পাতা:বিশ্বকোষ একবিংশ খণ্ড.djvu/৬৭৬

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সিলেট * 飄 عليه ميتسع कम, हेहाँब्र औी ब्राकै क्रीणांनडैौत्र ●धक्छ वहडन £क्षज ७ जवाब अछानि जइहौद्राग्न जानहरू cछाश क*ि८डtइ ॥ छ९श्वब्रवउँौं ब्राजी झब निरह, dीच९ छjशंब्र *ca बांजfनईब्रांछनैः ब्रांज इन ; हेहाँब्र भtब्र दिउँौद्र ब्रागनिश्इ जब्रडौद्रांच्च निश्शनम eयांख हम ? इनि कुनैौ गांमक शरम ४१av श्रृंडेtएच ब्रांटमचंद्र निव इtगम ●द९ अरमरूछूमिcषषज बांन करनय । छेड बळे कुनैौत्र म* बारम अखिश्ठि । ईशब गमcा जबडीब्रांश्च ७कन्नै इीण अज८क दणि cषss1 इब , शवरमठे हेश खाड इदेहांe eथठिकांबचब्रl• ब्र१ झ्न नाहे, छtव ब्राजांzक *षtब* ७क फौज नtज BBBB BDD DD DDDB TD D DBS DDD DBB कब्रिब्र भिग्नांझिtणन । हेहांब्र ऋग्न ब्रांtछछ निश्इ छब्रडौब्रांख ब्रांछ। एन, खैIहाँब्र गमtङ्गe cनरौीब्र निकछे नब्रवणि cषeद्वा इह, ७॥बांब्र अंदरम* छभूखैौम्नांब्र नछ .८७थब्रण क८ब्रम, किरू ब्राटखञ्ज निरह · বিনাযুদ্ধেই আত্মসমর্পণ করেন । ১৮es খৃষ্টাব্দে এইক্ষপে জয়खैौब्र हे९ब्रांआश्रुिॉब्रडूख इब्र । हेtब्रांज-*ांनन-•१७e क्षुडेटिश हेडे हेसिङ्ग ८कांग्णांनैौ दणबिहाब्र-डेफ़िशांब्र cष aब्रांनैौ अश्न करब्रन । ॐौहाँ s मे शृभtग्न श्रृंहौड झब्र । cथनिरु हे९ब्रांछ ॐाकृििनरू cषंलां८झब्र निष्ठांभइ बिs cथकां८ब्र ঢাকাবোর্ড কর্তৃক শ্ৰীহট্টের শাসনকৰ্ত্ত নিযুক্ত হন, তখন এই পদে दाहाब्र! मियूक हऐडन, छैोशनिशाक "cब्रनिएख्छे” बलिख् ।। ७९*(झञ्चखौ ={{शनशंitrह्म भांश--भिः श्लषन[ब्र, षि: श्णi७ ७ क्षिः লিগুলে। ইনি তৎকালের আলেক কথা লিপিবদ্ধ করিয়া গিয়াcछन : डांइ नार? छांना याब्र cष उषम छाक हहै८ड बैहtड़े cमौकां जागि८ङ अtनक बड़ बफू डून ( शं७ब्र) अङिङ्गम कfब्रब्राँ আসিন্তে হইত, লিওসে একটা হব শত মাইল বিস্তারিত বলা ॐtज्ञथ कब्रिग्नां८छ्न । निग्नर्नम-यजनांशtषा छैist८रू निर्भ नि°{ कब्रिरङ हईब्रांहिण । €यैशडे *ाँहहिब्री rथtबहे भाझ्जणाrणन्न भद्रগায় গিয়া তাহাকে সেলামি ৫টি মুবর্ণ-মুদ্র দিতে হুইয়াছিল, हेशहे ग्रैौङि श्णि। शूर्ति जानिनग्रन७ यैश्छे जानिब्रा घनश्राग्न निोब्रां cगलांभि क्tिछम G डषः इहेtङ *ाम८मंब्र अञ्च “छौक।* &६ण रूमेिtछन । छथन £ौहdè कक्लिग्न «ध5णम हिण, णि७rन गारहरु एठांझ! ऎ%ाईब्रां भिग्रांहिाजम । ॐौहtप्लेग्न ब्रांछ व ७थन ९eoooo छाक नि#िहै इहेब्राहिण, ७७ छैकाग्न कफ़ि छाकाव्र ८मोक्ष1 ८यांशोंदे कब्रिब्र ८७मब्रन कब्र छाग्नि जश्रृंक्षिाजनक हिण । निetन नांरश्च धैश्छेयांनौ चाब्रां ७कनण cवजेब नछ ●यशष्ठ করিয়াছিলেন, এই সৈeজলই পরে চেরাপুীতে, তৎপরে *िण९-गइtब्र नैौङ इछ, ७षन७ “निtणो णाइंछे