পাতা:বিশ্বকোষ একবিংশ খণ্ড.djvu/৬৯২

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গীত। 3 مدن } প্রভৃতি তিনি ম্পৰ নেল। তাহার চোখে নিৱালা,একটু सूम अनिष्ण३ "श शैष्ड श्। गौप्ड ?” बनिद्रा याणबिज्र श्न । স্ত্রীলোকেশ্ন চিত্ত্বৰিয়োজন পুষ্প প্রকৃতি দেখিলেই রামচন্দ্র গুনঃ পুনঃ “ছ প্রিয়ে বলিয়া দীর্ঘ নিশ্বাস পরিভাগ কৰিছে থাঞ্চেল । প্তাহান্ন জীবনের একমাত্ৰ ব্ৰত আপনার উদ্ধার সাধন করu"ণনার সঙ্গে পুনৰ্ম্মিলিত হওয়া ।” - सनब्र गौडाइ नङ्गनबूझगु श्रेष्ठ क्नणिनिउथाल्न श्र्व BBD ZZ BDDD DBB BBBS DDBYD BBBBB कब्रिञ्च डिनि वणिcणन, “cडांभांद्र कथां अनि डूणाजांtव चवृद्धमत्र ७ विश्नरश्रृख्।" किस्त्र छैशब्र दक्नम७ण, cनषविमूक श्राब्रन व्य्ञब्र স্থায় শোক পাইতে লাগিল। স্বামীর উৎসাহ, বল, বিক্রম, cन्मॆष, गकणहे छैांशच्च विप्लषक८त जानां श्णि ? आवाब्र मिtजब्र निच्णां* झनब्र७ ॐiङ्ञ अन्ब्रिछाएछ हिल ब । अप्लाईन्न अदछखांदौ जब्र७ ॐशब्र नृढ़ विश्वान श्णि।-उिनि cवन बूक्रिणन, ॐांशब नि९इक्लिभ प्रागै निष्कल्लद्दे उँहjएक झाक्रrगङ्ग झुङ इहेइज्र प्लेकाङ्ग कब्रि८ङ गमर्थ श्हेप्वन । उहेि वक्षम हछ्यान् उँहाएक भूप्छे कब्रेिच्न वाभिजकांt* जहेब्र शांहेवांब्र थांर्थन कब्रिएशन, ७शन डिनि ®हे বলিয় আপত্তি করিলেন, “আমাকে পৃষ্ঠে করিয়া যখন তুমি ৰায়ু cपt" अोको°भएकी कृणि८ङ पंक्tिव, माथि झ्म्नस्न स्रथम फुङ्ग তোমার পৃষ্ঠদেশ হইতে পড়িয়া প্রাণ হারাইব । স্ত্রীলোক লষ্টয়া পলায়ন করিড়েছ দেখিলে, রাজসেরা নিশ্চয়ই তোমার পশ্চাদ্ধাবন করিবে, তখন eোমার নিজের প্রাণ রক্ষণ করাই সংশয় হইবে । বিশেষতঃ তুমি আমাকে উদ্ধার করিলে, রামচজ নিজে উদ্ধার कब्रिाज्ठ *tब्रिह्छन नां सृजिब्र! डैfङ्iब्र दtर्भाशमि हद्देहद १ हेझtञ्च উপর, স্বেচ্ছায় আমি পরপুরুষের দেহ স্পর্শ করিতে বিশেষ কুষ্ঠা বোধ করি।—যাও তুমি, যাহাতে রামচন্দ্র স্বয়ং আলিয়া আমাকে উদ্ধার করিতে পারেন, তাহারই চেষ্টা করি গু, বলিয়া, বস্ত্রাअखब्र इहेtउ uकछि शिtबांब्रप्र दाश्ब्रि कब्रिब्र ठिनि श्छभारनग्न হস্তে প্রদান করিয়া বলিলেন “ইহা রামচঞ্জকে প্রদান কল্পিও, जाग्न जांभांब uहे जनश् ८*ाएकब्र कथा ७ ब्रांग नक्tिशव्र हtख् पञांभांद्र जtइमांद्र दथों ऊँtछ्ॉरक ग्रवि८*थ यजिe । *८थ cडामांब्र भजडा झुक ।” হনুমানের মুখে সীতার সংবাদ পাইয়। রাম আসিয়া সদলবলে बाकांग्न खाएग्न ठे°हिङ हहेरणन, cनहे नयtब्र ब्रांबण ७कमिन जैौफाग्न ग्tनारमाझ्न कब्रिषांब्र जछ नूडम ७क छबरखन्न अबडांब* করিলেন । अनैौनाई हद्देब्रt७ नैौनl, cश्वांटकांविधभांनन गैौङt च्या १ीकতরুমূলে অধোমুখে উপবিষ্ট, অদূরে ঘোর রাক্ষসীর দল তাহাকে cफ्डेन पब्रि ब्रश्शिाप्श् । ७मम जभत्त्व कूष्झौ नश्वामन पारेच्न धृहे lo. . वांरक कणिरचय.