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- क्षिकाइ छेछष्ठ श्रानिजांड नडामहे नषांभ । 'उंशिtशद्र भाषाe विप्नष८कांन जाद्रज्मा गक्रिकइह मा । निडांब्र वरम अकबांय नूजनर्भर छैखब्रांषिकाबैौ इहबा थरिक । cकक्ण बाज ८जाई शूबरे मध्नखिद्र जघांम छोtणञ्च मथा१भ छोध चशिक <थासं श्छ। शूबग्न अङांप्द "ब्रिवीब्र-अक्षइ अॉड की जाछूशृजनन ७:cछाई की धूखछोटङछ णम्नङिग्न भषिकईौ शश्ब्र भारक, किरु ऐशइ गकरणहे मुड वाडिम्बंपिक्चt **ौत्रलएक छब्रण cभाष* कब्रिtफ दांव । नष्कृद्विबी विवबोर्जन चार्जीयम খোরপোৰ পাৱ। তাছায় চৰিত্ৰ কলুষিত হইলে ভাৰকে গৃহ श्हेप्ड वश्कूिरू कहिल्ला cन७ब्रो श्द्र । कछाभ५ दिदाश् नर्वास्त्र निकृषप्नद्र अ९*उॉनिर्मौ इहेबा धारक । ऊाशरश्छ ठ९काण
•ाबीउ औषनवाख्रा संवियार-दाङ्ग क्तिहमञ्चखि खद्देहज्र निक्ल्याङ् कश्विरख एद । निकtब्र शृङ्कब्र *ब्र आठभूख निकृनन्नद्धिब्र चश्नडने इश्रख् भाrग्न न। उcर अर्षि निका बुछूकोtण *ौद्ध भईौधरéब्र कथः खेरब्रष कक्रिद्रा वांइ, छाशं दशरण छाशश्च नन्नखि-आरउच्च श्राना थीहरू । ईद*ानैि कङिब्र क्षमांथिकां★ नौरे । , ; भूथरीय कखि बखक बह१ रूब्रिtछ काiहै, किछ tशेश्ळि : बँीविक वाकिर्दक कादांड७ गडकः अहष्पन्न चमक.माझे । । ऋनकक्षश्चि'लिब्रम স্বার্জেষ্ঠজৰে এই ক্ষএকটা প্রধান— }" }