পাতা:বিশ্বকোষ তৃতীয় খণ্ড.djvu/৫৮২

এই পাতাটির মুদ্রণ সংশোধন করা প্রয়োজন।

पज्ञाक्षरको श्न,!....छोगइte गर्फरा'cनदेः ऊर्ध्वादशकस्वीि डीव्र कानपबांधब शऐडा क्ण शृण भूभौगोलेि नांग केनछांद्र-मकदारण भूख कब्रिध्ष । ठांश इश्रण खिनि cडामांक्रिशंद्र थछि. श्रृंबदल्ली ठ नकर्षगिकियष हरेtवन ॥ थांब्र दिखांकिब्र चcनंब्रt cष कुछ छांहांध 'कधिकांगूंजमार्ष cठांमांविप्नब्र cगद्र इ३ण । किड cजांभद्र • cनाकरद्र शिड॥ विविख् ६षकवरई चाबइन्सक थांबांद्र चोल यउिभाणन कबित्द1 जिसखरनर भूबरिभद्रक 4ऐकन छनरक्ष अगानभूर्लक चरर्न भश्रम कबिब्र पर्चब्रांtजइ जज्ञैौ हरेरणन। cर डीच ! थांगनि cष जांबांटक करृङ्गइकिएभब छैनंtथrोत्र छिछनां कब्रिब्रांहिटजम, खांशांज्ञां 4देब्रहनं छे९iब्रहदेञ्चांद्रह्म । ॐथt१ छिबरभरद्वग्न भांहांग्ला अंकन कङ्गम । भूगला पणिप्णन-"4हे शृदिशैम७tण cगोवान माrम 4क ब्रांबा , जर्रशा भोगकtई ब्रउ पाकाङ्ग दर्षाकर्ष किङ्कहे पिछाइ कब्रिाख्न म। किड डिनि cष कोब्रण दिब्र पर्न जाच् कब्रिाश्रिणब उ९५शाक्म अष१ कङ्गन। भै cनौबांन ब्रांबी जडाड इब्रांल्लांब्र, जर्कअकांब्र गांभकर* ब्रठ, ७ गर्फरविषबिंड हिरलम। ब्रांबगैौठि किडूयांब छांठ हिष्णन ना

  • च५ अङिर्षिtनव ●ङ्कठि ८कtन ठेख्ध कई णांथन कहिएउन मां । ।

छिबि विजांछिक्त्रिरक <षष निकृकई ७ दलांक् िकिङ्करे कब्रिtङ शिtडन जां । कtशtनं किब्र६कांण अड़िवांश्फि कब्रिग्नां क्रिछ*अमरण श्रृंभन कब्रिtणन । शृषिदौब७tन बांक्रपानि tष cकश् रुनछि कब्रिtङन, उंIशब्र cकह३ दछएषनांकि कई कब्रिएड *ांब्रिtठन मl। cश् छौश्र ! खिनि कथम cकांन शृगाकई रूtब्रम मांश् । cनश् विनूषक ब्राथा उभिर्मनिtभद्र कब्र अश्नं कब्रिएउन । cए शां%िकtoधई ठौश्र ! छैiहांद्र कर्ककण व्यंय* कक्रन । गांनाचा cनौनान (कान गमtब्र शृषिरौ ग**म कब्रिष्ठ कब्रिप्ड cमथिtणन cष, कॉर्डिकमांtन रऽङ्ग*८क ऐसभी विठौब्रl उिषिrठ ठिज७cतब्र गूजा क6षा चणिब्र काब्रएइब्रl छसि छांटव भूगबौनानि बांनl s"छायब्र क्लिज७६प्नप्वद्र शूजा कब्रिप्ठtझ् । cगोनांन बाज उषांइ श्रबन कबिष्णन ५षः उंशप्रब ५ब cारिश गब्रम नरखtcष छउिडारद जिeदरषप्वद्र नूजा कब्रांद्र उ९ण१९ निम्नांन इश्रणन। यषाकांप्ण शृङ्गा इश्रण क्रिजशcaब्र यछांप्व ठिनि विकूणांप्रू जघम कब्रिtणन । श्रद्ध७ष छिंज७cॐब्र विष्ठेिह eqखांव ७ भांशफा cद्धांमitक কছিলাম। হে স্পশাল এক্ষণে আর কি প্ৰৰণ করিতে ইচ্ছা করেম।" डौध भूनिवरबद्र अरे नकण कथाःथ११ कब्रिज्ञा वजिजम, cर यशबून ! ८हीम् विषiग्न ७. cotम् बज बि७श्वप्रयङ्ग ंब। आह्निंख रुद्र, छाश जांबांटक बनून ? पांशब्र भूजा कब्रिहl cनौशान ब्रांज हिब चर्शणांछ कब्रिव्रांश्प्णिन । भूगचा कश्रिजन, क्लिजछt«ब्र गूजांब्र विथि कश्प्डिक्लि, अद१ कक्रम । भक-श्रृत्र-पूर्ण-पौणनि छन्हात्र चाँब्रा मजण शक्ति अका ७ छरूिपूल इश्छ। बिश्वtधद्र गूजा- कब्रिएबन । जणभूब्रिफ मूठन कनtनांगब्रि थर्कब्राभूर्ण भांज ब्राषिङ्गा भूजाप्ल दिखांछिनिर्णरक प्रांन कब्रिtवन । छननडग्न जांक५ ७ कांब्रशशिनरक cvअबकग्रांश्चन । 'प्रबिच्च् ! कृषि मनीषाज नदनी ७८श्री श्रत श्रृंह१कब्रि BBDDGH DDS EE DDHHS HHHHDY DDDDS SDD DDDSS S BDDD DDDDSBBSDDHH DttDSHHHHZSDDD S I eas I SSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSSS ककन्नूब्रोण ८मभूकांबांशरक्छ (५) कांग्रह जाष्ठिद्र ऐ९*द्धि जबकि ४lरे प्लेशोथrांन ग्रनॅिक हरेब्राहइ--- * . प्रबिंगाकनक्रनबनिजागागु, झुवि चाशत्रु वक्नथवाबज्र,०डाशत्रू ननकाइ कवि " भशहांबcनोबान जलि ७ अकांपूजsिtख 4श्ब्रग भजवाब्रा sिज७erवरवद्र शूबा कब्रांश जछिद्रां९ गर्थगान श्रेष्ठ बूङ इश्ब्राहिरनम। ब्रांजप्खानाप्स इष्ट्र श्रेरण पनपूरउब्रां उांशएक छब्रांनक वनभूौtड जानब्रन कत्रिण । ठांशप्र•cषषिड प*ब्रांज जिsडक ५रेब्रग .कश्ब्रिाहिरणम । *4हे इब्रांप्लांब cनोषांण ब्रोबा नर्विक गांगकर* ब्रष्ठ पाकिग्रा निबउत्व गानाबाश गानादि गागाल्द१ कब्रिाप्झ्न' पर्दबाब ७३ ब्रण कश्tिण, १ईiश्वगिलांब्रन नशमडि छिब४९ cनोग्रांप्नब कईजनिष्ठ विणाक जाउ श्रेङ्ग शंशभूेक वर्षब्राबरक पबिष्णम