*चाब कूक कथांश्च कांबनिएडहहैंइट्टिहे, अठ विप्न चांगांब शरच्tडांबाब्र जाँचाभूण नकप#दिब्र७ अलfभर्कषा कुन हदेण१ ऋत्वि विमूक, थक्ष्म अग्नि कि*जांचाब्र थॉकिट्व ? BBS BBBB BBBDD DD BBBS BBB DD DDt अश्न कब्र * <sपर अपूएन्न जात्मनाइछांबैौ किक्वचिलाएक ब७ब्रমান দেখির স্বলিলেন “রামের ছিন্ন মণ্ডক জালির সীতা সম্মুখে झॉष ।” : चiरििश्ां ॆन निश्निः शांश्रुिं ७ शंt१’ग्नौष्ठfa BBHBB DBBBD DDDS BBD DBB BBBB SDD DDDD इहेब्रॉtइ, अश्वम बीयांच जांचनब*१ि कब्र ।* हिछनूर्ण कवणेोइएचब्र छांत्र कूनडिङ इहेब्र नैौछ कमान ७ बामांडांtब क्लिां* कब्रिtछ शाभिरलन । इ*ां९ éकॉम दिएलय ब्रांजकई छैनहिष्ठ हeब्रां८ठ ब्रांवलएक cनपांत्र हऐ८ड eयहांम कब्रिटड इहेण ! डांशब्र ७थशांटमब्र जरण जtणहे भांब्रांबू७ ५ष९ थइनँीन जखईिड रहेण । विखैौष*त्थिब्रों नब्रभः ब्रांबद°ग्न अांछां★ गैौडांद्र ब्रचकांकटर्षी নিযুক্ত ছিলেন । ইহাকে এরূপ মোহিত ও শোকাকুল দেখিয়। छैiशब्ल शब्लt८कांबण *ांt१ दक्ल जांघाङ लांकिण-डिनि z:ांशृन्t१ সীতাকে সাম্বলী দাম করিতে লাগিলেম এবং বলিলেন “জামি অগুরীক্ষ হইতে দেখিয়াছি সাগরতীয় বানঞ্জসৈঙ্গে পরিবেষ্টিত इहेब्रटिझ्, ब्रॉम ७ गच्छ१ कूलाशहे जांदङ्म । मॉब्रांवैौ ब्रांभाग भाग्न প্রকাশ করিঞ্জ তোমাকে বিমোহিত করিবার চেষ্টা করিয়াছে । छूमि जांचल इe, नै प्रहे छूमि भूख्णिांछ कब्रिएष * शाब्रिथाएङ দাবানলদগ্ধ ধরণীর ছায়, সরমার এই সকল আশ্বাস বচনে जैौडॉग्न cलांकनभ्रे झमग्न भाख ७ नैौष्ठण इहेण । ब्रांमब्राषtण छैौष१ यूक इहेण,-क्लष्य बभ गक वैौब्रचूश्च ङहैंण,-ऋग्न१ ब्रांद* निश्ऊ इहेtजम । बिडौ५१८क ब्रांछन्tन अङिৰিক্ত করিয়া রামচজ সসৈন্তে কুশলে আছেন, সেই সংবাদ জ্ঞাপন করিবার জন্ত হনুমানকে সীতাসকাশে পাঠাইলেন। হর্ষাভিশল্পে সীতা প্রথমতঃ কোন কথাই বলিতে পারিলেন ना, ॐांझांब्र क्रां७इग्न रहिब्रां ॐदणट्यरश जॐ dधबांश्छि इहेंtप्छ লাগিল । শেষে বাপরুদ্ধকণ্ঠে বলিলেন “পৃথিবীতে এমন কোন श्वनब्रङ्ग बांtङ्, शांशं लिब्रां पञांभि uहे कtभन्न ७धकां* कब्रिtठ পারি।” হনুমান যখম তাহার উৎপীড়নকারিণী রাক্ষসীৱিগকে তাড়ল কল্পিতে গেলেম, তখন ৰাধা দিয়া সীতা বলিলেন, “স্বেচ্ছায় नtरु,-rङ्ग्न मिrब्राह्ञ हेहाँब्रजांभां८क कडे निब्राप्इ । हेखांबt তোমার দওহে নহে।”—মূৰ্ত্তিমতী ক্ষম ও জয় জাবার কোথায় ? যাইবার সময় হজুমানকে তিনি বলিয়াছিলেন “তোমার প্রভুকে বলিও, তাহার পূর্ণচজানন দেখিবার জন্ত আমি ব্যাকুল হইয়াছি।” इछ्भरिनग्न कथा समिब्र ब्राय किब्रश्भांण भएषांभू१ cगोनॉषणपन रूब्रिब्र ब्रश्छिन्न ? ठाशत्रे ब्रांशैवtणाछन भैम९ जाज“श्हेब्र केÉण,