পাতা:বিশ্বকোষ নবম খণ্ড.djvu/৪৭৫

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`ं ध्र-लॆमि अंशश्र्नैध-क्षेनि भि अश्tच-(s) श्वःभखारी १धकांश*थ cव झग बाबा भर्ष९ काजवाय्वविच् इईtष, tनह*ण वडङ्गंभ कनाक्षनि श्रद । (९) चs:गडारी क्च संज्ञा जनकाब cव श्रण कक रहेक, cबहे ऋन 'ेtङ्गं ध्रु वणिग्नःि श्रॆ:थ् । (७) cष श्च. षष्ठश्वच्छ(बैौ अणकांग्र दांब्राँ दछ वाला एहेरब, cगंरेहाथ कडभ* वालाक्ष्वनि रुई८ष । (8) cवर्षांएम दखः गकांमैौ श्रणकांव्र दांब्रt बाजामांन श्रे८ष, छथांब्र अगकांग्र वामीक्षपनि श्देष्व 1 (e) कविनिद्रशंङ्ग ८७धोtछसि निक पख वाजा श्रेrण वङ्गझल वJभाक्ष्वनि हहे८ष । (७) कवि cऔरक्लांखि लिक दखरांक जणकाँग्न झ* थालाक्षमि । (१) कविtडोप्प्लांखि-निक जनकांच्च बांप्री बाछामान बखङ्गणं षाणाक्ष्दनि । (v) कषि caयोफ़ालि-निरू जणकाँग्न दाँब्र! अणशांब्रङ्ग° बाधाशपनि १ {>) कविनिषरू cयोध्छ्रांखि निक पखचांप्र! याजाभांम चनजकांद्रक्रन दानाथवनि । (७०) कविनिषक घरडचाँध्न वाजाश्रtन दखङ्ग* पानावबनि । (२१) कविनियक दाखि ८७धोरक्लांखि गिक अवकांग्न दांब्र दTछामीन श्रहकृ* एTभाक्षरमेि ॥ {४२) कतिनिषक शrसि cयोtछ्रांद्धि-गिक त्रणकाँग्न षांज्ञा दाबामांज जणकर्षद्भग्न" ব্যঙ্গ্যধ্বনি । এই দ্বাদশ প্রকার তো । এই স্থলে প্রত্যেক লক্ষণের উদাহরণ প্রভৃতি বাহুল্য জয়ে প্রদত্ত হইল । ন, একটু মনোনিবেশ সহকারে দেখিলেই উদাহরণ স্থলে । লক্ষণ সমাবেশ তন্ত দুরূহু হুইবে না। একটা উদাহরণ দিলাম। “দিশি মলাশয়তে তেজঃ দক্ষিণগুtং রবেরঙ্গি । তস্তামেব রখোঃ পাণ্ড্যাঃ প্রভাপং ন বিবেহিরে।” (রযু ৪ স*) দক্ষিণদিকে স্বর্ঘ্যের তেজ মনীভূত হইয়াছিল, থাও্য নামক নরপতি সেইদিকে রঘুর তেজ সহ ক্ষরিতে পারে नाहे, प्रtéीब्र नक्रिशांग्रम श३८णहे चांठाविक cठण मलौछूङ হয়, এই স্বৰ্য্যতেঙ্গ অপেক্ষ রঘুর ভেজ অধিক, অতএব এই স্থলে স্বতঃসন্তাধী বস্তার রঘুর তেজ অধিক, এইরূপে ব্যক্তি রেক অলঙ্কার ধ্বনিত হইল। অতএব অনঙ্কাল্পরূপ ব্যক্ষ্যধ্বনি হইল। ধ্বনি সমুদায়ে ৫১ প্রকার ভেদবিশিষ্ট ।

  • তদেবমেকপঞ্চাশম্ভেদাপ্তপ্ত ধ্বমেমত।” (সাহিত্যা ৪২৬৪) ऐशt७ श्रांगांद्र नॉनtथकांग्र cछनबूङ । अहिला ७८ब्र उtश ७aनख रुहेण मा । ( गाँश्छिा भ* 84*ग्नि' } अणिकॉब्रिक পণ্ডিতদিগের মতে ধ্বনিকাব্যেয় জtঞ্চ । --

बैश्tश्च विश्वन श्itङ्गडिणं ५्रश्ां नििश्(७ श्षtदृश्-- .গু গ্রগুতে কুণ্ডলিনী শত্ৰহ্মময়ী ধিভূ । . - "ঙ্গে নমিতা रहन्छ|ब्रिएक्रविकु ' , A , ; : : t. ( भ{ांब्रध्नांडिलक } ... }, or "

