পাতা:রামায়ণ - লঙ্কাকাণ্ড (গঙ্গাগোবিন্দ ভট্টাচার্য্য).pdf/৩১৭

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ΤΙπίπ" Η بیمه चtरङ ब्रांचपनबिाकद्र बाबा कांक्रांज़e, न लब, कांझांब्र's মুগু ও কাহারও পাশ্ব দেশ চূর্ণ হইয়া গেল এবং সেই নিদারুণ আঘাতে নিপীড়িত হইয়া কেছ আৰ্ত্তম্বরে कौदकांग्न ७ ८कइ ८कइ अंडाश इहेम्ना श्रद्रांडान नग्नन “र्दिक একমাত্র জননীর শোকৰদ্ধন করিক্তে লাগিল । ঐ সময়ে স্বপক্ষীয় সেনাদলের আকুল ভাব দেখিয়, मब्राजक, कूडश्न्, गशनांम, ७ नगूबङ sके काब्रि ब्रन धश्रुखगन्निव निष्ठांछ cङ्गांभाविकें बैमा गइएवt * बांमद्रजिंकfट्रक कांघांपळ कब्रिह्ड़ बांब्राद्ध कब्लिकन । एठककfन यस विद्रनग६ बगिर्छ। थिदिन मागक वामब्र८रैौश ऊष्कन्। মাত্র এক প্রকাগু পৰ্বতশৃঙ্গ উৎপাটন পূর্বক এরূপ বেগে নিক্ষেপ করিলেন, যে নরা স্থক সেই আঘাতেই জধীর ও কিয়ৎকাল বিঘুর্ণিত হইয়া পরিশেষে অন্তকের আৰাসেই প্রস্থান করিল। অনন্তর দু-মুখ নামক রণकृतीन बांनcग्नद्रा शनिप्ऊ शनिदङ cयन ममांब्रांटन #क छांनउद्भम् ऎ***ाम्नेन शृकर्वक धशtग्न कद्विग्ना नमूम्ररङग्न छांनृ* aDD KD BBB BS BBBB BBBBD S BTSBBBB DBBD D BBBB BB BDD TBBB DDD DDD DS भशबांब गूर्विक ब्र**हान *ठिछ 'e ठनएख कूजश्नू, फाज्ञ मांबक मशक्न-ब्राजगञ्च बांनप्द्रब्र वंशtब्रष्टवtग ६ङtFठन ও রণশাৰী হইয়া কেৱলমাত্ৰ শৃগাল কুৰুৱের আনন্দ बकैन कब्रिाफ़ मनांकिन I - -- "o. * अनिएक ब्रचाब्रङ्ग ८ननाचङि धश्च बूङ्कर्ड गएषा भवि