ভৌতিকৰিঙ্গ্য। s शग्रण (भाकरी१), मोबा (निषेविा), बद्रवत्र (बाबिः | 1র ) হিন্দ (হিন্দুস্থান ) ও সিদ্ধ (গিন্ধ ) প্রদেশে বাস । कब्र । nडे गकण बिनविरणब्र आङ्गडि ०७ब्र ५० डॉन बांबईौग्र १ s gङ्ग ४० ङांत्र मांश्नबिलिडे । i शृगणनाप्नद्रा० ड्रडनादिद्र बछ जषद इड इफ्रेशत्र छछ नाना यकांब्र मज, दड, छळ, कदक, यांछ्णैौ, गणिङ { यङ्गडि बाबराइ कब्रिा थारकन। यज्ञ s झझाबि गाथाब्रभङः मामाब्रत्क्र, ८भाथप्र ७ कब्रणाइ चकिउ रुदेब्र थाप्रु, फूठो- | देहेtरू डाशञ्च भशाश्वtण यनांईक्वां भङ्गभों# कब्र हहेब्रl थांएक । লেই যন্ত্ৰ ৰ চক্রের চারি পার্থে ফল, ফুল, পাণ, শুপারি, তাড়ি ও নানা প্রকার ষষ্ঠ ৰাখিতে হয়। কেছ ৰ সেই চক্রেন । गत्रएष ५की भश्रि का8िबा डाशत्र काब्रिदिएक ब्रङ बिाहेब्रा সম্মুখে মৰিমুও রাখে ও তন্ত্রপরে বাডিান রাখিয়া অভিম্বস্থিত ; नजिङ जानिइ cभइ । भश्रिषद्र श्ष्ण cकश् वा भूङ्गी ७९नर्ग | करब्र, ८कझ् दी ड९*द्रियारी cब्रां*ौद्ध शरण निद्रा झूहे ७रूपॆी টাকাও সেই স্থানে রাখে। তৎপরে উচ্চৈঃস্বরে আরবী মন্ত্ৰ ! পাঠ করে ও নাসা প্রকায় অঙ্গচালনা করিতে থাকে। t बन्जी अिहे-"आबश्ण्डा आप्णकूब, क्षइ श्थश्, श्बियाब्रका, *ক্সিবাক জ্বালীন আলমীন, লঙ্কিক সক্ষিক, আকাইসন थाकाहेनन्, दक्किनन् बझिनन्, उनिनन् फनिनन्, श्ब्रजम श्ब्रङ्गन, शश्णम* श्णन, बश्णन् भश्णन्, गषिबिन् लभिबन्, गश्नि गनिन्, मदिअन्नबिज्रन्, दांश्शक थाडिमारे श्रगभाम दिन् गाउँश् (आठौ रियू भून् जणाम्) रूकाब्रग्न भिन् जानाग्न दिण भषाब्राब्रकोब्र बन्। धभग्नाङ्गदाइ cव थिन् जोरमविन्, ই ময়ে ৰল ই-সন্থ-রে। ।” অবশেষে রোজ রোগীকে জিজ্ঞাস করে, তাহার কোন ७धकांद्र बन्नभर्ष दी cम** शश्ब्रtरह कि मा, भांथांब डाव्र 'cदां५, भषद भएम ८काम ७यकोङ्ग बोडक श्हेरङग्न छ कि म ? अर्थदा পশ্চাৎ হইত্তে কেছ যেন জ্ঞাছার মাখা মাড়িতেছে এরূপ ৰোধ इश्रङtइ कि बा ? cग्रागैब्र भवदा वृदिब्रा ठीशङ्ग फूडाप्दभ इहे. ब्रारछ् कि म. ८ब्रांब fक कब्रिज्ञ cकरण । भांछ्रदब्र भन्नैौ८ब्र ठूङारवन कबिदाब जछ जथवा फूड काफ़ाहेबांद्र अज्ञ श्रांबवा, नादश ७ श्चूिछानैौ ङादाद इन्निड मानायकांद्र मड चायश् । भूजणमान ७षांनिरभक निकü cगहें जकल बज छमिरछ
- ft७थ्रघ्। श्नःि ॥
