مولونهها शिंद्रां ऊँiहांब्र कषों बाहेब्रl ७भनि ¢रू होगिद्र शंम कालिब्रां बनिरडन, cय बकिtबब्र ब्रांशं ५८क बां८ब खण ! इांश्च शङि, ७षम बांश८ङiष चfशै८ङ्ग् अकांटण हांब्राहेब्रां ८डांभांब्र cए वएनांकडे, তাহা ভাবিয়া আমার চোখে জল আলিতেছে, भां ! सकिम5८अज्ञ मरुप्रब्रडांब्र বলিব । মহারাণী স্বধুময়ী, তখন ব্রাহ্মণ পণ্ডিতদের শাল দান করিতেছিলেন। যে কৰ্ম্মচারীর छै°zब्र *ांण विगाईदांब्र छtछ, दकिभ5८कब्र गझेिड র্তাহীর পরিচয় ছিল । একজন পণ্ডিত, cनहे नकांन नाहेब्रा खश्रमैौ*दाबूब्र वाड़ौcङ আসিয়া হাজির। সেখানে ঐযুক্ত খগেন্দ্রनोक्षत्रु दगिब्र रुब्लि, रुढिभध्टबद्ध निकै उँॉइtब्र अशृtब्रां५°iङ्ग जिषंiहेब्र! जहेtस्थान । বঙ্কিমচন্দ্র, অনুরোধপত্র দেখিয়া বলিলেন, **ांकूद्र, श्रांमि काक्रtरू श*ाग्निन ब्रिtङ ভালবাসি না। তবে, খগেন্দ্র আমার স্নেহछांछन, डांब्र कथ! श्राभि cठंशृङ श्रृंॉर्क मा, कां८छहे ७वां८ब्र श्रां*नांब कांटर्षांकाँख इ’ज !”
- खि छ मशनिग्न, दङिय5८क ब्र श्रांगzब्र कू' ७कनिन थाकिब्रl *tण बाईब्रां शिब्रिटशन । किब्रिवाब्र नषtग्न, दकिमकत्र वन्zिणन, **ाकूछ, আমাদের বাড়ী থেকে মুছ হাতে ফিরলে—
चञां*ifन जांभांत &थडि बङ्ग «थनछ ह८बन ग८ण cबां५ इष्ह न । उ ७हे र६नामांछ किडू निनूम, निन " दगिब्रl *ांडू८ब्रव्र झां८ठ একখানি ১• छैfकांब्र ८नाप्ने “खछिड़ा मिट्टणम । বঙ্কিমচন্ত্রের চাঙ্গি ভ্ৰাতাই ডেপুটী भाॉजिrहै । cबाई शांबांछब्रन हाम्नां नकरणहे ७कौ अग्न उक्लर्डौ । نهاده ۵ ,ffج সাহিত্যসেবী । সঞ্জীবচজের কথা পদে बनिष, आँप्ण गर्संकमिई भूबिाबूब कथारे बगिब्रl लहे । श्रृंfदांबूहे वकिमछ८कब्र विश्रमांन ८*रु স্মৃতি । তাংকে দেখিলে, বঙ্কিমচন্দ্রকে মনে পড়ে। সেই প্রতিভাব্যঞ্জক দীর্ঘ নাসিক, সেই মৰ্ম্মভেদী দৃষ্টি। পূৰ্ণবাবু, বঙ্কিমচন্দ্র মপেক্ষ তিন বৎসবের ছোট। ৷ ठिनि क्रुविन् मारुिङाप्त्र छ रुद्देरठ विनांब नझेब्राcछ्न बtü,-किढ़ gनिएक उँोश्रु s ब५ अझ नग्न । दक्ष्यि, निcखहे रुणिtडन, *अtनtरू आभांब्र भङ করে লিখতে চেষ্টা করেছে বটে, কিন্তু চঞ্জশেখর ও পূর্ণ ছাড়া আর কেউ अविकण भाभाद्ध मठ निषष्ठ भारब न।" रुकि८मब्र गर्र८८ई डेwछाम “6ञ८१५८ञ” भूप्ञ्जिग्न निथिङ ७कछि ब्रिझब आtझ् । ॐाँइ fम “क्लन कt८ख ग्न छेहेtण"ब्र डिन 5ांब्रि;ि পরিচ্ছেদ পূর্ণsজ লিখিা দিয়াছেন। चाहि१4ब्र cननlब्र बूक्ला झक९ांख एशन किमाद्देcड दिमाहे८ड वध ८षथिtङ८छ्न, cगई স্থানটি পড়িয়া সকলেই নিশ্চয় হাসিয়াছেন । ८नझे कभ९कtब्र इtञ्चब्रtन{ञ्चगौ वधकांश्निौघैौs भूत्रिन ईरू गिषिठ ।
- वत्रम*न" याहिब कfअब्रl, बकिमयांबू, পূর্ণ6জকে লিখিয়াছিলেন, “তুমি বঙ্গদর্শনে किहू cणश्न ; 8*श्ठि चामि से*छfन फ्राणांt* *:ब्रूहि न! * 韓 -
डाशव्र झtण वत्रकर्नtन “बधूबडैौ” *** “8+लन गइक्लो” मावक फेनछोगदइ बा'हुं इद्र । ॐ*छन नष८क आबाcगब्र *ि* बौगिदाग्र शम माहे । उ८द, ७ को ?'