      • च वकलेजकक्कन, संह ककब, ऋकबर्नी * भडिक अनच बम्बक, ऋiशांब ऋकि ह३:कझल्लि,*ढ़ते श्लानि

इहैtङ मांन खे९गंह इह ॥ ९ऋक्रबकूल sि९ भकिनत्रबाक्ला, देश जांकां★जकत्र ! :, wक्षे क्लि९ ब्रएलtश्श1 कृतेएल डtश भवनि *नदtठा श्ब्र, ऐशं अग्राहमिश्रलङ्कांक्छ । •ो°झोडा ट्रैक्सक्लानिकभुङ्ग झरछ,- . t:काब्र कtब्रt१ जफ़ बicश्रङ्ग भूब्रत्रtभूऋिञ्चङ्ग फे९कन्न अग्रिङ्ग, cगहे 8९कसान कांडjन की वज्ञ cकiल • थकाब्र *क्रिांणच् कईक कर्मवृहदछ त्रैौफ़ करेंtण, ,वतr*ब्रिहग्र cष अरु थकांब्रचाष्ट्रहकि ले९षंद्र क्छ, फ़्रांशांद्र बांश कानि । बाख ७ जवाछ cछtन कमि fरब्रिक । प्रांमब**ब्र क्रई, छांनू अंङ्गडिग्न अछिचांटङ cष ऋनि छे९*ब्र कूब, फ्रांश याङ छाष१ छढिछ। बच्चश मलिकप्छ 6ष श्रुतमि प्ले६°न्न श्ब्र, छह प्रसवाड । गगौडभtञ्चtज्ञछiब्रd wरे झूहे यक्रांब क्षबिटक भभूझ s कtर्कांड, uरे झहे witथं ब्रिछड कग्निब्रttइन । ब*म निर्किडे लभरन्नब्र भt५ मि#िडे ग१श्राक ७९ुश्च ब *१vitश्वेिड एंश्ाः निझभिख ७ प्रभदिच्छ्झि शूरमि फे९°म्न काक, उर्थन डङ्ट्रक शबूङ्ग क्षति बtण । अनिम्नभिछ फे९कन्छन छाझा ८श क्षतनि फे९°ल्ल श्ख्न फाइ कुर्क° । *काग्रमांन अtवाब्र अभूवक्ण cम श्रtrकांगिफ् इहेष्ठ थारक, डांइ नश्छदे यकि*झ कब्र पाहेtळ श्रृंitङ्ग । cफ्tन ধাতুনির্মিত খালার উপর কিঞ্চিৎ বালুক রাধির ঐ খাল বজাইলে স্পষ্টই দেখা যাইবে যে, বালুক্কাগুলি নৃত্য করিতেছে, যদি থালার অণুগুলি কম্পিত না, হইত, তাহা হইলে তদুপরিস্থিত বালুকাগুলি কখন নৃত্য করিত না । শব্দীয়মান ত্রব্যের অগুণফলের উৎকম্পনে ডএসন্নিহিত । ৰায়ুরাশিতে এক প্রকার তরঙ্গ উৎপন্ন হয় এবং সেই ভয়ঙ্গ जानिम्न कर्मेश् कथाक्ल कब्रिुण भंक अन जप्छा । भूछ ejमं शिश् चॆ१*डि बच्छंद न । बiब्रू {:बम्न *श्च श्रक्रिाणन कग्निरछ *rब्र, £नहेक्रश्व छमण ७ ब्रर्टिन श्रृंगांध जकज७ भक श्रृंग्निकाशन, कग्निtछ *{{इब्र. शृंग्रैौकtब्रॉब्र! हिमैौक्लड रहदेकॉरह cय ब्रांशूङांगिज़ ब्रश्न निब{#वनिङकश थख्ि সেকেঞ্চে ১১১৮ ফিটু গমন্স কল্পে । اللہ۔ क्षमिकान्न श क्षमिङ्ग६,क्तङख्गकबरश्न सिमन्ह+१उ । काँवpवंकॉर्थ, काँबाछलियम, ब्रश्नकtङ्गलग्र#च, मईक*ौ° ७ সাধিস্তাদর্পণে ইহায় হজ উদ্ধৃদ্ধ হইছে । ধ্বনিকাখ্য' (স্ত্রীস্টঙ্কৰক্ষাঙ্ক't. : o ; ೪.೭. थमिकूद (*) क्रनिर उ९थफिगावकर अइ५ रुप्तछि इः ४ tिश्रल् १ जनकलबरक्रम अनछालिको * . . .