८काम cकाब गइज्राम थाञष cश्श्-चाक्षइ कद्विप्ण फूफाविधेररू झहे छाद्रि जखांश् नर्वाख श्रछण कब्रिद्रt cकरण, cज गवरण ८काम रूषाहे वरण मी, कोशब७ मरच कथा कह मा ॥ uरे [ 88ط रुच्रक पबिदाइ बछ खका cकाताप श्रेप्च् “श्ड्ष चक्द्राश्. cलोछिकविक्रा रेव आब्राश्रेनन् अन्३ज्कूङ्गा गहङ्कत्र आबश्ता क प्रव्ान झबैौ cब uके कश्णि बझकूरठी कूझ bषन् व हेन्नरर फूजफेिम" এই স্বরাটি ৩বার উচ্চারণ কল্পির থাকে। रुषम कषन भूगशषान ७झाब1 कूलtबिभॆद्म हांग्.१ ‘श्ञ। সঙ্গিও তন্মস্থাত বিস্ লক্ষে ৰস সম্বে কি সন্মে সমুক ইত্মা সস্থিও এই মন্ত্র উচ্চৈঃস্বরে কুক্ দেয়। षषन फूठ ङाण कग्निद्रा छोनिबा वरन, उषम फूडांबिहे প্রচও ভাব ধারণ করে। কখন বড় পলিতা লইয়া জালে৷ জালায়, আবার কখন সেই পলিতার জলন্ত অংশ মুখের ভিড়র পুরিয়া নিবাইয় ফেলে, কেহ বা মুরগীর ঘাড় কামড়াইয়া টাটুক। রক্ত পান করে । যখন আৰলতাবল ৰকিতে থাকে, ওঝা গথমে সেই ভূড়ের নাম চিহ্ন, ধাম, বদ্ধ কি মুক্ত, কখন cन गाहेtङ फ्राब्र, बाग्न छूठांबिtडेब्र cषरश् कि कब्रिाउ रेव्हा क,ि ५,ं गमिषं शिखागतः आग्ञ । जूल नि षषiष५ ङेखब्र দেৱ ত ভাঙ্গই, উ গুর ন দিলে ওঝা উচ্চৈঃস্বরে মন্ত্ৰ পড়িতে থাকে ও মায়িতে থাকে, তাছাতে ভূত অবশেষে সকল কথা প্রকাশ করিতে ৰাধ্য হয় । ভূত্তের পরিচয় পাইলে ওঝা श्रूमः श्रूमः किङ्गिणां कदन्, रि' णाँश्श्रl eवशन बङ्गिं, अषदा कि ब्रिह ब्राषिब्रा बाहेरद । फूफs cषांनष्ठः ५करनब्र ব। আধসের জোয়ারী, খই, মুড়কি, দধি, তাত, মৎস্ত বা মাংসের ঝোল, ডিম্ব, মহিষ, তাত্নী, শয়াৰ,শিৱণি, মানअकब्र कण इण, भद्रबाब्र यजङ दाठि वा मब्रनाईौ भूखें, জখব। অপর কোন ফ্রব্য চাহিয়া বসে। ওঝা ভাঙ্গ সরায়, কুলায় অথবা চুবতীতে ভূতের অভিপ্রেস্ট জৰ্য সাজাই৷ ভূতৰিষ্ট্রের মাখা হইতে পা পৰ্য্যস্ত সম্মুখে ও পশ্চাতে তিনবার घूब्राहेद ब्राप्ष । श्रृङ्ग ८गहे गंकण अवा cकाम बूझकरण वा मोडोप्द्र ब्रक्रम रूरब अथव डिकूकभित्क विख्बन कब्रिब्र1cनछ । ভূক্ত ছাফিৰায় জগ্রে ওঝা জিজ্ঞাসা করে যে, কোন স্থানে cब्राक्रेरक cकजिब्रो पश्ष्बि ७ कि जहेच्चा वाहेट्रव । कूङ ज्वान ७ बदJ निरर्षभं रूबिच्च दांप्रू। किरू ७कॉब्र छांशरफ बम:शूङ मा शश्रण कूडरक ऋद्मशब कब्रिबा करण, ‘७षाब ह'tङ इॉफिन्नां वा, यूcष cइक क्छ ७ यांषाका विल आहेइ वा' देखानि हेफादि । - अिहे ममङ्ग इलाडेि कथन वा अक्णष्करत्र क्लर्केप्ड थाप्क, उd केनश्ठि नकष्ण उरइ गब्रिक कांच । कथन बl aw नन পাখন (শাহ ২re ব্যক্তি স্বহৱে তুলিতে পারে ম) জনায়াসে फूणिद्रा जदेहtझ*छ भणाइ ॥ ७क डांशद्ध वकटकब्र cकन७क्र पब्रिज गरक्णाम पाइ, भक्लिवाद्य नबच्न झाकिङ्गा cक्इ। अड़िवाब्र