পাতা:রামায়ণম্‌ - পঞ্চানন তর্করত্ন.pdf/১৩৮৮

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$80? कांगचिtबब tषkब्रन (सtब्लव) औ८«म 5 बहर्किदा। পঞ্চতা বুত্রশিয়লা জগত্রাঙ্গমুপথৰ ॥ ১৯ चनद्यांवार वष९ छछ ग्लश विदूषविनः । छिश्नंश्च नश्य७ि ८णांश्छि[*१ बह्श्iः॥ २८ তৰিত্ৰং ৰহ্মহত্যাগু গন্থস্তমমুগচ্ছতি । अ*उकञ्च नारङ्गबू डयित९ फू:५वादिनं९ ॥ ४७ शजांद्रइ a "dडे त) cधवाः नाधि*रद्वश्रवाः । विदू९ झिकुदएक्लाम९ भूह'ुख्रुश्रृखछन्। ४१ ত্বং গজিঃ পরমেশম পূৰ্ব্বঙ্গে জগতঃ পিতা। ब्रचष६ नर्कङ्गउानR दिसूक्ष्मृन्छ'वॉन ॥ ४४ एज"siद्रर फूब्रां नृप्त्वा अश्वश्षJ15 तानवम् । বাধতে স্বরশাপূর্ণ মোঙ্কং ওস্ত ৰিনিৰ্দ্দিশ। ১১ cज्यां९ उचळ्नर् अङ्ग cमदाबा६ विषूद्रड्रौ९ ।। बkवव वजउर *झt *विप्रिंझामि दक्लिनम् ॥ २० পুণ্যেল হয়েধেল ৰামিষ্ট পাঙ্কশাসনঃ। नूनरङ्गशछि tषदानाबिठङ्षकू७ाख्द्रः ॥ २५ ७क्९ जत्रिश्न जा९ दानै९ cनदानाक्ष'भू८७त्रभाय् । चधां श्(ि***ः क्रूषानिहेश्म् ॥ २१ देकूलद्रक८० चडेनबउिउनः नर्णः ॥ २४ ॥ - হুয়ের মন্তকে নিক্ষেপ করিলেন। অবিলম্বে ঘোরতর প্রদীপ্ত মহাশিখাধুক্ত কালগ্নির জ্ঞায় প্রজ্জ্বলিত বুত্রमखक बिकूक्टबद्ध ब्राथ्नाननभूर्विक *उिछ रहेन। tक्काच देव ● 4दे चनष्ठांवि७ ठूज़क्रष अजाऊ श*चौ "ইয়াe গ্ৰহ্মহত্যাগুয়ে লোকালোক পৰ্ব্বত লক্ষণ नःि। ‘चश्चि चञ्चाभिनष्ट्यिं वर्षं diष्णम् । ১৯-৯৫ । বাঙ্গৰ প্ৰস্থান করিলে, ব্ৰহ্মহত্যাe ইত্রের , चंनििमौ एऎ॥1 कैशिनि *निौं **५१ झििण ; ब७. এৰ শ্রেও ইংৰঙালী হইলেন। এদিকে অগ্নি ●हडि इच्छ tत्रवज्ञ१e ऐटाविरौन इहेब्र बिठूदननङिक्हिानिकरप्ले शाहेब्र, बाग्नर्वाद्ग छैश५क भूजा ক*ি গণিগেন-পরমেশ্বর। আপনি সঞ্চলের আদি, अनc***नक ●प६ बांबार्मिtभद्र नंबन अजि ; वणि८७ कि, भगिनबानैश्च प्रचांद्र थsएँ जाननि वदे दि१द्रन আজ্ঞৰণ প্রশাসূল! আপ৭িই বুজৰে ৰং क#करदन्, किन्त 4चk4 बमरण। दानवरक जदिकfब्र “कद्विध्रह ? प्रचक्कर अक्रदच्4 रहेtउ ॐशद्ध मूङि कक्रन.१érपभ***** कथं सनिद्रा किए वजoनन,चलनि कनर अकहक ॰भूजाबक्रन, चानि छैiशरक श्,५ । *कन्नंगश् ऎवः *भि- , चंश् १छ्

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বাল্মীকি-রামায়ণম্। নবনবততম সর্গ: | उन तूझयष९ जढर्ववर्षिcणन न जकार्थः । কথয়িত্ব নয়শ্রেষ্ঠ কথাশেষং প্রচক্রমে। ৯ . ९cजा श्रङ यशौtर्षी ठू: a cषदखइक८८ ।। बकश७ातूs: *खा: न९छ९ tनcड म सूखएt॥ २ SSBBBB SBBB SBDHHH DDGBBBS SBCGES কলং ওয়াবলং কফিৰেষ্টাম ইবোরগt ॥ ৩ यषं मां शश्वंश् ऎfष्षडि?खश्|५ ।। फूभि"5 भरतनक्राची निरत्रश तच *ांनना ॥ s নিশ্রোতঃস্তে সৰ্ব্বে তু হ্রদাশ সরিতভধা। , , সঙ্গুেণগুশ্চৈব সত্ত্বনামনাবৃষ্টিকুতোহতৰং। ৫ ক্ষীয়মাণে তু লোকেইম্মিন সম্রাস্তমনসং স্বরা । যদুক্তং বিষ্ণুনা পূৰ্ব্বং তং যজ্ঞং সমুপাময় ॥ ৬ তত: সৰ্ব্বে দুরগণা; সোপাধ্যায়াঃ সহ"জ্ঞি। তং দেশং সমুপাঞ্জমূৰ্খমণে গুৰোহিত ॥ ৭ ভে তু কৃষ্ট সহস্রাঙ্কমারতং এহ্মত্যা। তং পুরস্কত্য দেবেশমশ্বমেধ প্রচক্রিরে। ৮ श्रद्रवद्र <ियू, cनवञ५८ऊ *ई च्यूज्बद्र ‘अदूष बांक दणिs ५६९ शब्थ**ठूक छूनान रहेक्षा दशर | श्र६न कश्णिन ।। ०७-१२ ।। māNomi নবনবতত্তম সগ । ७ेन श्ङ्गषु जच१ झ५ि-३६ऽ श्rं ब% अनिि' स् c१५ कश्खि चांश्च श्,ि-'ंश् अश्नः वशरोविाम् १॥ aं निरं हैश्च ठूजश्सा देठ उक्रश्७)ाक्रुँक अङ्किङ • इदेछ क्रिकर्ड१-दिमू" श्रेcणन 4प५ कूeनिफ फूबरकत्र' छां किब्ज्नडएर गहे थक्काद्रवद्र,रान लिहूकन बांनन করিলেন। এদিকে জেৰেজ অমুৰিষ্ট হওয়ার জগৎ ऽदित्र, शृषिदो ७क, मौइन अवर क्षचथा कानननक्न त्तक, नो',भूर (बkज्राशैिन, ब्लक गुण भ्रक अक्ष घनाइहैवनए, जौदनन नtत्रुक रहेइनफ्नि ॥ *~* । 4हेऋ* cणक जरूणरक चूक cपक्षि cश्चद१० अदिधक्ष्न रहेtन्न ५२५ भूखै विश्व cतकप कन्त्रि हिरणन,cनडेब्रन पण कfar७ क्नन काझी ***** डनाणइनरक्त गरिज् (क्शन च्झङ्कन कक्ष मकवान क¥िअदनन उपत *रिच् ,श्रेनन। ऋचा! लशहा उपां★♚भश्च् िइदेश **दशांच:#अणतः कईक नच्कूि* पनि कॅशक कृत में कीभ-क* No sur,