পাতা:বিশ্বকোষ একবিংশ খণ্ড.djvu/২৮৯

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  • ीर्थमें ? { *चककृ* ) जब्रोङ्गइ (गै) कछाडेर cभरउँछि झ्द-क। मछ। जग्नरुण ( बि) गब्बनि उष: १९। गtब्रांदब७बं, गtब्रांबद्रंथांड । ( ७क्रश्ङ्क ૪બ૭૧ ) সরস্বৎ ( পুং ) সমস্ অস্ত্যৰ্থে মণ্ডুপ, । ১ সমুদ্র, সাগর।

२ गtब्राषङ्ग । ७ मनं ।। ० भश्चि। (जि) * ब्रगबूख । गक्षन्नडी (जैौ ) गtब्रां नैौब्र६ टद१ नrब्र बांग्लाज केङि नग्ननभडून-भश सः । डरनौ मषर्ष हैडि डफाग्न *मकार्षीः ।। ४ नमैौcडए, नब्रवठी मौ। गर्श्वभूगाण्डांश नौद्र मtशा हेश একট। এই নদী পুণ্যগলিল, যে কোন পূজাদি করিতে इहे८ण अt& ४ारें मौब्र अश्विांन कब्रिाड इङ्ग । “प्ण झ बधूत्न हरु cोश्षछि जब्रषडि । নৰ্ম্মদে সিন্ধু কাৰেদি জলেইস্কিন সন্নিধিং কুক।” (शूजांभरुङि जणलकिब्र मज) পূজাকালে পূজার্থ জলে উক্ত পুতসলিল ৭ট নদী অৰउि| अtहम, "ईक्र” खि कब्रिब्र! मै अणइोङ्ग श्रृंज कब्रिएछ श्छ। मशङ निषिड चांtइ cर गबचडीौ ७ नृबषजैौ wहे शहै? cश्रुमौ ।। ७्ररै cशक्षन'ौ ६८॥झ शश्राविडैौ ८षधं ब्रांश्वं नाश्य थjांङ, aष९ ७ई cनt** cष थछलिफ अॉफ्रांज फांशरे गवाछांबूं । “শুনি দেশে ধ জাচাং পারস্পর্ধ্যক্রমাগতঃ। বর্ণনাং সান্তরালানাং স সম্বীয় উচ্যতে ॥” ( মঞ্জু ১১৮) wरे नशैत्र गरीiद्र-मंकनईडर, बाँकअप,वचरड, जबडी, ৰোগ্রণী, পয়োন্ধীজাড়, ৰাণী, বিশালা, কুটিল দেশ cछtष ७हे मशैब्र १६ नॉर्थ हईब्रांtइ-नूकरम ** *.3 3. वtश्च खरे अशै जॉईड हरेंद्रां ॐ थर्डी नांद*, uईब्रन tनक्विांऋग नश्वाबैो कक्गिन कईक अंॉइड रहेब्रा काकमाची. *ईtगtनं भकबांज परख जांइड इ*ब्रां विनॉण, $ख्द्र८कवणारड टैकोणक अनिकल भनबम, इत्क्रंब इंक्द्रबिपरल ७र्षवरी, गंगांदीtद्र तक अंबां★ठि वरजं प्रईन% ७ हेिबांनद्र ७३ मकैौtङ भांमोक् िकब्रेिरण नकल गान विम8 रुद्र। नब्रवणैতীরে বাস করিলে আকৃষ্ট ওশেৎিপত্তি হয়, শুক্লপ আর কুরাপি इब्र न। कडनड भांनद गब्रचर्डौक अथव्र कब्रिव्रा पर्नीरबाइन कब्रिजाrइ, डॉशब हेब्रड कक वाब न । अज्थव गङ्गथकौ নদী পুখনী সকলের মধ্যে এখানা । ( ভারত শলাপ &৪জs ) ব্ৰহ্মবৈৱৰ্বপুরাণে লিখিত আছে যে, এই নদী অতি পুণ্যउभा । पनि cरुइ औई नषॆौ८ङ मांन क८छ, उiहाँ शहेrण छांशंब्र गकण *ां* क्निई श्ब्र ७१ः ठिनि दैवडूté विकूtणांzक बांग कtब्रन । कांडूईश, शृ#िम, अभद्रा, अमांदशां अछूऊि सङ डिशानिtङ यिनि गब्रवर्डौ८ङां८छ अरुभांश्म करग्रन, ऍtइtव्र সকল পাপ বিমুক্ত হইয়া মুক্তিলাভ হয়। জমিতে যেমন मरूण रुख मर्थ एग्न, टअ* uहै जब्रचर्डौ नकैौtङ जकल *ां* उ९मगा९ उ*ौछूड इद्र । “তপস্বিনাং তপোয়পা তপস্তাকয়রূপিণী । झख१ींशथूणांशंष्ा घणिधिश्व*ि*ौ ॥ জ্ঞানে সরস্বতীতোয়ে মগ্ন বৈ মানভুৈবি। ८डयां* हिठिकं बडूt} इन्नेिब्र१ हब्रिग१गनि ॥ डांब्रटङ क्लष्ठ*ों*ौ 5 बांच्चां छज्जांदगैौणब्रां । মুচ্যতে সৰ্ব্বপাপেভ্যো বিষ্ণুলোকে বলেচ্চিয়ং ॥ চতুৰ্ম্মাস্তাং পৌর্ণমাস্তামঙ্গরায়াং দিনক্ষয়ে। ব্যতীপাতে চ গ্রহণেইগুস্মিন পুণ্যদিনেংপি চ । अधूिजरअम श: प्रांछि cएलब्रl ॐकब्रॉनि च । गाव्रभाः गच्छ नूम९ tवकूt% गं हाइब्रनि ।” ( ۰په ۰په ټfچی م٦R64چ3w ) cश्ण वा ॐका cष cकांम ब्राप्*है इसैक uहे नदीcच श्रॉन कब्रिtण ७९चनीद गरूण ** क्मि* श्म । शब्रचर्डौ cनकैौ"##ीब्र ऑtण नंबैौऋ* *ग्निशंड इमे ।। ५हे अशैब्र के९नडिंक्विब्र* वंकरेषवडं★बांt१ ऑरेंकन *िक्डि जप्शि c२, ७कश cशवर्षि नाब्रवं उगवान् नांबां★नtक बिंख्णन कबिंबाहिरनैन ৰে, গুগৰ । সখী মেৰী গাভৰৰে গান শপে, মেজ উৎপন্ন হল, এই পুরাতন ইতিহাস খানিভে গঙ্গে তুলে জিয়াছে। उंइच्छ ज्ञवान् नांवरप्र"बनिकॅशिंगम ८९, नाब, cछामात्र