हेन्रक्न्” नाप्म अछिश्डि । éशब्र गमाग्र ॐीश्छेब्र जूनणमांनभ१ cभनिइ सेtटैद्र ***प्रांज f ७१8 ] Emm शशि* काभ्न कब्रिटड यूक, cकक्क क:िप्रffहण, विहनिeह्मणाrश्व eऔछेमिनारी नइ कूरूरचकबनिक गणनचिरक:निश्छ,कब्रिgण ७ • वण ३बडच ईदेब्रl cकांचंग्नि भनाईब्रां पात्र, जांद्र देशव्रांजङ्गाबा क्षरण कaिtड cछडे कtब्र नाएँ ? ' अरे शशांक ७रू नदद्रम् नरसी घल्लेब्राहिण१ . “ . णि७rगब्र गta जन ऊँडेनिन् नtश्च ओशो जांशयम कtरुन, चश्म गका क्ञ्चगोग काबक्स हन्न। लिमि क्वेश्रो ९७०००ि मशरणद्र ७०४***२ sाक्र ब्राजच श्ब्रि कनिक छिद्रश*ी ৰঙ্গেীৰস্ত করেন । w ♚श्रछे खिन्न डिझ cश्चनैरछ वथनांण महाणखणि बिछड, बै नकग मशरणग्न झोध, पथ-चबिम, cङtन्थानां, बषण, जांब्रगैौद्र, cबांक्छन, निरपाखद्र, झटर्नीडब्र, क्डूि-लेखक, थॉब्रिज जय, हेबांग, थान मशण, गाषि, cमांब्रआहे, धूनवाण, नांबकब्र, ब्रश्म छाबिबैो, cथांब्रtनाथ, थाcमबांग्लौ, हङ्ग भशम, उमर्षl cबांझखहे, cरूज, बरू, नअब्र, नअङम हेछriवि ।। ७३ नकल डिब्र, clग्न *११o0ि निकब्र महाण ब्रांथ इटें ब्राहिल । हेश्माण भांगमकारण नमब्र गभग्न कूकि खांडि <चखांम ॐ*ब्र चङliष्ठांझ ब्रिह्नि बद्क्ष?*ुट्बरः षङ्गशाश्i८षा ‘एठfश्! विशन शfotड इहेम्नांtछ् ।। ०४२७ धुंडेitज ७ई जष्ठjाकां८ब्रव्र एख*ाङ इब्र । ১৮৫৭ খৃষ্টাৰো চট্টগ্রামের একদল বিদ্রোহী সিপাহী ত্রিপুরার भक्षा निद्रां ॐौइरङ्गे फे°हिड इहेब्राझिण, णांडू नामक ऋाrन কর্ণেল বিং একদল সৈন্ত সহ তাঙ্কাদিগকে জাক্রমণ করেন, কিন্তু ५:कर्णौ क्८िणांशैग्न सलिएड थथrमहे डिनि ब्रणश्tण निनलिठ झ्न, তখন মুৰেঙ্গার অযোধ্যাসিংহ বিশেষ পরাক্রমে ও কৌশলে উক্ত षिुम्नाश्किो एक क्लिष्ट्र खिच्न कब्रिो धैर्शक्कै हऐ८छ बिज्राप्लिङ रु८ङ्गम । »v१४ शुदैहिक कृकि ११ औश्tड़ेब्र कtशक्लिग्नां नाफ़ा जा *भ१ कब्रिब्र दह मब्रश्ठा कcग्न ७ कtइटक्लग्न ७क वांत्रण श्राकमण ७ गांप्रुषtक निशष्ठ कब्रिब्रां काशग्र *क कूयान्नैौ कछां८क थग्निब्रा णद्देब्र पाङ्ग । हेहान्न छात्र नंचटम°फ्नै विप्लव ३छट्ध कूकिभि८क जांक्लयन कcग्नम ७ छाँशरपन्न जहमक हॉम कब्रज्रणणङ कब्रिब्रl जन, ऐशहे ७षम शू*ाहे खिोडेक्करण नग्निर्णफ हऐब्रांरख्; ऐशन *ब्र जfब्र पछीशम्र! cकांमङ्गन् अखjांल्लॉग्न कtग्न अहेि ।

  • v१० भूहैiएच डीशडेक भागांबयरक्नड्रड कब्रा इब्र७५lरू जम उिनूüी कमिषनां८ब्रज के°त्र cजणांद्र नानमछब्र थबनिंठ श्ब्र । ४v११ जएक बैशड़े ८खलांएक छब्रि नकडिछिक्रम विखड कब्र इब्र, svv१ क्षुः श्रव॥ ख्रिस्ट्रेिन नििश क्षिच्छखी श्यां sto शशठिखिश्चन हहेब्रttछ् 1

&aं ॰४sa otं ५क्षी॥ श्v श्ा, ऎट्खिं *श्ञैः कह भखि हरेद्राहिण, क्रुि cन डूकण भ४०१ ई९ १२३ कैनब्र