  • ७३ cनौशाण ब्रांबा नर्कश नाशकार्ष ब्रउ शिष्णन, ठाश जाभि आठ आहि । cर एर्षानूव ! cखांबाब थनांtप cछामा कईक ८थई इॉन यास इश्ध्न शृषिदौष्ठ थाभि गूजा इश्ब्राहि । cनोघान ब्राजा भा”कई कब्रिब्रांप्ह वtै. किरू cर cबर ! ७३ शृषिौत्रotण ५कशा जांभांब शूब cशषिब्रां अरे बांब छछिछांrष थांबाब गूख कब्रिब्राझ्tिनन, cगरे cश्छू जांभि छूहे हरेब विकूनन थांखार्ष बग्न ●नाम कब्रिध्नाहि । ५रे कष1. षनिश पर्दबाब विश्गर आख्द्रि चट्रपङि कऋिणन । जठ4द शृषिदौष्ठ cष कtब्रtइब्रा छिछ९खरनtवद्र गूबा कब्रिtषन, खाशब्रा नक्र्रणाणभूङ श्हेब्र श्रब्रमणन गाउ कब्रिारुन। अ७७क् cश् छौश्र ! छूयि७ विषिनूर्षिक छैशंद्र भूबा कब्र ।

प्रद्धां८मब्र कहिtजन, शूणtखाब्र 4हे कथ| थद१ कग्नि ब्रां ऊँौश्र भशभग्न उडिसाक् कार्तिकमान खझणप्कङ्ग डौिग्न। डिथिएउ दमयभून, চিত্রগুপ্ত ও যমদূত সকলের পূজা করিলেন। এই নিধিত্ত এই তিধির नाभ पमविठौद्रा इश्ल ।। 4हे मिएम ब्रख्फनननिजिठ क्रिण विछिऊ भून्न ७ tनtवमाiषि 4षः ७yभिथिउ cमानकदाब्र क्रिळशteद्र शूब कब्रिtष । अिगनौ श्षयउठ अब्रान्ति ७ अ९य भानाडाबम कप्णि বুদ্ধি, যশ:, जांबूदूचि अवर नर्की कामना निक इग्न । बांक cछांछनtrछ cषग्न जशानि छर्णिनैौएरू षिtदन । भज-"छ९-छि, यणब्र, cखांtर्ण, ज्ञांप्न ७ भांगभू१] फूभि cणषक ७ बैंमान्, cर बि७ख ! प्छामारक मधकाब्र कब्रि, पूमि नबूझभइरन शकौब्र गहिउ छ९गझ एश्ब्रांइ । cरु मशषांtश ! किं★V}¢ अशा भांगांtक वह £शांम कक्रन ।" क्लिबध« गड़है श्रेब्रा औभ्रष्क अरे षङ्ग अशांन कब्रिtणब। cश् वशवाप्श छौश्र ! थांबांद्र अनाप्त cडांबांब्र वृङ्क इश्व न । छूत्रि शषन श्। बहि,ि ७धम c७tक्षांङ्ग ध्रुघूा एवॆश् । हिम७१ा१ि खौश्र:, aऎ पब aयन्नांन कब्रिग्र। ऋगै शमन कब्रिtजन । *ड़े थकांtङ्ग वैशिञ्च शृथिवैौण्ड फ़िज७«tनtषब गूण कङ्गिरवब, *शब्र॥ ३शाणां८क नीनांवि१ भव:छष cडान कहिइ शब्रएलाक अकब्र पर्न ८उाण कटिक्न ... ज७७रु ७ई कांग्रtशां९-सि वकइt१ cद ¢कह कjब्रइ छिबetखन्न कर्ष छछिजएव अवन कब्रिtरन, उंशत्र नर्कशांषि श्रेtछ नूङ हरेका शीर्षत्रूि: इरेक्व 4ष१ बञ्चन्ोध्छु- हूंश्च नििरेव r (४) कमणांकबडी७ *शत्रभूवकडिrह 4दे **ांशीन डेक्ड कद्रिहश्व1 *::४ॐ :,

ట్రాక్టీ: #°4 ^ 3