❖ፃፀ ७को बाङ्ग इंडेक निर्थिङ शृश् पाउँौङ चछ श्रृंश्७णिइ लिख्विाज अरनिडे चांtइ। ७३ शृं★र दूरुtण्tवद्र একটা মূৰ্ত্তি আছে। . . - तकाञ्च भग्नां तौल ७ दिछ झिालन । डिनेि वtषहे जर्ष नक्ष्द्र कबिब्रांश्लिन 4बर ३शब्र बिठबt*s बूङ हउ हिtणन ! डिनि जाडूब ७ अछांदऑtञ्चब्र बउiर cमाझ्न कब्रि८छन 4क्९ जनाष ७ सूकविtभद्र अछि क्रु”। •ब्रदर्श्व क्लिट्जन । उँइच्न झोक्क्षुम्न उँहiएक cजएक जनांषमाष वणिछ। ठिनि बूकtत्रtवद्र षtईब्र कर्ष ॐङ हरेंग्रां ॐtझाँग्न थछि वित्*य ७fडभान झ हे ब्रां ॐांशब नाcव ७की बिशांब निईic१ यठिट ठ श्हेब्रष्ट्रिप्णन। अरेछछ डिनि बूरु:श्वरक उथाम्न प्लेणश्ठि हहैग्न बै कान अझ्täब्र छछ जाश्व'न कबिtजब ।। পৃথিৰীপতি সারিপুত্রকে উপদেশ দিয়ার জন্য ঠান্থার ग्रहनं बैौ शहै८ङ बitष* थनान कfब्रएलन । ठूलूथ्र 4दः छैफ़इkन ईi*िछ यलिङ्ग] टैfझाँब्र! ब्रॉatब्र छिडक्न ठेगवूड इान विषठन कबिtणन । ब्रोछ। बिहान् कब्रि:जन : सक् िtठाश्इ श्रु4 बूझ। बांड; मैं इन जfप्रहाथन कfब्रtठ *Iइ, छlश्! इद्दे८ण जॉशि हेइ दियडू कब्रिह्छ *ifहि । स्ऽकांश्च ३श:छ द९*८ब्रtनांखि यौठ इ३८णन ! मै इाब जात्राविङ कब्जियाब अछ छिमि ठ९क्गा९ निब षन:रूष ठेवूड कबिrणन ! गावात्र बाज शन जlछहtविठ इश्tड बाँको हिल ! ब्राछ! ऍiइitक मिङ्गर् इ३दाइ छु जबूtद्धाश् कब्रिtणन कि छिनि १णिाशश् "cशेश्,१* १८४1ं चै१झ निश्डि " चtबि 4३ हtन प्रवtáब रोज caाक्ङि कब्रिव ।" ठ९°itā cण३ वृछ श्रन चिनि शिव निर्वा करिनन। भूषितीशछि बानवtरू गप्पावन कब्रिड बनिtजन छैनjitवब्र कूबि कइ कबिब्रा सकांक नान कनिम्नाrइन । J३ जबङ्ग हरेtछ ७३ इान:क छिछरुन छ मनft.५षIात्र अरे छेडा माश्रे जछिश्छि। रूद्र tशेक ।” ७३ व्छात्नत्व छेउबद्6 रिक ७०क्ने उ,ण जt:इ। ७३ इtन उषत्रकू गौढ़िड डिकूप्रू छल शाद्वl cषोड कब्रिब्रोहिष्णन । गूबांकांtण, ववन বুদ্ধ পৃথিৰীতে ৰাপ করিতেন, তখন একট পীড়িত ७ांबॅडौ । والأم لا ما t{ dة डिगू इ:विड ऽिउ विक्रैव नान रूहिंड 1भूषिरोोगठि छांशtरू tनषिश जिजानां कशिगन,-कि कtडे छूमि निर्विप्न दान कब्र ! छिदू ठेउब्र कब्रिज *बाभि च ङारद्ध: जवानांtषांश्री ७ चलन cकांनक्वि गोड़िएट* उॐष कग्नि नाहे : ७३भ१ बाiविभ्रंश ह७द्राग्न जानां८क७८कहरे ७*ष रूtब्र न " छषांनंठ हेशष्ठ झब्र:#क्लेिख हशेब्रा रनिtणन “द९ण ! चांबि३ cखांबांद्र cनस कबिद " ७द९ ठांशtक त्रछ हरेब्र! → कबिषाम'ज गौफ़ा जाrsiभा इरेण ! गtइ ठtशtक बश्tिécन चानब्रन शूर्तिक नूङन माइt॥ ३गtवभन कबाश्व्र बच्ने ठाराब आज ८शेउ कब्रिइ न्डन बछ मान रूब्रिtणन । "cब बूक थै छिद्ररू बलिtणन **३ नवग्न इ३tख ब्रिअंबी इहैब्रt कt१ कब्र " ७३ कथ! अद१ कद्विब्रl, fडयू ठाश्tब जाणtश्छद्र अशु जत्रु छन्। कबिच्न कुष्ठञ रिछ 3श्। व्र जयूनद्व१ कब्रिए७ লাগিল । - ठेवाrबब्र फडब नन्छिनcरूit१ ७ wtी क्रूज ७ भ আছে। মূল্যপুত্র এই স্থানে নিজ ঐৰি শক্তিবলে সারিপুত্রের কোমরবন্ধ উত্থানে বৃথা চেষ্ট रूबिब्राझिणन । भूबाकtण दूकरक्ष रुषन ॐथtन ॥१ प्ठौं शश्] ७ cक्षश्डlfigं ग१जह्* १|| कaिtडfहcनब, ठशन ¢कदल बाज नाब्रिभूद्ध जत्रूणf७ हिtजम उक्न दूरु मूल्याणाभूजएक गाभूिुरू जानङ्ग:वब अछ वltष* थकान क*िtगन । नाब्रिगूड cनई नबङ्ग निछ डिकू८कब्र ¢वनं ग:१itá নিযুক্ত ছিলেন । মূলগ্যপুত্র উাহাঙ্কে সম্বোধন कद्विग्ना वणिtनन *थडू ●रेकन जड:ठठ ३ष ठlt: बान् कब्रिग्न जt°नt:क जांझदान कfätछtईंने " नाविभूज वणिtणन *७३ cपन ग५काव्र ना हeन्न *** जाननि जtनक कब्रन , गtब थानि अIणना*** इश्व ” नूwनानूज पणिrणन cर "बकि अt** नोज बा आश्णन, अरु चाथि चावाब ' नङिबtण जाननां८क ● जाणनात्र बननक ****** नरेश वार१ ° उपय नाविभूज निब ***** eवृरू कविr, e *श इविstन निक" ** মুদিনে ৰে’ছি আপনি এই বোধক 缸引列
পাতা:ভারতী ১৩১৮.djvu/৭১৫
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