BBB BB BBB DDB BAAAS ऋन अ९१कप्डि प्ति । - কপালত,-কপাল छ४ इश्रण क्छनि मखनून चर्षदि मांथांद्र

{३३३५a इड्, अतः खं ७ व.ेनं अत्र *निश्र একাধাগেধৰ ৰােগৰে আৰু পান কজিতে দিবে। 可*、 विवज्र“न्{ी) * बिंiषं । ༣ །འི་ཤས་ཤས་ বিবর্ধন (রী) লিঙ্কপিংগুটি, ১ বিৰি, रणच्न उध रहेण काभ्यद्र इचच्ण यचड रूब्रिश उ९नर अक्ज शृङ्गकरण क्कनभूर्तरू उशत्ड चार्यरेख्ण (संशोच्ण) ८नध्न कब्रिह्द१ इलखण कध हरेहां चांखिांत्री ह३रण.eषयकः cर्भांमब्र - * - चषक वांव रखख्ण छधश्रेष्ण कइनह पनि१ दशकश क्रिष फेछद्र नि७, भrद्र वृखिकानि७ ७षः शक पण रश्न श्रषर्षभe cनरे * हरडचांप्त वांब्र१ कब्रिrद । अक्रकलई,-औषांरक्नंश् चचक बांबक भक् िजवteकिडे श्रण, मूषण खांब्रां फेबङ कब्रिद्रा जर्षव फेब्रल श्रेरण जूनण बांज्ञा अवनङ कब्रेिब पृष्क्रान दकम कब्रिtष। यह नवि छध ह३ष्ण भूर्लष९ फेझ उरधब छात्र ििरुदन कब्रिड शत्र । दछनि *७म व जडिषाऊ बांब्र नौtद्वद्र ८कम अब बैंड नां श्रेब्र cरुवण कूजिब्रो ऐcá, फांश श्रेरण जनवइॉइ बैठण cथएग* ७ *ब्रिtषक बांब्र किंकि९ग कब्रिटङ शद्र। वहकांन गषि विtन्नश श्रण, cनश् अरब्रांजणूर्करू cषक अवांम ७ बृशकिब्र এবং যুক্তিপূর্বক পূৰ্ব্বোক্ত ক্রিয়াসকল সম্যক্ষ প্রকারে अरबां★ कब्रिएव । कां७ जर्षीं९ दूर९ जश् िउध दहेत्र दिनौठ ভাবে সংলগ্ন হইরা পুস্থির উঠিলে ভাং পুনর্বাঙ্গ সমানভাৰে अश्लभं कब्रिव्रा लtभन्न छांद्र फ़िकि९णां कब्रिहड हऐएव । अंग्रैौद्रब्र ७६लन जर्षी९ बखकांक् िउ* श्रेष्ण, cप्रशङ निहू ८अठांकि ( भठि नब्रिकृऊ कां★ॉिन फूणां बांद्रा अलङ परॅिक्टिशब) दांछ। শিরোবন্তি বা বর্ণপুর্ণাদি প্রয়োগ কর্তব্য এবং বাছ, জল, জায় " यङ्गडि भन्नैौ८ब्रव्र नीषां यत्रीष उध्र इऍण नश, इफ *ांम ७ বস্তিপ্রয়োগ করিতে হয় । - गकिशन पनि अनाषिक cषांश रन जर्षीं९ मांफ़ कांग्ला शांभिtण কণ্টকাদি কিংবা অন্ত কোন জিনিৰু বিদ্ধের হার ৰোধ না হয় ५वt cगहे शांनजद्रब्रड जर्षीरं नारीश् शष्मद्र नरिक गनङा ॐधांख e जशैमांत्र अर्षां९ cनई शांप्न cष कराकtौ *शांर्ष श्नि, फांशंद्र नक्न क्रद्रकौब्रहे गनृङाद रङ्ग 4षर भै गरुण शांब शि नमाकू ७धकांरग्न चांडूक्षिठ ७ यनांब्रिड हऐtङ गांtब्र, जांम शंशक्cरु, गषि गथ्र्यूक्लिप्न ब्रा जर्षी९ नडेि शंदेव्रारिश्। (प्रथच् हि श')[ विक्रू विक्शन उs *च जईश] । विपक्लिन् (बि) •निनेग, वक्नेग, बिन। “এনেতে মহাপাপং ৰাক্তলাভিয়ংশি। আপৰিমর নোৱাৰিলি r আর্কপ ১৯৬) ং পন্ধিৰ্ব্বলীল । * *, गाँeब्रl। (बि) * इक्किांद्रक, cष क् िक्रब ।। $